निठारी हत्याकांड पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई: ट्रायल कोर्ट ने सुनाई थी फांसी की सजा, लड़कियों की हत्या कर उन्हे पका कर खाता था आरोपी, जानें क्या है पूरा मामला?
निठारी हत्याकांड पर सुप्रीम कोर्ट में होगी सुनवाई

उत्तर प्रदेश के नोएडा का बेहद चर्चित निठारी हत्याकांड का मामला अब सर्वोच्च न्यायालय पहुंच गया है। दरअसल इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा सुरेंद्र कोली को बरी किए जाने वाले फैसले के खिलाफ CBI ने शीर्ष कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। CBI की याचिका पर ही सुप्रीम कोर्ट के द्वारा सुरेंद्र कोली को नोटिस जारी किया गया है, और उससे मामले को लेकर जवाब मांगा गया है।

आपको बता दें कि यह याचिका उत्तर प्रदेश सरकार तथा CBI की तरफ से दी गई थी। SG तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि सुरेंद्र कोली एक खतरनाक और सीरियल किलर है। हालांकि ट्रायल कोर्ट के द्वारा इनको मौत की सजा सुनाई गई थी, लेकिन बाद में इलाहाबाद हाईकोर्ट से उसे राहत मिल गई थी।

आइए जानते हैं कि कौन हैं सुरेंद्र कोली:

चर्चित निठारी हत्याकांड का मुख्य आरोपी सुरेंद्र कोली फिलहाल इलाहाबाद हाईकोर्ट के द्वारा बरी कर दिया गया है। आपको बता दें कि वह उत्तराखंड राज्य का रहने वाला है तथा वह मोनिंदर सिंह पंढेर के घर पर कार्य करता था। 

वर्ष 2004 में जब मोनिंदर सिंह पंढेर का परिवार पंजाब चला गया था, तब सिर्फ पंढेर तथा कोली ही घर पर रहते थे। फिर इसी बंगले में इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया था। जिसके बाद की गई हत्याओं तथा दुष्कर्म के लिए उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी ।

हत्या के बाद लाशों को पका कर खाता था:

उत्तर प्रदेश सरकार तथा CBI की तरफ से शीर्ष अदालत में पेश हुए SG तुषार मेहता के द्वारा कहा गया कि वह एक खतरनाक सीरियल किलर है। उम्र में छोटी लड़कियों को बहला-फुसलाकर अपने साथ ले जाता था। बाद में उनकी हत्या कर देता था, फिर उन्हें पकाता था और बाद में खाता था।

हालांकि ट्रायल कोर्ट के द्वारा उसे मौत की सजा सुनाई गई थी। लेकिन हाईकोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया है, जो वाकई में बेहद भयानक है। फिलहाल अब इस मामले की अगली सुनवाई कब होगी, अभी तक इसकी तारीख सामने नहीं आई है। वहीं ऐसा माना जा रहा है कि अब सुरेंद्र कोली की शीर्ष कोर्ट के बाद मुसीबत बढ़ जाएगी।

कोर्ट ने उसे कुल 14 केसों में किया था बरी:

नोएडा के निठारी हत्याकांड में सुरेंद्र कोली तथा मोनिंदर सिंह पंधेर के द्वारा की गई अपील को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंजूर कर लिया था। बाद में हाईकोर्ट ने इस पर रोक लगा दी थी। बता दें कि निठारी मामले में कुल 14 केसों में हाईकोर्ट ने सभी दोषियों को बरी कर दिया था। इसमें से कोली को कुल 12 तथा पंधेर को कुल 2 मामलों में राहत मिल गई थी।

हालांकि, सुरेंद्र कोली को शीर्ष कोर्ट के द्वारा एक केस में फांसी की सजा सुनाई गई है। जो फिलहाल अभी भी बरकरार रही। यह फैसला जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र तथा जस्टिस SHA रिजवी की बेंच ने सुनाया था। लंबी चली बहस के उपरांत अपीलों पर फैसला सितंबर माह में सुरक्षित रख लिया गया था।

