नोएडा में मानसून मद्देनजर युद्धस्तर पर शुरू हुई नालों की साफ-सफाई: नोएडा प्राधिकरण ने 240 कर्मियों समेत उतारी पूरी मशीनरी, जानें पूरी खबर विस्तार से…
नोएडा में मानसून मद्देनजर युद्धस्तर पर शुरू हुई नालों की साफ-सफाई

नोएडा: दरअसल नोएडा प्राधिकरण के द्वारा मानसून को ध्यान में रखते हुए शहर की जल निकासी व्यवस्था को तेजी के साथ सुदृढ़ करने के लिए व्यापक अभियान शुरू किया गया है। इसके लिए नालों की साफ-सफाई का कार्य युद्ध स्तर पर शुरू किया गया है।

मुख्य नालों की साफ सफाई करने के पीछे प्राधिकरण का उद्देश्य बारिश के मौसम में जलभराव की समस्या से निपटना है। साथ ही यातायात को भी सुगम बनाए रखना है।

मशीनों तथा 240 सफाई कर्मचारियों से हो रहा है काम:

नोएडा प्राधिकरण के जन स्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ परियोजना अभियंता SP सिंह के द्वारा कहा गया है कि हमने नालों की साफ सफाई के लिए व्यापक व्यवस्था की है। इसके लिए 41 जेसीबी मशीनें, 8 पॉक्लेन मशीनें, 30 हाईवा, 240 सफाई कर्मचारी तथा करीब 102 ट्रैक्टर ट्रॉली लगाए गए हैं। 

उन्होंने बताया कि हमने जाम हुई कल्वर्ट को जल्द से जल्द खोलने के लिए कुल 3 सुपर सकर मशीनें भी लगाई हैं। एसपी सिंह के अनुसार 30 जून को सेक्टर-62 तथा सेक्टर 63 के आंतरिक नालों के कल्वर्ट की सफाई का काम किया गया है।

इन इलाकों में किया गया सफाई का काम:

सेक्टर 62 तथा 63 के अलावा सेक्टर-23 एवं 24 के बीच भी मुख्य नाले की सफाई की गई। साथ ही खोड़ा लैबर चौक से लेकर रजत विहार तक नाले की सफाई भी हुई। वहीं सुरभि अस्पताल के पास मौजूद बड़े नाले की सफाई का काम भी किया गया। इसके अतिरिक्त बरौला में पास बड़े नाले की सफाई की गई। 

इसके साथ ही काशी राम आवास योजन बोर्ड सेक्टर-45 की भी सफाई हुई। वहीं कंचनजंघा मार्केट सेक्टर-53 में नाले की साफ सफाई के साथ सेक्टर-34 से लेकर 52 तक के सभी मुख्य नाले भंगेल, नया बांस सलारपुर तथा सेक्टर-76, 105, 122, 125, 135, 137 तथा 150 में भी सफाई का काम किया गया।

करीब 11.17 करोड़ से कुल 153 ड्रेन को किया जा रहा है साफ:

प्राधिकरण के DGM एसपी सिंह ने बताया है कि शहर में कुल 153 ड्रेन मौजूद है। जिनकी लंबाई करीब 298 किमी है। इन सभी ड्रेन को साफ करने के लिए तकरीबन 11.17 करोड रुपए हमारे द्वारा खर्च किए जा रहे है। वहीं आने वाली 10 जुलाई तक यह काम पूरा हो जाएगा।

उन्होंने बताया कि पहले फेज में कुल मिलाकर 73 ड्रेन की सफाई की जाएगी। जिनकी लंबाई करीब 148 किमी है। इनकी सफाई के लिए लगभग 5.50 करोड़ रुपए का खर्च आएगा। 

वहीं दूसरे फेज के तहत कुल 80 ड्रेन में शामिल की गई हैं। इनकी लंबाई करीब 149.75 किमी है। वहीं इनकी सफाई के लिए लगभग 5.67 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बनाई गई है।

आइए जानते हैं कि नोएडा में जलभराव के क्या हैं पाइंट:

वर्क सर्किल-1 : दलित प्रेरणा स्थल, सेक्टर-95
वर्क सर्किल-2 : सेक्टर-19 तथा ब्रह्मपुत्र मार्केट
वर्क सर्किल-3 : लॉजिक्स मॉल के सामने जलभराव था
वर्क सर्किल 4 : फोर्टिस अस्पताल के सामने जलभराव था
वर्क सर्किल-5 : प्रकाश अस्पताल सेक्टर-33 के सामने जलभराव था
वर्क सर्किल 6 : सेक्टर-17 के नार्थ आई क्रॉसिंग तथा ग्रान-सोरखा में भी जलभराव था
वर्क सर्किल-7 : B-210, फेस-2 लो लेईंग एरिया में भी जलभराव था
वर्क सर्किल-8 : सेक्टर-110 के मार्केट जलभराव था
वर्क सर्किल-9 : नौएडा तथा ग्रेटर एक्सप्रेस-वे के हाजीपुर
अंडर पास तथा पंचशील अंडर पास के नीचे भी जलभराव था
वर्क सर्किल-10 : कोंडली अंडर पास, एडवांट अंडर पास तथा झट्टा अंडर पास में जलभराव था।

24 घंटे ड्यूटी के साथ चल रहा है सफाई अभियान:

बता दें कि यहां पर 24 घंटे नालों की साफ सफाई का काम किया जा रहा है। हालांकि इसके लिए अलग-अलग टीमों का गठन भी किया गया है। ताकि किसी भी टीम पर ज्यादा दबाव न आए। वहीं यह सभी टीमें राउंड ओ क्लॉक ड्यूटी के माध्यम से नालों की साफ-सफाई का काम कर रही है।

परियोजना के अभियंता गौरव बंसल ने बताया है कि इस कार्य को दिन-रात यानि 24 घंटे चलाया जा रहा है ताकि बारिश के मौसम में होने वाले जलभराव तथा यातायात बाधित होने की कई समस्याओं से बचा जा सके। इसके लिए हमने कई टीमों का भीनगठन किया है,जो 24 घंटे परियोजना पर काम कर रही हैं।

वहीं परियोजना अभियंता (जन स्वास्थ्य प्रथम) RK शर्मा ने बताया है कि हमारी पूरी टीम मौके पर फील्ड में मौजूद रहकर यह सुनिश्चित भी करती जा रही है कि सभी नालों की सफाई का काम जल्दी और गुणवत्तापूर्ण तरीके से ही हो।

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