काली डायरी में छिपा है ठगी का सारा राज: नोएडा में चल रहे फर्जी कॉल सेंटर के मामले में क्यों महत्वपूर्ण हुई काली डायरी? जाने विस्तार से
काली डायरी में छिपा है ठगी का सारा राज

नोएडा पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है जो लोन व बीमा पॉलिसी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करता था। पुलिस ने ऐसे 11 लोगों को गिरफ्तार किया है। 

कहा से मिला डाटा? 

आरोपियों के पास से 81 डेटा सीट बरामद हुआ है। पुलिस के अनुसार यह डेटा शीट इंडियामार्ट से ₹2500 में खरीदा गया था। इतना ही नहीं डार्क वेब से भी कुछ डाटा की चोरी की गई थी। 

कैसे करते थे ठगी?

गिरोह के सरगना ने कुछ लड़कियों को हायर किया था और यह लोग किराए के घर में एक फर्जी कॉल सेंटर चलाते थे। लड़कियों के द्वारा डेटा शीट मैं मौजूद लोगों को कॉल किया जाता था और उन्हें लोन और बीमा पॉलिसी के नाम पर ठगा जाता था। पुलिस की माने तो ऐसे 200 लोगों से करोड़ों रुपए की ठगी की गई है। ठगी का पैसा बेंगलुरु के अरविंद के एक किराए के खाते में ट्रांसफर होता था और फिर उसे एटीएम से निकालकर बांट लिया जाता था।

आखिर क्यों महत्वपूर्ण है काली डायरी?

डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी के अनुसार पुलिस को एक काले रंग की डायरी प्राप्त हुई है। इस डायरी में सारी जानकारी मौजूद है कि किन-किन लोगों के साथ कितनी कितनी ठगी की गई है। पुलिस इस डायरी में दिए गए जानकारी के अनुसार ही पीड़ित लोगों तक पहुंचाने का प्रयास करेगी।

सोशल मीडिया से किया लड़कियों को हायर

गिरोह सरगना द्वारा सोशल मीडिया पर लड़कियों के लिए नौकरी का विज्ञापन जारी कर हायरिंग की गई थी। इन लड़कियों को 7 हजार से ₹10000 तक की सैलरी प्रदान की जाती थी। साथी इन लड़कियों को कमीशन भी मिलता था। लड़कियों द्वारा जितना मोटा क्लाइंट फसाया जाता था, उन्हें उतना ही बड़ा कमीशन प्रदान किया जाता था और यह सारा पैसा उन्हें कैश रूप में प्राप्त होता था।

कौन है गिरोह सरगना?

डीसीपी क्राइम शक्ति मोहन अवस्थी के अनुसार गिरोह का सरगना आशीष दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम का छात्र रहा है। एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी बेचने के दौरान आशीष की मुलाकात 2019 में जितेंद्र से हुई। दोनों ने कुछ बड़ा काम करने की ठानी और फिर कुछ लड़कियों को जोड़कर फर्जी कॉल सेंटर चलाया। यह कॉल सेंटर होशियारपुर में एक ₹10000 प्रति माह के कमरे में शुरू किया गया। डाटा प्राप्त करने के लिए इन्होंने इंडियामार्ट की साइट से ₹2500 में 10000 लोगों का डाटा खरीदा। जितेंद्र और आशीष के अनुसार उन लोगो ने पहचान छुपाने के लिए फर्जी आधार कार्ड भी बना रखा था।

सभी युवतियों के थे दो-दो नाम

सरगना के द्वारा सभी युवतियों को दो-दो नाम दिए गए थे। युवतियों को हिदायत थी कि वे नाम बदलकर ही लोगों से बात करें। शायद यह उनकी ट्रेनिंग का हिस्सा रहा हो। नोएडा पुलिस ने इन युवतियों को गिरफ्तार किया:-

➡️ निशा उर्फ स्नेहा

➡️ रेजु उर्फ दिव्या (भदोही)

➡️लवली यादव उर्फ श्वेता (फिरोजाबाद)

➡️पूनम उर्फ पूजा (छलेरा)

➡️आरती उर्फ अनन्या (आजमगढ़)

➡️ काजल कुमारी उर्फ श्रुति (सरिता विहार दिल्ली)

➡️ सरिता उर्फ सुमन (बदरपुर)

➡️ बबीता पटेल उर्फ माही (न्यू अशोक विहार)

➡️ गरिमा चौहान उर्फ सोनिया (सरफाबाद)

कई राज्यों के लोगों को बनाते थे निशाना 

आरोपियों ने बताया कि वे लोग झारखंड,बिहार,हिमाचल प्रदेश और कर्नाटक जैसे राज्यों के लोगों को धोखाधड़ी का शिकार बनाते थे। यह फर्जी कॉल सेंटर सुबह 8:00 बजे से लेकर रात के 8:00 तक चलता था। अभी हाल ही में इन लोगों ने रांची (झारखंड) के अखिलेश से 5 लाख 20हजार रुपए ठगे थे।

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