उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल जिले के संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा नोएडा मीडिया क्लब में प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस आयोजन में एक बार फिर से किसानों ने 3 जुलाई को जिला कलेक्टर पर प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है।
प्रेस वार्ता में सुखबीर खलीफा और रूपेश वर्मा ने यह आरोप लगाया है कि उनकी मांगे नहीं मानी जा रही है। इसलिए अगर जरूरत पड़ी तो वह सभी दिल्ली कूच भी कर सकते हैं। इसके लिए रणनीति भी तैयार की जा रही है।
जानते हैं कि आखिर क्या है पूरा मामला:
प्रेस वार्ता के माध्यम से यह जाहिर कर दिया गया है कि एक बार फिर हजारों किसान 3 जुलाई को सूरजपुर कलेक्ट्रेट ऑफिस पर जय जवान जय किसान, भारतीय किसान परिषद तथा भारतीय किसान सभा के नेतृत्व में कलेक्ट्रेट का घेराव किया जाएगा।
दरअसल बीते 21 फरवरी 2024 को किसान आंदोलन के परिणामस्वरूप प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा अधिग्रहण से प्रभावित सभी किसानों की समस्याओं पर विचार करके अपनी सिफारिशें देने के लिए 1 हाई पावर कमेटी का गठन किया गया था।
बता दें कि इस 3 सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष अध्यक्ष रजनीश दुबे हैं, जो राजस्व परिषद के भी अध्यक्ष हैं। जबकि उनके साथ मंडल आयुक्त तथा गौतम बुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार भी कमेटी के सदस्य हैं।
समिति को सौंपे गए थे ये काम:
इस कमेटी को तीनों प्राधिकरणों के अंतर्गत अधिग्रहण तथा सीधी खरीद से प्रभावित हुए सभी किसानों के 10% आबादी के प्लाट दिए जाने तथा नए कानून को लागू करने एवं अधिग्रहित आबादियों को छोड़े जाने से संबंधित अपनी सिफारिशें देने का कार्य सौंपा गया था।
21 मई को सौंपनी थी समिति को अपनी रिपोर्ट:
बता दें कि समिति को अपनी सिफारिशें 3 महीने के अंदर यानी 21 मई तक सरकार को दे देनी थी। लेकिन 3 महीने का समय पूरा हो जाने के बावजूद अभी तक किसानों के पक्ष में कमेटी के द्वार अपनी कोई सिफारिशें नहीं सौंपी हैं। जिसके विरोध में ही अब किसान ग्रेनी प्राधिकरण सहित जिला कलेक्ट्रेट पर धरना देने तथा आंदोलन करने की योजना बना रहे हैं।
अफसरों ने किए सिर्फ झूठे वादे:
किसान नेता सुखबीर खलीफा का यह कहना है कि हमेशा नोएडा के किसानों को सिर्फ झूठा आश्वासन ही मिलता है। हम किसानों का जो हक है वह हमें नहीं दिया जा रहा। इसके लिए अब हम दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर हो गए हैं।
हम प्राधिकरण से लेकर सरकार तक से भी मदद की गुहार लगा चुके हैं। उन्होंने कहा कि इतना करने के बाद भी कोई भी हम किसानों की समस्या पर ध्यान ही नहीं दे रहा है। हमारी जमीन पर लगातार विकास हो रहा है।
उसके बावजूद भी प्राधिकरण और सरकार के द्वारा किसानों को अनदेखा किया जा रहा है। इसलिए अब इसको कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब इंसाफ की लड़ाई हो कर रहेगी। तथा यह इंसाफ की लड़ाई यहां से लेकर दिल्ली तक भी लड़ी जाएगी।
किसानों का क्या है आरोप:
बता दें कि किसान सभा की जिला कमेटी की हुई बैठक में यह प्रस्ताव भी पास किया गया कि तत्काल रूप से हाई पावर कमेटी को अपनी सभी सिफारिशें सरकार को सौंप देनी चाहिए। किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ.रुपेश वर्मा के द्वारा अपने संबोधन में यह कहा गया कि किसान सभा 10% आबादी प्लाट तथा नए कानून एवं आबादियों को छोड़े जाने के संबंध में बेहद गंभीर है।
इसके अतिरिक्त किसान सभा के महासचिव जगबीर नंबरदार के द्वारा यह आरोप लगाया गया कि जनप्रतिनिधि किसानों की समस्याओं को लेकर बिल्कुल उदासीन हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें कमेटी पर जल्द अपनी सिफारिशें देने के लिए दबाव डालना चाहिए।
किसानों में बढ़ रहा है आक्रोश:
जिला उपाध्यक्ष (किसान सभा) अजब सिंह नेताजी ने भी कहा कि किसान सभा की लड़ाई अब आर-पार की है। जब तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं हो जाता है, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा।
वहीं जिला सचिव सुरेश यादव ने यह कहा कि किसानों की समस्याएं करीब 15 से 20 साल से लंबित हैं। लेकिन अभी तक सरकार, कोई अधिकारी तथा जनप्रतिनिधि इस पर बिल्कुल भी गंभीर नहीं दिखे हैं। जिस वजह से किसानों में लगातार भारी आक्रोश पनपता जा रहा है।