नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 76 स्कूलों पर बड़ी कार्रवाई: मनमाने ढंग से फीस बढ़ाने...डीएम ने सभी को भेजा कारण बताओ नोटिस वही जुर्माना के रूप में?
नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 76 स्कूलों पर बड़ी कार्रवाई

ग्रेटर नोएडा: शहर में निजी स्कूलों द्वारा मनमाने ढंग से की जा रही फीस वृद्धि को लेकर प्रशासन ने सख्त रुख अपनाया है। गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष वर्मा की अध्यक्षता में जिला शुल्क नियामक समिति की बैठक आयोजित की गई। जिसमें कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं।बैठक में बताया गया कि जनपद के कुल 144 मान्यता प्राप्त निजी विद्यालयों में से 76 स्कूल ऐसे हैं जिन्होंने फीस वृद्धि का कोई भी विवरण समिति को नहीं दिया। इन सभी स्कूलों पर उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क विनियमन) अधिनियम 2018 के तहत एक-एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

नोएडा और ग्रेटर नोएडा के 76 स्कूलों पर हुई कार्रवाई

अमर पब्लिक स्कूल (सेक्टर-37, नोएडा), पारस पब्लिक स्कूल (गांव मिल्क लिच्छी) और संत किशोरी विद्या मंदिर (सेक्टर-158, नोएडा) ने निर्धारित उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) समेत 5 प्रतिशत से अधिक की फीस वृद्धि की है। इन तीनों स्कूलों को नोटिस जारी करते हुए एक सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण मांगा गया है। साथ ही छात्रों से ली गई अतिरिक्त फीस तुरंत वापस करने का निर्देश भी दिया गया है।इसी प्रकार अन्य 66 स्कूलों ने समिति को फीस वृद्धि का विवरण नहीं दिया था जिस पर जिला प्रशासन ने प्रत्येक पर 1-1 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। 

स्कूलों पर सामान खरीदने का दबाव डालने पर भी सख्ती

डीएम मनीष वर्मा ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कोई भी स्कूल छात्रों या अभिभावकों को किताबें, यूनिफार्म, जूते-मोजे या स्टेशनरी किसी विशेष स्थान से खरीदने के लिए मजबूर नहीं कर सकता। अगर इस तरह की कोई शिकायत मिलती है तो तुरंत संबंधित स्कूल पर कार्रवाई की जाएगी।

जांच के लिए 7 समितियों का हुआ गठन

जिलाधिकारी ने जिले में स्कूलों की निगरानी के लिए सात जांच समितियां गठित की हैं। इन समितियों की अध्यक्षता सिटी मजिस्ट्रेट नोएडा, एसडीएम दादरी, एसडीएम सदर, एसडीएम जेवर, तहसीलदार दादरी, तहसीलदार सदर और डिप्टी कलेक्टर वेद प्रकाश पांडे कर रहे हैं। ये समितियां अपने-अपने क्षेत्रों में स्कूलों की नियमित जांच करेंगी और सुनिश्चित करेंगी कि अभिभावकों या छात्रों पर किसी भी प्रकार का अनावश्यक आर्थिक दबाव न डाला जाए।

60 दिन पहले शुल्क वृद्धि की सूचना देना अनिवार्य

जिला विद्यालय निरीक्षक ने जानकारी दी कि अधिनियम के अनुसार कोई भी विद्यालय शुल्क में वृद्धि करना चाहता है तो उसे कम से कम 60 दिन पूर्व अपने स्कूल की वेबसाइट पर इसकी सूचना अपलोड करनी की होगी। साथ ही वर्ष 2024-25 की तुलना में वर्ष 2025-26 में शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक कर्मचारियों की वेतन वृद्धि का विवरण भी समिति को देना अनिवार्य होगा।

ड्रेस परिवर्तन पर भी प्रशासन की नजर

जिलाधिकारी ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर कोई स्कूल पांच वर्षों के भीतर छात्रों की यूनिफॉर्म में बदलाव करता है तो उस पर जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी।

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