भूमाफिया उठा रहे हैं आचार संहिता की आड़ में फायदा : लगातार बढ़ रहे हैं जमीनों पर कब्जे, प्राधिकरण के कुछ अधिकारियों की भी रहती है मिली भगत?
भूमाफिया उठा रहे हैं आचार संहिता की आड़ में फायदा

नोएडा: नोएडा में अब भूमाफिया के द्वारा जमीन पर होने वाले कब्जे के मामले चुनावी आचार संहिता लगने के बाद लगातार बढ़ते जा रहे हैं। चुनावी ड्यूटी में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के तैनात होने की वजह से भूमाफियाओं को मौका मिल गया है। लगातार शिकायतों के मिलने के बाद प्राधिकरण के कुछ वरिष्ठ अधिकारी अब इस मामले में सक्रिय हुए हैं। इनमें से कुछ मामलों को लेकर FIR भी दर्ज़ कराने की तैयारी प्राधिकरण के अधिकारीयों के द्वारा की जा रही है।

ज़मीन पर कब्जे के समय अधिकारी भी साधे रहते हैं चुप्पी:

बता दें कि प्राधिकरण को मिली शिकायत के अनुसार नोएडा के कई ऐसे गांवों में भूमाफिया जमीन पर कब्जा करने के लिए सक्रिय हो गए हैं जिनके बारे में थोड़ी बहुत जानकारी अधिकारियों के पास भी है। हाल ही में कब्जे के लिए ऊंची दीवार खड़ी करने से लेकर वहां प्लॉट काटने, मिट्टी डालने तथा कमरा बनाने के मामले बढ़े हैं। 

माना जा रहा है कि यह सब कुछ प्राधिकरण की अधिसूचित तथा प्राधिकरण द्वारा अर्जित जमीनों पर हो रहा हैं। यह भी बताया जाता है कि कहीं न कहीं इन सबकी जानकारी प्राधिकरण के वर्क सर्किल स्तर के कुछ अधिकारियों के पास भी होती है। लेकिन जमीन पर कब्जा करने के दौरान प्राधिकरण के अधिकारी इसका विरोध नहीं करते हैं और इन मामलों में अपनी चुप्पी साधे रहते हैं।

साथ ही वर्तमान में देश में चुनावी माहौल भी चल रहा है। ऐसे में पुलिस प्रशासन भी इस पर किसी तरह के एक्शन लेने से बचते हुए नजर आते है। उनकी ओर से कोशिश की जाती है चुनाव के समय किसी भी तरह का कोई हंगामा न हो, क्योंकि जब भी इस तरह के कब्जे हटाने की कोशिश की जाती है तो भूमाफिया की तरफ से उनको दबाने की बात लोगों में फैलाई जाती है। ऐसे में क्षेत्र में शांति के भंग होने का खतरा भी पैदा हो जाता है। इसलिए भी प्रशासन फिलहाल अपने कार्यों पर रोक लगाए हुए है।

ज़मीन की पुष्टि को लेकर प्राधिकरण और गांव के बीच बना हुआ है संशय:

बता दें कि लाल डोरा की जमीन को लेकर गांव वालों का कहना है कि यहां अभी तक जमीन के बारे में कुछ तय नहीं हुआ है। 
दरअसल उनका कहना है कि कहां तक की जमीन गांव की है तथा कहां से जमीन प्राधिकरण की जमीन शुरू हो रही है, इसके बारे में कोई भी बात स्पष्ट नहीं है और प्राधिकरण भी इसको लेकर संशय में है। 

पुरानी आबादी के हिसाब से ग्रामीण उक्त जमीन पर अपना अधिकार जताते हैं। कई बार प्राधिकरण इसका विरोध भी करता है। लेकिन अभी तक प्राधिकरण और गांव वालों के बीच कोई भी बात नहीं बन पाई है।

आइए देखते हैं कहां हो रहे हैं जमीनों पर अवैध कब्जे:

सूत्रों के अनुसार कई गांवों में अवैध तरीके से जमीनों पर कब्जे का सिलसिला लगातार चल रहा है। इसमें गढ़ी चौखंडी, बसई ब्राउद्दीन नगर, सोरखा, बरौला, सलारपुर, नगली वाजिदपुर, सर्फाबाद, झट्टा बादौली, नया गांव, ककराला समेत कई गांव शामिल हैं। इसके अतिरिक्त डूब क्षेत्र में हुए कब्जे और प्लॉटिंग का काम भी पूरे साल चलता रहता है। इस पर भी प्राधिकरण द्वारा अब तक कोई लगाम नहीं लगाई जा सकी है।

प्राधिकरण के कई अधिकारी ही बताते हैं भूमाफियाओं को रास्ता:

ऐसा देखा गया है कि कई बार भूमाफिया को प्राधिकरण के जूनियर स्तर के कुछ अधिकारियों का ही शह मिल जाता है। सूत्रों के अनुसार ऐसे ही कुछ अधिकारी होते हैं जो उन्हें आगे का रास्ता भी बताते हैं। 
दरअसल भूमाफिया निर्माण करने के बाद कोर्ट का सहारा ले लेता है। निर्माण को गिराने के बाद भी भूमाफिया कोर्ट को चला जाता है। कई मामलों में उक्त खसरा पर वह स्टे लेकर आ जाता है।

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