रजिस्ट्री नहीं होने से परेशान घर खरीददार निकालेंगे कार-बाइक रैली: 15 दिसंबर को तीनों प्राधिकरण के खिलाफ होगा हल्ला बोल, जानें क्या है पूरा मामला
रजिस्ट्री नहीं होने से परेशान घर खरीददार निकालेंगे कार-बाइक रैली

गौतम बुद्ध नगर: जिले में लंबे समय से फ्लैट बायर्स द्वारा रजिस्ट्री तथा घरों की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे अधिकतर घर खरीददारों  ने अब कार तथा बाइक रैली निकालकर शासन प्रशासन के सामने अपनी मांगों को रखने का फैसला किया हैं। बता दें कि सरकार के तमाम वादों तथा दावों के बावजूद आज भी लाखों लोगों को अपने आशियाना की रजिस्ट्री का इंतजार है।

इन्हीं समस्याओं के परिप्रेक्ष्य में अब घर खरीदारों के द्वारा आने वाली 15 दिसंबर की तारीख को एक विशाल कार-बाइक रैली निकालने का फैसला किया है। बता दें कि यह रैली ग्रेनो वेस्ट से लेकर नोएडा स्टेडियम तक निकाली जाएगी।

गौतमबुद्ध नगर के तीनों प्राधिकरणों के खरीददार होंगे शामिल:

आपको बता दें कि नेफोवा अध्यक्ष अभिषेक कुमार का यह कहना है कि इस बार निकाली जाने वाली कार-बाइक रैली में केवल ग्रेटर नोएडा वेस्ट के ही घर खरीददारों शामिल नहीं होंगे बल्कि इस बार तो इस रैली में ग्रेटर नोएडा वेस्ट के साथ साथ नोएडा तथा यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण के परेशान घर खरीदार भी दिशा लेंगे। 

इसके अतिरिक्त उनका यह भी कहना है कि घर खरीददारों इससे पहले कई बार जंतर-मंतर पर इस मुद्दे को लेकर धरना भी दे चुके हैं लेकिन यदि उनकी मांगें नहीं मानी जाएंगी तो कार-बाइक रैली के पश्चात एक बार फिर से जंतर-मंतर पर ही सभी घर खरीदार जुट सकते हैं।

सरकार ने दिया था भरोसा, लेकिन नहीं हुआ कोई काम:

दरअसल आंदोलन में अपनी अहम भूमिका निभा रहे मिहिर गौतम के द्वारा यह कहा गया है कि सरकार के द्वारा कई बार यह भरोसा दिया गया था कि जल्द ही सभी घरों की रजिस्ट्री पूरी करवा दी जाएगी। लेकिन वर्तमान समय तक बहुत ही कम घरों की रजिस्ट्री संपन्न हुई है। इसलिए यह आंदोलन फिर से शुरु हो रहा है।

इसलिए 15 दिसंबर को कार-बाइक रैली के माध्यम से हज़ारों घर खरीदारों के शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके लिए फिलहाल रजिस्ट्री आंदोलन से जुड़ी हुई टीमें अलग-अलग सोसायटियों में जनसंपर्क अभियान कर रही हैं। बता दें कि यह रैली नेफोवा कार्यालय से होते हुए नोएडा स्टेडियम तक जाएगी।

एग्रीमेंट टू लीज के फैसले को बताया तुगलकी फरमान:

इसके साथ ही मोहित गौतम का कहना है कि यमुना प्राधिकरण समेत नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के “एग्रीमेंट टू लीज” का फैसला भी एक तुगलकी फरमान है। इसलिए हम इसका विरोध करते हैं। 

एक तरफ इसकी कोई गारंटी नहीं रहती है कि हमें घर कब मिलेगा, तो वहीं उससे पहले ही फ्लैट के मूल्य का कुल स्टैंप शुल्क जमा करवा लेना कहां तक न्यायोचित है? इससे बेहतर तो यह होता कि पूरे फ्लैट मूल्य के बजाय सिर्फ 5% रकम के ही वैल्यू पर “एग्रीमेंट टू लीज” करके दिया जाता तो इससे अधिक बेहतर होता।

अधिकारियों ने बिल्डरों के साथ बैठक कर दिए थे निर्देश:

दरअसल फ्लैट खरीदारों की सहूलियत हेतु उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से अमिताभ कांत समिति का गठन किया गया था, वहीं उसकी सिफारिशों को 21 दिसंबर 2023 को लागू भी कर दिया गया था। इसके पश्चात जनवरी महीने से प्राधिकरण के अधिकारियों के द्वारा बिल्डरों के साथ बैठक की गई थी।

वहीं इस बैठक में अधिकारियों के द्वारा बिल्डरों के इस पैकेज पर सहमति देते हुए कुल बकाया राशि का 25 प्रतिशत धनराशि जमा करने के लिए निर्देश दिए गए थे। हालांकि अब तक 57 में से लगभग 46 परियोजना के बिल्डर के द्वारा ही करीब 460 करोड़ रुपए जमा किए जा चुके हैं।

हजारों खरीददारों की अभी तक नहीं हुई रजिस्ट्री:

उन्होंने बताया कि इसमें कुल बकाये का 25 प्रतिशत अथवा इससे कम राशि देने वाले दोनों प्रकार के बिल्डर्स शामिल हैं। इन परियोजनाओं में लगभग 2700 फ्लैट की रजिस्ट्री अब तक हो जानी चाहिए थी, लेकिन इसमें से सिर्फ 1800 फ्लैट्स की ही रजिस्ट्री पूरी हुई है। 

वहीं इसके अतिरिक्त ग्रेटर नोएडा में लगभग 6990 लोगों की रजिस्ट्री की गई है। जबकि प्राधिकरण को तकरीबन 574 करोड़ रुपए बिल्डर के द्वारा जमा किए गए हैं। इसके अतिरिक्त भी हजारों की संख्या में बायर्स मौजूदा हैं जिनके फ्लैट की रजिस्ट्री अभी तक नहीं हो पाई है।

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