उत्तर प्रदेश के नोएडा में बिना पर्चेबल FAR यानि फ्लोर एरिया रेशियो की अनुमति के निर्माण करने वाले सभी लोगों की आने वाले समय में जेबें अधिक ढीली हो सकती है। दरअसल ऐसे सभी लोगों से प्राधिकरण के द्वारा 2 हजार रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से जुर्माना वसूल किया जाएगा। बता दें कि अभी तक यह फीस सिर्फ 200 रुपए प्रति वर्ग मीटर ही थी।
अर्थात अब नियमों की अनदेखी करने वालों को तकरीबन 10 गुना अधिक जुर्माना देना होगा। बता दें कि यह नियम ग्रुप हाउसिंग, इंडस्ट्री, कॉमर्शियल इंस्टीट्यूशनल, स्पोर्ट्स एंड एम्यूजमेंट कॉम्प्लेक्स तथा 24 मीटर अथवा इससे अधिक चौड़ी सड़क पर मौजूद सभी प्रॉपर्टी पर लागू होगा।
पहले बिना प्राधिकरण की अनुमति के स्थल पर होता था निर्माण:
प्राधिकरण की तरफ से यह बताया गया है कि बिल्डिंग बायलॉज 2010 के अंतर्गत आवंटी की तरफ से FAR खरीदने के बाद बिना प्राधिकरण की अनुमति लिए ही स्थल पर अपना निर्माण कर लेता था। अर्थात किसी भूखंड का FAR 2.5 है तथा पर्चेबल FAR सिर्फ 1.5 है तो बिना प्राधिकरण की अनुमति के आवंटी 1.5 FAR तक इमारत की ऊंचाई को बढ़ा लेता था।
वहीं इसके बाद आवंटी के द्वार अनुमति के लिए प्राधिकरण के पास आवेदन किया जाता था। इस स्थिति में प्राधिकरण उससे 200 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से जुर्माना वसूल करता था और उसे रेगुलेशन कर दिया जाता था। लेकिन अब नए नियमों के आ जाने के बाद ऐसा बिल्कुल भी नहीं होगा।
अब आवंटी को दस्तावेज के साथ प्राधिकरण से लेनी होगी अनुमति:
बता दें कि अब आवंटी को पहले खरीदने योग्य FAR पर निर्माण के लिए प्राधिकरण से पूर्व अनुमति लेनी होगी। वहीं इसके लिए उसे बढ़ाई जाने वाली मंजिल के अनुसार पार्किंग, स्ट्रक्चर डिजाइन की चेकिंग, भवन ऊंचाई के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी की अनापत्ति तथा वैरिफिकेशन IIT कराकर सर्टिफिकेट एवं पर्यावरण स्वीकृति के साथ ही फायर NOC एवं अन्य दस्तावेज भी लगाने होंगे।
इन दस्तावेजों को जमा करने बाद प्राधिकरण की टीम के द्वारा इसका मौका मुआयना किया जायेगा। तब जाकर प्राधिकरण के द्वारा क्रय योग्य FAR पर निर्माण कार्य करने की अनुमति दी जाएगी।
200 की जगह अब 2000 रुपए का लगेगा जुर्माना:
प्राधिकरण ने बताया कि नया नियम लागू होने के बाद भी अगर बिना प्राधिकरण से अनुमति लिए ही कोई आवंटी खरीदने योग्य FAR के अनुसार निर्माण कार्य करता है तथा बाद में अनुमति के लिए आवेदन करता है तो उसे अब 2000 रुपए प्रति वर्गमीटर के हिसाब से जुर्माना देना पड़ेगा। प्राधिकरण ने बताया है कि यह नियम बोर्ड में पास होने के बाद तत्काल रूप से लागू कर दिया जाएगा।
नियम लागू होने से पहले के आवंटियों का क्या होगा:
दरअसल ऐसे सभी आवंटी जिन्होंने नियम लागू होने से पहले ही निर्माण कर लिया है। यदि वह अपना आवेदन करते है अथवा अपना आवेदन कर चुके है, तो इन पर जुर्माना लगेगा अथवा नहीं?
इस स्थिति के लिए भी प्राधिकरण के अधिकारी ने साफ बताया है कि इस स्थिति में निर्माण वाली साइट पर जाकर उसका निरीक्षण किया जाएगा। यदि निर्माण पहले का हुआ होगा तो उसे उसे सिर्फ 200 रुपए ही जुर्माना देना होगा। लेकिन इसके लिए उसे यह साक्ष्य भी देना होगा कि निर्माण नए नियम लागू होने से पूर्व किया गया है।