नोएडा: संयुक्त किसान मोर्चे के नेतृत्व में किए जा रहे किसान आंदोलन में शामिल किसान नेताओं की गिरफ्तारी के पश्चात शासन के विरोध में भारतीय किसान यूनियन के द्वारा आज महापंचायत का ऐलान किया गया है।
आपको बता दें कि आज यानि बुधवार 4 दिसंबर को ग्रेटर नोएडा के जीरो पॉइंट पर इस महापंचायत का आयोजन किया जाएगा। बता दें कि इस महापंचायत की अगुवाई भाकियू अध्यक्ष और किसान नेता राकेश टिकैत के द्वारा की जाएगी।
कई जिलों के किसान आज पहुंचेंगे महापंचायत में:
दरअसल किसान भवन सिसौली में हुई एक पंचायत में यह निर्णय लिया गया है कि उत्तर प्रदेश के कुल 5 मंडल जिसमें मेरठ, अलीगढ़, सहारनपुर, मुरादाबाद तथा आगरा के किसान गौतम बुद्ध नगर के जीरो पॉइंट पर इस महापंचायत में पहुंचेंगे।
साथ ही उत्तर प्रदेश के करीब 13 मंडल के अन्तर्गत आने वाले सभी जनपद भी अपने-अपने संबंधित थानों में ही शांतिपूर्वक धरना प्रदर्शन करेंगे। वहीं किसानों के नोएडा कूच के इस ऐलान के पश्चात पुलिस प्रशासन के द्वारा किसानों को उनके घरों पर ही रोके जाने की भी तैयारी की जा रही है, ताकि नोएडा किसान आंदोलन में वह लोग नहीं पहुंच सके।
महापंचायत में हो सकती है आगे की रणनीति पर चर्चा:
ऐसा माना जा रहा है कि इस किसानों की महापंचायत में आगे की भी रणनीति पर चर्चा की जा सकती है। इसके अतिरिक्त पश्चिमी उत्तर प्रदेश के भी किसानों की अपनी आवाज को अधिक मजबूती के साथ उठाने का भी संदेश दिया जाएगा।
वहीं किसान नेताओं का यह कहना है कि किसानों के मुद्दों पर सरकार के द्वारा बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में यह महापंचायत सरकार को एक बेहद मजबूत संदेश देगी।
महापंचायत के संबंध में क्या कहा राकेश टिकैत ने:
आपको बता दें कि सिसौली में हुई किसानों की मीटिंग के संबंध में राकेश टिकैत के द्वारा जानकारी देते हुए यह बताया गया है कि आज यानि 4 दिसंबर को यूपी के गौतमबुद्धनगर में एक बड़ी किसान पंचायत होगी। राकेश टिकैत के द्वारा सभी से इसमें शामिल होने का भी आव्हान किया गया है।
साथ ही ऐसा भी अनुमान है कि राकेश टिकैत के द्वारा ही आगे भी फैसला लिया जा सकता है। राकेश टिकैत ने कहा कि हम अपने जीरो पॉइंट के धरना स्थल पर जाएंगे। इसलिए पुलिस हमें रोकने का काम नहीं करे। राकेश टिकैत के द्वारा कहा गया कि जिस तरह से सरकार की पॉलिसी चल रही है, वह बर्दाश्त के काबिल कतई नहीं हैं।
जानते हैं कि क्या हैं किसानों की मांगें:
दरअसल किसानों की मांगें हैं कि साल 1997 से लेकर अब तक प्राधिकरण के द्वारा अधिगृहीत जमीन के एवज में सभी किसानों 10 प्रतिशत का अतिरिक्त विकसित भूखंड दिया जाए। इसके साथ ही 64.7 का अतिरिक्त मुआवजा भी दिया जाए।
वहीं नए भूमि अधिग्रहण कानून के हिसाब से किसानों को 4 गुना मुआवजा राशि भी प्रदान की जाए। इसके अतिरिक्त हाईपावर कमेटी के द्वारा किसानों के पक्ष में जो भी निर्णय लिए गए है, उसे किसानों के हित के लिए तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
ऐसा बताया गया कि साल 1997 से अब तक नोएडा प्राधिकरण के द्वारा जमीन अधिग्रहण के एवज में कुल 16500 किसानों को 5 प्रतिशत का विकसित भूखंड देने का दावा किया जा रहा है, जबकि करीब 6070 किसानों को 5 प्रतिशत का विकसित भूखंड मिलना आज भी बाकी है।
देश में बड़े आंदोलन की है जरूरत: राकेश टिकैत
राकेश टिकैत के द्वारा कहा गया कि एनजीटी के नाम पर 10 साल पुरानी गाड़ियां एनसीआर (NCR) में लेकर नहीं चल सकते हैं, उसके लिए 20 हजार रुपए के चालान हैं। राकेश टिकैत के द्वारा यह भी पूछा गया कि, क्या जनता यह सब भूल गई है तथा जनता पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है?
उन्होंने आगे कहा कि हिंदुत्व तो एक मात्र बहाना है, असली मकसद तो किसानों की जमीन पर कब्जा करना है। राकेश टिकैत के द्वारा कहा गया कि देश में एक बड़े आंदोलन की फिर से जरूरत है। वहीं इस आंदोलन का मुख्य उद्धेश्य नोएडा में जो भी किसान जेल में बंद किए गए हैं, उनको छुड़वाना है।
जिला प्रशासन हुआ पूरी तरह से अलर्ट:
हालांकि भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के द्वारा किसानों के समर्थन में उतरने के पश्चात जिला प्रशासन भी पूरी तरह से अलर्ट हो गया है। वहीं अभी से ही बड़े किसान नेताओं के घरों के बाहर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। इसके साथ ही हर परिस्थिति से भी निपटने के लिए प्रशासन के द्वारा कमर कस ली गई है।