नोएडा प्राधिकरण एवं एनटीपीसी पर करीब 72 दिनों से धरने पर बैठे किसानों ने अंततः प्रशासन तथा शासन से हुए वार्ता के बाद अपने धरने को समाप्त कर दिया है। आपको बता दें कि 81 गांव के किसानों द्वारा 11 दिसंबर 2023 से प्राधिकरण पर धरना दिया जा रहा था। तो वहीं, 24 गांव के किसान भी 18 दिसंबर से लगतार एनटीपीसी पर धरने पर बैठे थे।
काफी लंबे समय से चल रहे ये दोनो धरने भारतीय किसान परिषद के ही बैनर तले हो रहे थे। जिसका नेतृत्व भी इस परिषद के संयोजक सुखबीर खलीफा के द्वारा किया जा रहा था। वार्ता के बाद प्रशासन ने किसानों को आश्वस्त किया है कि उनके ऊपर अब तक लगाए गए सभी मुकदमें भी जल्द ही वापस ले लिए जायेंगे। इसके अलावा उनकी सभी मांगों को एक कमेटी के सामने रख कर उस पर काफी विस्तार से चर्चा भी की जाएगी। जिसके बाद किसानों ने प्राधिकरण के बाहर लगे अपने अपने तंबुओं को हटा दिया है। तो साथ ही पुलिस ने भी यह यहां 72 दिनों से लगी बेरिकेडिंग को हटा लिया है और सड़क को पूरी तरह से खोल दिया है।
NTPC भवन पर जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने कहा कि किसानों को कमेटी को करीब तीन माह का समय देना चाहिए। ताकि तीन महीने में कमेटी अपना काम अच्छे से कर ले। भारतीय किसान परिषद् के अध्यक्ष नेतृत्वकर्ता सुखवीर खलीफा ने कहा है कि कमेटी बन गयी है और इसलिए यह धरना भी खत्म किया जा रहा है।
नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में किसानों द्वारा अपनी समस्याओं को लेकर काफी लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा था। लंबे समय तक चली वार्ता के बाद किसानों की समस्याओं को दूर करने हेतु मुख्यमंत्री के निर्देश पर अब एक समिति गठित की गई है। समिति में राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष तथा मंडलायुक्त मेरठ एवं जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर भी शामिल होंगे। समिति के सदस्यों को मुख्य कार्यपालक अधिकारी नोएडा एवं ग्रेटर नोएडा द्वारा भी सहयोग प्रदान किया जाएगा।
धरना समाप्त हो जाने के बाद धरने के दौरान लगाई गई सभी बेरिकेडिंग को हटा लिया गया है। प्रशासन ने किसानों को आश्वस्त किया है कि आपकी मांगों को भी पूरा किया जाएगा।
बता दें कि किसानों की समस्याओं के निपटारे हेतु एक हाइपावर कमेटी का गठन किया गया है। इस कमेटी की पहली बैठक आने वाली 27 फरवरी को प्रस्तावित है। बैठक में एनटीपीसी से जुड़े सभी मुद्दों को रखा जाएगा। तो साथ ही नोएडा प्राधिकरण से भी प्रभावित किसानों की सुनवाई होगी। इससे पहले समिति नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण भी आ सकती है और यहां किसानों की मांगों एवं अधिकारियों से वार्ता भी कर सकती है।
धरना समाप्त को लेकर किसानों का कहना है कि प्राधिकरण की ओर से उनसे यह भी वादा किया गया कि उन्हें शहर के अस्पतालों एवं स्कूलों में किसान परिवारों को आरक्षण भी दिया जाएगा। तो साथ ही औद्योगिक इकाइयों में उन्हे नौकरी भी दी जायेंगी। किसानों का अब तक यह आरोप रहा है कि किसान परिवारों को इन सभी लाभों से वंचित किया गया है।