कोठी पर बुलाते थे कॉलगर्ल:

निठारी नोएडा के सेक्टर-31 में एक गांव है। यहां पर D-5 कोठी में ही मोनिंदर सिंह पंधेर रहता था। मोनिंदर सिंह मूलतः पंजाब का रहने वाला है। वर्ष 2000 में उसने यहां पर यह कोठी खरीदी थी। लेकिन 2003 तक तो उसकी फैमिली भी साथ रही, लेकिन बाद में मोनिंदर को छोड़कर बाकी सभी लोग पंजाब शिफ्ट हो गए। तब मोनिंदर इस घर में अकेला रहने लगा।

इसी दौरान उसने उत्तराखंड के अल्मोड़ा के सुरेंद्र कोली को बतौर नौकर अपने घर में रख लिया। मोनिंदर सिंह अक्सर अपनी कोठी पर कॉलगर्ल को बुलाता था। एक बार सुरेंद्र कोली ने भी वहां पर आई एक कॉलगर्ल से शारीरिक संबंध बनाने की अपनी इच्छा जताई। लेकिन कॉलगर्ल ने कुछ ऐसा कह दिया जो सुरेंद्र कोली को काफी बुरा लगा। 

जो लड़की इस कोठी में गई वो नहीं आई वापस:

बता दें उसकी बात के बाद सुरेंद्र ने उसका गला दबाकर वहीं पर उसकी हत्या कर दी तथा लाश को कोठी के बराबर वाले नाले में ठिकाने भी लगा दिया। यह D-5 कोठी में पहला मर्डर था। इसके बाद तो जो भी लड़की इस कोठी में आई, वह वापस जिंदा नहीं गई। 

वहीं इसके बाद धीरे-धीरे उस इलाके से कई छोटी बच्चियां भी लापता होनी शुरू हो गईं। प्रत्यक्षदर्शियों के द्वारा उन्हें आखिरी बार इसी D-5 कोठी के बाहर देखा गया था। लेकिन कोई ठोस सबूत नहीं होने से पुलिस मोनिंदर तथा सुरेंद्र पर हाथ नहीं डाल पाई थी।

ऐसे शुरू की पुलिस ने तलाश:

आपको बता दें कि 25 वर्ष की आनंदा देवी भी इसमें से एक थी। वह मोनिंदर पंधेर के घर में एक घरेलू सहायिका के तौर पर आई थी तथा 31 अक्टूबर साल 2006 को अचानक लापता हो गई थी।

वहीं इससे पहले भी उत्तराखंड के ऊधम सिंह नगर की दीपिका उर्फ पायल अपनी नौकरी की तलाश में 7 मई वर्ष 2006 को मोनिंदर सिंह पंधेर के पास आई थी और वह भी वापस अपने घर नहीं लौटी। 

इसके बाद  24 अगस्त 2006 को नोएडा पुलिस के द्वारा अपहरण का एक केस दर्ज करके जांच शुरू की गई तो गायब हुई दीपिका का मोबाइल सुरेंद्र कोली के पास मिला। यह पहला केस था, जब ऐसे किसी मामले में मोनिंदर पंधेर तथा सुरेंद्र कोली फंस गए थे। 

नाले से मिले थे 19 से भी अधिक कंकाल:

पुलिस के द्वारा उनसे सख्ती से पूछताछ की गई तब उन्होंने दीपिका उर्फ पायल के साथ रेप करने के बाद उसकी हत्या करके लाश को कोठी के बराबर वाले नाले में फेंकने की बात कबूल की थी। 29 तथा 30 दिसंबर 2006 को नोएडा पुलिस के द्वारा नाले से बड़ी संख्या में मानव कंकाल बरामद किए गए थे जो सिर्फ लड़कियों के थे।

इसके बाद नोएडा पुलिस के द्वारा मोनिंदर सिंह पंधेर तथा सुरेंद्र कोली के खिलाफ रेप एवं हत्या के कुल 19 मामले दर्ज किए गए थे। इसमें से अभी तक कुल 16 मामलों में कोर्ट के फैसले भी आ चुके हैं।

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