नोएडा बायोडायवर्सिटी पार्क में बनेगा हिरण पार्क: 30 एकड़ में होगा विस्तार, विदेशों से भी लाए जाएंगे हिरण, जानें पार्क में क्या होगा खास?
नोएडा बायोडायवर्सिटी पार्क में बनेगा हिरण पार्क

नोएडा सेक्टर-91 में बने बायोडायवर्सिटी पार्क में अब हिरण पार्क बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। दरअसल इसमें हिरण को संरक्षित किया जाएगा। बता दें कि कानपुर, लखनऊ तथा हैदराबाद के अलावा अफ्रीका के कई देशों से भी हिरण यहां पर लाए जाएंगे। जिनमें मेल और फीमेल दोनो ही होंगे तथा फीमेल की संख्या मेल से ज्यादा होगी।

बता दें कि बायोडायवर्सिटी पार्क के करीब 30 एकड़ जमीन पर इसे बनाया जाएगा। वहीं इस पर तकरीबन 40 करोड़ रुपए का खर्च किया जाएगा। इसका प्रस्ताव भी तैयार किया गया है और जल्द ही इसे बोर्ड के सामने रखा जाएगा। प्राधिकरण डियर पार्क के रूप में इसका विकास करेगा।

आइए जानते हैं बायोडायवर्सिटी पार्क के बारे में:

दरअसल नोएडा प्राधिकरण के द्वारा सेक्टर-91 में कुल 110 एकड़ में बायोडायवर्सिटी पार्क को विकसित किया गया है। पार्क को 4 प्राकृतिक भागों के अतिरिक्त बायोम में भी बांटा गया है। जिनमे कोही, बांगर, खादर तथा डाबर हैं।

बता दें कि यहां पर 100 से अधिक प्रजातियों के देसी पौधे हैं। साथ लगभग 120 से अधिक प्रजाति की जड़ी-बूटी एवं अन्य प्रकार के पौधे भी लगाए गए हैं। इसके अतिरिक्त यहां पर 9 गृह वाटिका तथा नक्षत्रशालाएं भी बनाई गई हैं। 

आपको बता दें कि इनमें सभी ग्रहों तथा नक्षत्र के हिसाब से ही पौधों का रोपड़ किया गया है। इसके साथ ही यहां पर वॉक करने के लिए कच्चा ट्रैक तथा खाने पीने के लिए फूड कोर्ट भी बनाया गया है।

हिरण संरक्षण पर खर्च होंगे 40 करोड़ रुपए:

लगाए गए अनुमान के मुताबिक इसके निर्माण पर करीब 40 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इसके अतिरिक्त यहां पर पार्क के बराबर में एक बड़े क्षेत्रफल की जगह भी खाली पड़ी हुई है। इसी खाली पड़ी जगह पर डियर पार्क को करीब 30 एकड़ में बनाया जा सकता है। 

अथॉरिटी ने बताया है कि इसकी योजना पर विचार भी शुरू कर दिया गया है। इसके साथ ही नोएडा अथॉरिटी सभी शहर वासियों को घूमने के लिए एक बेहतर तथा परफैक्ट लोकेशन को तैयार करने की नीति पर भी काम कर रहा है।

अफ्रीका से भी पार्क में लाए जाएंगे हिरण:

बता दें कि इस योजना के तहत नोएडा में कुल 10 प्रजातियों के हिरणों को लाया जाएगा। इसमें 3 प्रजाति अफ्रीका के देशों से एक्सपोर्ट की जाएंगी। वहीं इसके अलावा कानपुर, लखनऊ तथा हैदराबाद के चिड़ियाघर से भी यहां पर हिरण लाए जाएंगे।

नोएडा प्राधिकरण के द्वारा यह बताया गया है कि नोएडा, गाजियाबाद तथा इसके आसपास में ऐसा कोई भी डियर पार्क नहीं है। इसलिए यहां पर डियर पार्क बनाया जा रहा है। जिसमे आधुनिक तरीकों का भी प्रयोग किया जाएगा।

प्राधिकरण ने बताया है कि इसके लिए कई प्राणी विशेषज्ञों से बातचीत भी की गई है। ताकि विदेश से लाए जाने वाले हिरणों के लिए यहां के पर्यावरण को अनुकूल बनाया जा सके। जिससे उन्हें यहां कर सर्वाइव करने में कोई दिक्कत न हो।

संरक्षित किए जाने वाले हिरणों की प्रजाति:
               
•माउस डियर :  3 मेल और 6 फीमेल (हैदराबाद चिड़ियाघर से लाए जाएंगे)

•ब्रो एंटलियर्ड डियर : 3 मेल और 6 फीमेल (कानपुर चिड़ियाघर से लाए जाएंगे)

•होग डियर : 4 मेल और 8 फीमेल (लखनऊ चिड़ियाघर से लाए जाएंगे)

•स्वांप डियर : 5 मेल और 10 फीमेल (लखनऊ चिड़ियाघर से लाए जाएंगे)

•इंडियन एंटीलोप्स ब्लैक के, चिंकारा,चाउसिंघा : 5 मेल और 10 फीमेल (लखनऊ और कानपुर चिड़ियाघर से लाए जाएंगे)

•अफ्रीकन एंटीलोप्स स्प्रिंगबोक, इंपाला,वाइल्ड बीस्ट, लेसर कुडू : 5 मेल और 10 फीमेल (इम्पोर्ट टू अफ्रीका)

•स्पोटेड डियर : 5 मेल और 10 फीमेल (लखनऊ चिड़ियाघर से लाए जाएंगे)

•सांभर डियर : 4 मेल और 8 फीमेल (लखनऊ और
कानपुर चिड़ियाघर से लाए जाएंगे)

आइए जानते हैं डियर पार्क में क्या होगा खास:

•यहां पर बायोलॉजी के विद्यार्थियों के लिए होगी गाइड की व्यवस्था।
•प्रशिक्षित जुलॉजी के एक्सपर्ट भी रखे जाएंगे।
•हिरणों की प्रजातियों पर किया जाएगा अध्ययन।
•उनके इलाज के लिए ब्रीडिंग की व्यवस्था भी रहेगी।
•हिरणों के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए खास तरह के पौधे तथा जंगली घास भी लगाई जाएगी।

नाइट सफारी की भी होगी सुविधा:

बता दें कि पार्क में नाइट सफारी भी व्यवस्था भी की जाएगी। इसके लिए फिलहाल ई कार्ट चलाने पर भी विचार किया जा रहा है। हालांकि एक्सपर्ट ने बताया है कि नाइट सफारी ज्यादा देर रात तक नहीं चलाई जाएगी। साथ ही इसके लिए पर्यावरण विद् से भी बातचीत की जाएगी।

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