कनॉट प्लेस या बुर्ज खलीफा की तर्ज पर नोएडा में बनेगीं ऊंची इमारतें: प्राधिकरण जल्द निकालेगा कॉमर्शियल प्लॉट योजना, जानें पूरी खबर…
कनॉट प्लेस या बुर्ज खलीफा की तर्ज पर नोएडा में बनेगीं ऊंची इमारतें

उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगम जिले के नोएडा सेक्टर-32 में खाली पड़ी हुई जमीन पर दिल्ली के कनॉट प्लेस अथवा दुबई के बुर्ज खलीफा की तर्ज पर ही ऊंची-ऊंची इमारतों का निर्माण कराया जा सकता है। अब इसके लिए नोएडा प्राधिकरण में बड़े अधिकारियों की बीच मंथन भी शुरू हो गया है।

बड़े वाणिज्यिक प्लॉटों को किया जा सकता है शामिल:

इसके बाद संभावना यह भी जताई जा रही है कि नवरात्र से पहले ही प्राधिकरण का वाणिज्यिक विभाग इस कमर्शियल प्लॉट योजना को तत्काल रूप से लॉन्च कर सकता है। 

बता दें कि इस बार इसमें 200 तथा 300 वर्ग मीटर के छोटे प्लॉट नहीं हैं, बल्कि 20 से लेकर 40 हजार वर्ग मीटर अथवा इससे अधिक तक के वाणिज्यिक प्लाटों को योजना में शामिल किया जा सकता है।

15 व्यावसायिक प्लॉटों की योजना की जाएगी लॉन्च:

इसको लेकर बीते मंगलवार को अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी संजय कुमार खत्री के द्वारा वाणिज्यिक विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक भी की गई है। जिसके बाद उन्होंने बताया है कि नवरात्र से पहले ही नोएडा प्राधिकरण के द्वारा कुल 15 व्यावसायिक प्लॉटों की योजना लॉन्च होने जा रही हैं।

वहीं उन्होंने आगे बताया कि इसमें 200 अथवा 300 वर्ग मीटर ही नहीं, बल्कि इस बार 20000 से 40000 वर्ग मीटर तक के सभी बड़े प्लॉट को भी योजना में शामिल होंगे। जिस पर बड़े बड़े शॉपिंग मॉल तक भी तैयार किए जा सकते हैं।

ई-नीलामी के माध्यम से होगा आवंटन:

उन्होंने बताया कि इनका आवंटन e-नीलामी के माध्यम पर किया जाएगा। वहीं उन्होंने आगे कहा कि सेक्टर-62, 96, 97, 98 तथा 105 आदि सेक्टर में संबंधित ही ये प्लॉट चिह्नित किए गए हैं। 
वहीं सेक्टर का व्यावसायिक आवंटन रेट ही उसका रिजर्व प्राइज होगा। आवेदक को प्लॉट लेने हेतु इससे अधिक कीमत की बोली लगानी पड़ेगी।

योजना में शामिल किए जा सकते हैं और भी प्लॉट:

आपको बता दें कि योजना लाने के क्रम में ही प्लॉट के लिए जगह भी चिह्नित की गई है। वहीं अब इससे आगे की प्रक्रिया पर जल्द ही काम शुरू होगा। ऐसी उम्मीद है कि अगले महीने में प्लॉट योजना लाई जाएगी। 
वहीं यह भी प्रयास है कि योजना में और भी प्लॉट शामिल किए जाएं। फिलहाल इसके लिए जगह भी देखी जा रही है।

पिछली योजना में खाली रह गए थे कई प्लॉट:

दरअसल पिछले वर्ष भी व्यावसायिक प्लॉटों की योजना प्राधिकरण लेकर आया था। लेकिन अधिकांश प्लॉट उस वक्त बिना बिके ही रह गए थे। जिसके बाद अधिकारी भी यह मान रहे हैं कि प्लॉट की कीमत अधिक होने के कारण ही आवेदक आगे नहीं आए थे।

इसलिए इस बार फिर यह प्रयास किया जा रहा है कि इनकी कीमत सस्ती हो। इसकी तैयारी नोएडा प्राधिकरण में शुरू भी हो चुकी है। वहीं अब जल्द से जल्द व्यावसायिक गतिविधियों का संचालन भी कराया जाए। फिलहाल प्राधिकरण अलग-अलग विकल्प पर लगातार विचार कर रहा है।

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