नोएडा: नोएडा एक्सप्रेसवे के किनारे स्थित नंगली वाजिदपुर गांव में बड़ी संख्या में अवैध फ्लैट और बहुमंजिला इमारतें बनाई गई हैं। इन इमारतों की बिक्री के लिए आकर्षक विज्ञापन जारी कर लोगों को लुभाने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, नोएडा प्राधिकरण ने इन सभी निर्माणों को अवैध घोषित कर दिया है और लोगों को चेतावनी दी है कि वे इन फ्लैटों को खरीदने से बचें।
अवैध निर्माण पर सख्त कार्रवाई की योजना
नोएडा प्राधिकरण ने घोषणा की है कि नंगली वाजिदपुर गांव के खसरा संख्या 198, 199 और 168 पर किए गए अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जाएगा। इन क्षेत्रों में भूमि उपयोग में भी अनधिकृत परिवर्तन किया गया है, जो नियमों का उल्लंघन है। प्राधिकरण ने अवैध फ्लैटों के निर्माणकर्ताओं पर कार्रवाई करने का निर्णय लिया है और जनता से अपील की है कि वे इन संपत्तियों की खरीद-फरोख्त न करें, क्योंकि ऐसा करने पर पूरी जिम्मेदारी उनकी खुद की होगी।
जिला प्रशासन और प्राधिकरण की संयुक्त कार्रवाई
नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ का कहना है कि अवैध निर्माणों को गिराने और दोषियों के खिलाफ मुकदमे दर्ज करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे। इस मामले में जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी लगातार चर्चा हो रही है, ताकि एक प्रभावी कार्य योजना तैयार की जा सके। प्राधिकरण और जिला प्रशासन की टीम मिलकर इन अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए कार्रवाई करेगी।
भू-माफिया घोषित करने की प्रक्रिया
जिलाधिकारी मनीष वर्मा ने कहा कि जिला प्रशासन की टीम, प्राधिकरण के साथ मिलकर अवैध निर्माण में संलिप्त लोगों को भू-माफिया घोषित करने की कार्रवाई करेगी। ऐसे स्थानों पर संपत्ति की रजिस्ट्री पर भी प्रतिबंध लगाने की योजना बनाई जा रही है। इसके तहत इन अवैध स्थानों पर रजिस्ट्री रोकने की प्रक्रिया भी शुरू होगी, ताकि भविष्य में ऐसी संपत्तियों का लेन-देन न हो सके।
22 सेक्टरों में अवैध कॉलोनियों का जाल
नोएडा प्राधिकरण ने जानकारी दी है कि क्षेत्र के 22 सेक्टरों और पांच गांवों में बड़े पैमाने पर अवैध कॉलोनियां काटी जा रही हैं। इन कॉलोनियों में प्लॉटिंग करके लोगों को धोखा दिया जा रहा है। प्राधिकरण ने इन क्षेत्रों की सूची जारी की है, जिसमें सेक्टर-82, 91, 92, 93, 93ए, 93, 101, 102, 104, 105, 106, 107, 108, 110, 136, 137, 141, 142, 143, 143ए, 143बी, 144 और गांव सलारपुर, हाजीपुर, गेझा तिलपताबाद, भंगेल बेगमपुर, गढ़ी और शाहदरा शामिल हैं।इस सूची के जारी होने के बाद प्राधिकरण ने लोगों को आगाह किया है कि वे अवैध कॉलोनियों में निवेश करने से बचें, ताकि उनके साथ कोई धोखाधड़ी न हो।