नोएडा: आने वाले कुछ दिनों के बाद शहर में बनने वाली बहुमंजिला आवासीय इमारतों की ऊंचाई अब उतनी नहीं होगी, जितनी कि पहले की बनी हुई इमारतों की है। दरअसल नोएडा प्राधिकरण के द्वारा BIS यानि भारतीय मानक ब्यूरो की तरफ से तैयार बिल्डिंग बायलाज 2023 का अध्ययन करके पुराने बिल्डिंग बायलाज में संशोधन करने का निर्णय लिया गया है।
70 मंजिल से नीचे रहेगी आवासीय इमारतों की ऊंचाई:
बता दें कि अभी तक नोएडा के सेक्टर-94 में स्थित सुपरनोवा सबसे बड़ी इमारत, जो की 68 मंजिला है। दरअसल यह 86 मंजिला बनाई जानी थी, लेकिन इसको 70 मंजिला बनाए जाने के मानचित्र को स्वीकृति मिली हुई है।
अतः अब संशोधित बायलॉज में यह उम्मीद की जा रही है कि इस प्रकार की सभी बहुमंजिला आवासीय इमारतों की ऊंचाई अधिकतम 70 मंजिल या इससे नीचे ही रहेगी। किसी भी स्थिति ने इससे उपर बहुमंजिला आवासीय इमारतों का निर्माण नहीं किया जायेगा।
नोएडा प्राधिकरण की बैठक 12 जुलाई को:
आपको बता दें कि अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी की अध्यक्षता में नोएडा प्राधिकरण, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण तथा यमुना प्राधिकरण के प्रशासनिक, नियोजन तथा परियोजना एवं विधि विभाग के अधिकारियों की समिति का गठन करके यह प्रस्ताव नोएडा प्राधिकरण में तैयार किया गया है।
ऐसा माना जा रहा है कि इस प्रस्ताव को आने वाली 12 जुलाई की तारीख को नोएडा प्राधिकरण की प्रस्तावित 214वीं बोर्ड बैठक के द्वारा मंजूरी मिलने वाली है। जिसके बाद इन नियमों का संचालन शुरू कर दिया जायेगा।
2 मकानों के बीच वाली दीवार पर नहीं डालेगी जायेगी कोई छत:
आपको बता दें कि इसके बाद ग्रुप हाउसिंग में अब कोई भी बिल्डर बगैर सुविधाएं विकसित आइए फ्लैट में कब्जा नहीं दे पायेगा। साथ ही भूखंड पर जो नए मकान बनाए जायेंगे वहां 2 मकानों के बीच वाली दीवार पर कोई छत नहीं डाली जा सकेगी। भूखंड में सेटबैक के लिए यह हिस्सा तकरीबन चारों तरफ अब छोड़ना होगा।
बिल्डर के खिलाफ फ्लैट खरीददारों की रहती है शिकायत:
दरअसल फ्लैट बायर्स की ग्रुप हाउसिंग प्रोजेक्ट में यह शिकायत रहती है कि बिल्डर के द्वारा सभी जरूरी सुविधाओं का विकास किए बगैर ही उनको कब्जा दे दिया गया है। कहीं पर पार्किंग अधूरी रहती है तो कहीं पर क्लब हाउस तथा फायर सेफ्टी के भी इंतजाम नहीं रहते हैं।
प्राधिकरण ने बताया कि यह समस्याएं आगे न रहें इस लिए ही प्रस्तावित बिल्डिंग बायलाज में इस प्रकार की व्यवस्था की गई है, ताकि बिल्डर जब नक्शे के लिए आवेदन करे तो सर्विस प्लान अलग से दिया जाए।
बता दें कि फिलहाल नोएडा में अभी तक साल 2010 में प्राधिकरण की ओर से बनाए गए बिल्डिंग बायलॉज ही लागू हैं। यह बायलाज FAR यानि फ्लोर एरिया रेशियो पर आधारित था।