दिल्ली से लेकर नोएडा एक्सप्रेस वे तक बनने वाली चिल्ला एलिवेटड रोड़ फिलहाल बजट के फेर में फंसती हुई दिखाई दे रही है। प्राधिकरण को यह चिंता है कि जब तक एलिवेटड का निर्माण पूरा होगा तब तक इसकी लागत तकरीबन 150 करोड़ रुपए बढ़ जायेंगे।
इसके परिपेक्ष में निर्माण कराने वाले यूपी सेतु निगम के द्वारा प्राधिकरण से यह पूछा गया है कि इसकी लागत में वृद्धि होने पर यह अतिरिक्त राशि कौन देगा?
जानते हैं क्या है पूरा मामला:
दरअसल दिल्ली के चिल्ला रेगुलेटर से लेकर नोएडा के महामाया फ्लाई ओवर तक एलिवेटेड रोड बनाया जाना प्रस्तावित है, जिसकी लंबाई करीब 4.5 किमी है। इसके निर्माण हेतु इस वर्ष यूपी सेतु निगम के द्वारा टेंडर जारी किया गया था। जिसमें एक एजेंसी का चयन भी कर लिया गया था। वहीं इस एजेंसी को अक्टूबर-नवंबर तक इसका कार्य भी शुरू करना है।
बता दें कि यह परियोजना कैबिनेट से अप्रूव भी चुकी है। इसलिए यदि अब उसका बजट बढ़ता है तो शासन तथा कैबिनेट से अतिरिक्त बजट का अप्रूवल भी लेना ही होगा। इसी बीच सेतु निगम के द्वारा प्राधिकरण को भेजे गए एक पत्र ने हलचल मचा दी है। जिसके बाद प्राधिकरण के द्वारा भी सेतु निगम के पत्र का हवाला देते हुए शासन को एक पत्र को भेजा गया है।
787 करोड़ रुपए की मिली थी मंजूरी:
बता दे कि यूपी कैबिनेट से पिछले वर्ष ही इस एलिवेटेड रोड के निर्माण हेतु लगभग 787 करोड़ रुपए मंजूर किए गए थे। लेकिन यह काम पूरा कराने में करीब 150 करोड़ रुपए का अधिक खर्च आएगा। ऐसे में ही सेतु निगम के द्वारा नोएडा प्राधिकरण को एक पत्र लिखकर यह पूछा गया है कि अतिरिक्त 150 करोड़ रुपए उन्हे कौन देगा?
वहीं प्राधिकरण के द्वारा सेतु निगम को अभी तक इसके संबंध में कोई भी जवाब नहीं दिया गया है। ऐसे में फाइनल की गई एजेंसी के साथ एग्रीमेंट करने की कार्रवाई को भी सेतु निगम अब आगे नहीं बढ़ा रहा है।
स्पष्ट नहीं होने तक नहीं शुरू होगा काम:
सेतु निगम के अधिकारियों के द्वारा यह साफ कह दिया गया है कि जब तक यह स्पष्ट नहीं हो जायेगा कि अतिरिक्त लागत कौन देगा, तब तक के लिए इस परियोजना से जुड़ी किसी भी प्रक्रिया को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
इसलिए ही अब प्राधिकरण के द्वारा शासन को पत्र लिखकर पूरी बात से अवगत कराया गया है। बता दें कि 6 जून 2023 को यूपी कैबिनेट की हुए बैठक में चिल्ला एलिवेटेड रोड परियोजना को मंजूरी मिली थी। जिसके बाद मंजूरी मिलने के अंतर्गत ही इस परियोजना पर कुल 787 करोड़ रुपए खर्च किए जानें की योजना हुई थी।
आधा बजट नहीं मिलने से रुक गया था काम:
बता दें कि एलिवेटड निर्माण के लिए जो भी एग्रीमेंट हुआ था उसके तहत निर्माण हेतु टेंडर सेतु निगम ही जारी करवाएगा। जबकि इसकी निगरानी का जिम्मा नोएडा प्राधिकरण के पास ही रहेगा। बता दें कि इसके बाद सेतु निगम की ओर से जारी किए गए दूसरे टेंडर में कुल 5 एजेंसी आई थी।
वहीं इसके बाद निर्माण के लिए जो एजेंसी फाइनल हुई थी उसने कुल 624 करोड़ रुपए टेंडर की लागत लगाई। करीब 3 साल पहले काम करते समय प्राधिकरण के द्वारा 70 करोड़ रुपए खर्च कर दिए गए थे। लेकिन इसके बाद शासन से आधा बजट नहीं मिलने से यह काम रुक गया था।
अब 900 करोड़ रुपए हो गया हैं बजट:
अब प्राधिकरण के द्वारा 70 करोड़ रुपए को भी इस परियोजना में जोड़ दिया गया है। इसके साथ ही सेंटेज, GST तथा 5 प्रतिशत प्रति साल की निर्माण लागत में वृद्धि भी शामिल है। इस हिसाब से देखें तो अब इस परियोजना पर कुल 900 करोड़ रुपए का खर्च आने का अनुमान है।
मुख्यमंत्री के द्वारा किया गया था शिलान्यास:
बता दें कि चिल्ला एलिवेटेड रोड का शिलान्यास मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा 25 जनवरी 2019 को किया गया था। जिसका काम जून 2020 से शुरू हुआ था।
इसके बाद ही एग्रीमेंट के तहत शासन के द्वारा 50 प्रतिशत की राशि नहीं मिलने के कारण नवंबर 2021 में काम बंद कर दिया गया था। जिसके बाद करीब 3 वर्ष से काम बंद पड़ा है।
एलिवेटड पर चढ़ने तथा उतरने के लिए होंगे कुल 6 लूप:
1)बता दें कि दिल्ली के चिल्ला बॉर्डर की ओर से आते समय सेक्टर-14 उद्योग मार्ग की तरफ उतरने के लिए एक लूप बनेगा।
2)सेक्टर-15A के पास से भी इस पर चढ़ने के लिए एक लूप बनाया जाएगा।
3)DND की तरफ से आने वाले एमवी1 रास्ते पर सेक्टर-16 की तरफ उतरने के लिए एक लूप बनाया जाएगा।
4)सेक्टर-16A फिल्म सिटी की तरफ चढ़ने के लिए भी एक लूप बनेगा।
5)वहीं फिल्म सिटी के समाप्त होने पर उतरने के लिए भी एक लूप बनेगा ।
6)GIP मॉल के थोड़ा आगे जाकर उपर चढ़ने के लिए एक लूप बनाया जाएगा।