ट्रांसपोर्ट नगर में आवंटित किए गए भूखंडों को ट्रांसफर तथा किराए पर दिया जा सकता है अथवा नहीं, इसका एक प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है। यह प्रस्ताव बोर्ड में भी शामिल किया जाएगा। दरअसल इसके तहत आवंटन के 5 वर्ष पूरे होने के बाद भूखंड को ट्रांसफर करने तथा किराए पर दिए जाने वाला प्रस्ताव तैयार किया गया है।
आपको बता दें कि इसके लिए मूल आवंटी को अब नोएडा प्राधिकरण की सभी शर्तों का पालन करना पड़ेगा। साथ ही इसके लिए ट्रांसफर तथा किराया दर भी तय की जा रही है। ताकि मिलने वाले राजस्व से प्राधिकरण को भी फायदा मिल सके।
साल 2018 में 501 तथा 2020 में 84 भूखंडों का हुआ था आवंटन:
दरअसल यूपी के नोएडा में ट्रांसपोर्ट की सहूलियत के लिए साल 2018-19 में कुल 501 भूखंडों का आवंटन किया गया था। यह सभी भूखंड 120 वर्ग मीटर से लेकर 150 वर्ग मीटर के है। इनको 24 हजार प्रति वर्गमीटर की रेट से आवंटित किया गया है।
इसी प्रकार साल 2020-2021 में भी कुल 84 भूखंडों का 25800 प्रति वर्गमीटर से आवंटन किया गया था। ब्रोशर की नियम तथा शर्तों के अनुसार आवंटन के 5 वर्ष तक भूखंड के स्थानांतरण पर रोक लगाई गई थी।
बता दें कि भूखंड का आवंटन साल 2018 में किया गया था। ऐसे में अब यह नई नीति बनाकर कार्यशील भूखंड का स्थानांतरण किया जा सके, इसके लिए भी एक प्रस्ताव तैयार किया गया है।
भूखंड ट्रांसफर करने हेतु निर्धारित होगा शुल्क:
आपको बता दें कि नोएडा प्राधिकरण में भूखंड तथा फ्लैट को ट्रांसफर करने के लिए प्राधिकरण को शुल्क भी देना होता है। वहीं यह दर सभी श्रेणियों में तय है। नोएडा प्राधिकरण ने यह माना है कि ट्रांसपोर्ट नगर औद्योगिक श्रेणी से जुड़ा हुआ एक पार्ट है।
इस वजह से प्राधिकरण का यह मानना है कि यहां पर भूखंडों के ट्रांसफर करने का शुल्क औद्योगिक शुल्क के ही बरामद होना चाहिए। प्राधिकरण ने बताया कि फिलहाल अभी बोर्ड के द्वारा यह तय किया जाएगा कि किस श्रेणी की दर को इसमें शामिल किया जाए?
देना होगा जीएसटी प्रमाण पत्र:
प्राधिकरण ने बताया कि फिलहाल जो प्रस्ताव तैयार किया गया है उसमे आवेदन पत्र के साथ साथ, प्रक्रिया शुल्क 5000 रुपए का, साथ ही 18 प्रतिशत जीएसटी तथा ट्रांसफर शुल्क, ट्रांसपोर्ट नगर के भूखंड प्रचलित आवंटन दर पर देना होगा।
इसके अतिरिक्त स्थानिक लाभ शुल्क का कुल 4 प्रतिशत प्रति वर्ग मीटर तथा 18 प्रतिशत GST, लेखा जल विभाग का चालान, बैंक NOC, बिजली बिल की अंतिम कापी तथा GST सर्टिफिकेट भी देना होगा। फिलहाल यह एक प्रस्ताव है जिस पर अभी मुहर लगना बाकी है।
किराए पर देने हेतु इन शर्तों का करना होगा पालन:
प्राधिकरण ने बताया कि ट्रांसफर के अतिरिक्त कोई भी आवंटी इस कार्यशील भूखंड को 10 वर्ष के लिए किराए पर भी दे सकता है। हालांकि इसके लिए प्राधिकरण के द्वारा औद्योगिक तथा संस्थागत दोनों किरायों से संबंधित दरों को बोर्ड में रखा जायेगा।
उन्होंने बताया कि इसमें किसी एक पर ही बोर्ड की मुहर लगेगी। वहीं भूखंड को किराए पर देने की यह भी शर्त होगी कि एक भूखंड पर केवल एक ही किराएदार रह सकता है, इससे अधिक नहीं।