11 साल बाद भी अधूरा पड़ा नोएडा क्रिकेट स्टेडियम: 350 करोड़ पहुंच गई लागत लेकिन स्टेडियम में नहीं लगी कुर्सियां, प्राधिकरण कर सकती है कंपनी को ब्लैक लिस्ट, जानें पूरी खबर…
11 साल बाद भी अधूरा पड़ा नोएडा क्रिकेट स्टेडियम

उत्तर प्रदेश के नोएडा सेक्टर-21A में स्थित स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के अंतर्गत नोएडा क्रिकेट स्टेडियम को अंतर्राष्ट्रीय मानकों पर बनाया जाना तय हुआ था। जिसके लिए सपने दिखाए गए थे कि इस स्टेडियम में टी-20 जैसे कई अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले भी होंगे। लेकिन वर्तमान में यह क्रिकेट स्टेडियम सिर्फ लोकल क्रिकेट मैचों तक ही सिमट कर रह गया है।

खास बात तो यह है कि इस स्टेडियम का निर्माण कार्य 58 करोड़ रुपए की लागत से शुरू हुआ था,लेकिन वर्तमान में इसकी लागत लगभग 350 करोड़ तक पहुंच गई है। लेकिन आज तक इसमें फ्लड लाइट भी नहीं लग पाई है। वहीं दर्शक दीर्घा में बैठने हेतु कुर्सियां भी नहीं है। शानदार पवेलियन तथा मैदान वाले इस स्टेडियम की दीवारें भी अब धूल फांक रही हैं।

15 दिन का जारी किया गया नोटिस:

दरअसल यही वह मुख्य वजह है कि प्राधिकरण के द्वारा इसका संचालन कर रही कंपनी पर एक बड़ी कार्रवाई कर दी गई है। कंपनी की ओर से स्टेडियम से होने वाली आय को बढ़ाने के लिए भी कोई प्रयास नहीं किए गए। 

ऐसे में सुविधाएं विकसित नहीं होने पर नोएडा प्राधिकरण की ओर से स्टेडियम का संचालन करने वाली फर्म, जिसका नाम फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया है, की लीज को रद्द करते हुए 15 दिनों का नोटिस जारी कर दिया गया है।

15 साल की दी गई थी लीज:

आपको बता दे नोएडा प्राधिकरण के द्वारा साल 2021 में नोएडा क्रिकेट स्टेडियम का संचालन 15 साल के लिए लीज पर फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया को दिया गया था। वहीं कंपनी को स्टेडियम में फ्लड लाइट लगाने तथा दर्शक दीर्घा में कुर्सी लगाने के साथ साथ दूसरी कई सुविधाएं भी विकसित करनी थी। 

इसके अतिरिक्त कंपनी के द्वारा प्रतिमाह होने वाली 1 लाख रुपए की आय को और बढ़ाने के लिए भी प्रयास किए जाने थे, जो कंपनी के द्वारा नहीं किए गए। साथ ही वहां किसी बड़ी प्रतियोगिता का आयोजन भी नहीं किया जा सका।

25 हजार की क्षमता वाला है नोएडा क्रिकेट स्टेडियम:

राजधानी दिल्ली के अरुण जेटली क्रिकेट स्टेडियम के बाद NCR में दूसरा उच्च संसाधनों वाला स्टेडियम नोएडा क्रिकेट स्टेडियम है। इसका निर्माण भी सभी अंतरराष्ट्रीय मानको पर किया जाना था। लेकिन 11 साल पूरे होने के बाद भी यह स्टेडियम अभी तक पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाया है।

जबकि लखनऊ का इकाना स्टेडियम महज 2 साल 8 महीने में ही तैयार होकर अंतर्राष्ट्रीय मैचों की मेजबानी करने लगा है। वहीं हिमाचल के धर्मशाला में तो मात्र 150 करोड़ रुपए की लागत से ही अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम तैयार हो गया तथा वहां पर लगातार बड़े मैचों का आयोजन भी हो रहा है।

नोएडा स्टेडियम से भी कम लागत में तैयार स्टेडियम:

1)धर्मशाला, हिमाचल : 150 करोड़

2)मोहाली, पंजाब : 200 करोड़

3)राजकोट, गुजरात : 250 करोड़

4)पुणे, महाराष्ट्र : 300 करोड़

5)कटक, ओडिसा : 350 करोड़

जांच एजेंसियों की चक्कर में फंसा स्टेडियम:

दरअसल प्राधिकरण की ओर से इसके निर्माण में भारी अनियमितताएं भी बरती गई हैं। जिसका खुलासा CAG की रिपोर्ट में भी हो चुका है। वहीं CBI पूरे मामले की जांच भी कर रही है। नोएडा प्राधिकरण के इस भ्रष्ट तंत्र के कारण ही शहर के करोड़ों रुपए इस पर खर्च हो चुके है। लेकिन अभी तक इसका निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है।

वहीं इस स्टेडियम में अभी तक सिर्फ स्थानीय मैच ही कराए गए हैं। कंपनी कोई भी बड़ा आयोजन अब तक यहां पर नहीं कर सकी तथा न ही स्टेडियम से होने वाली आया को वह बढ़ा सकी है। ऐसे में प्राधिकरण के द्वारा पहले उसे अल्टीमेटम दिया गया है तथा 15 दिन में कंपनी को ब्लैक लिस्ट भी कर दिया जायेगा।

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