नोएडा: उत्तर-प्रदेश की आर्थिक राजधानी नोएडा अब विकास की एक नई दिशा में आगे बढ़ने को कदम बढ़ा रही है। भारत की राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (National Clean Air Programme - NCAP) के तहत नोएडा प्राधिकरण को 300 करोड़ रुपये की फंडिंग स्वीकृति मिली है। इसका मकसद शहर के रोड इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपग्रेड कर प्रदूषण और ट्रैफिक जाम की दोहरी समस्याओं से निपटना है।
कहाँ कहाँ होगा फंड का इस्तेमाल
इस फंड का इस्तेमाल सड़कों के कायाकल्प, ट्रैफिक सुधार और वायु गुणवत्ता बेहतर करने के लिए किया जाएगा। अधिकारियों का दावा है कि अगले कुछ वर्षों में नोएडा एक ईको-फ्रेंडली, मॉडर्न और स्मूथ ट्रैफिक फ्लो वाला शहर बन जाएगा।
नोएडा प्राधिकरण ने क्या कहा!
नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ रेणुका सिंह ने बताया कि इस रकम से शहर के कई प्रमुख मार्गों का रिडेवलपमेंट, डस्ट फ्री रोड का निर्माण और हरित पट्टी (ग्रीन बेल्ट) को बढ़ाने जैसे कार्य किए जाएंगे। इसके अलावा ट्रैफिक जाम से निजात दिलाने के लिए स्मार्ट ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम, फ्लाईओवर और अंडरपास का निर्माण भी इस योजना में शामिल है।
क्यों खास है यह योजना
नोएडा लंबे समय से वायु प्रदूषण और सड़कों पर लगने वाले जाम की समस्या से जूझता आ रहा है। NCAP की फंडिंग से अब इस पर सीधा और प्रभावशाली प्रहार किया जाएगा।
प्रदूषित शहरों की लिस्ट में नोएडा शामिल
नोएडा पिछले कुछ वर्षों से देश के सबसे प्रदूषित शहरों की लिस्ट में शामिल रहा है। हर साल सर्दियों में यहां की हवा इतनी जहरीली हो जाती है कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन अब 300 करोड़ की इस स्कीम के जरिए शहर की हवा को साफ करने और जनजीवन को आसान बनाने की तैयारी तेज़ कर दी गई है।
योजना के तहत इन कामों को मिलेगा तवज्जो:
पुरानी और धूलयुक्त सड़कों की मरम्मत और री-कार्पेटिंग
अत्यधिक ट्रैफिक वाले इलाकों में सिग्नल फ्री सुधार, रोटरी और रैम्प का निर्माण
एंटी-स्मॉग गन, मिस्ट स्प्रिंकलर, डस्ट कंट्रोल यूनिट की तैनाती
प्रदूषण मापने और नियंत्रित करने के लिए अत्याधुनिक मॉनिटरिंग सिस्टम
नए फुटपाथ, साइकिल ट्रैक और ग्रीन बेल्ट का निर्माण
जानें क्या हैं NCAP
NCAP भारत सरकार की 2019 में शुरू की गई एक राष्ट्रीय योजना है, जिसका मकसद 2026 तक प्रमुख शहरों में PM 2.5 और PM 10 स्तरों में 40% तक की कमी लाना है। इस योजना के तहत लक्ष्य प्राप्ति की दिशा में केंद्र सरकार विभिन्न शहरों को फंड प्रदान करती है जिससे वे प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए जरूरी इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित कर सके।
कैसा रहा नोएडा का औसतन AQI
नोएडा में पिछले कुछ वर्षों में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) अक्सर 300 से ऊपर चला जाता है, जो बेहद खतरनाक श्रेणी में आता है। ऐसे में यह 300 करोड़ की योजना नागरिकों को स्वच्छ हवा में सांस लेने को आसान बनाएगा।
क्या बोले अधिकारी
नोएडा प्राधिकरण के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया,
“इस राशि से हम ऐसे कदम उठाएंगे जो लंबे समय तक असर दिखाएंगे। हमारा फोकस प्रदूषण कम करने के साथ-साथ जनता को बेहतरीन स्मार्ट सिटी जैसा अनुभव देना है।”