उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर जिले में चल रहे किसान आंदोलन को लेकर एक बड़ी खबर सामने आ रही है। की जेल में बंद सभी किसान नेताओं को रिहा कर दिया है। दरअसल दलित प्रेरणा स्थल पर धरना दे रहे बीते दिन लगभग 123 किसानों को पुलिस के द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया था। जिसके बाद गिरफ्तार करके सभी को जेल भेज गया था।
किसानों की रिहाई को लेकर राकेश टिकैत ने किया था महापंचायत का ऐलान:
आपको बता दें कि आज यानि बुधवार को भाकियू अध्यक्ष और किसान नेता राकेश टिकैत के द्वारा किसान महापंचायत का ऐलान किया गया था। हालांकि उनको महापंचायत में पहुंचने से पहले ही पुलिस के द्वारा हिरासत में ले लिया गया, लेकिन नोएडा के जीरो पाइंट पर भारी संख्या में किसान पहुंचे और महापंचायत हुई।
महापंचायत में सभी किसानों के द्वारा गिरफ्तार किए गए साथी किसानों को छोड़ने की मांग की गई थी। वहीं शाम को पुलिस के द्वारा किसान नेता सुनील फौजी तथा रुपेश वर्मा एवं डॉक्टर विकास जतन प्रधान समेत गिरफ्तार किए गए सभी किसानों को रिहा कर दिया गया है। इसके बाद अब किसान आगे की रणनीति बनाने में जुट गए हैं।
क्या कहना है जेल से रिहा हुए किसानों का:
बता दें कि जेल से रिहा हुए किसानों का यह कहना है कि वह सभी अपने घर वापस तब ही जाएंगे जब उनके मसले हल हो जाएंगे। उनका कहना है कि वह जीत कर ही अपने घर वापस जाएंगे। इसलिए सरकार को हमारी समस्या का हल निकलना ही होगा।
किसानों का कहना है कि हम पूरे दलबल के साथ यहां मौजूद हैं। अतः जो जोश पहले था वह अभी भी बना हुआ है। इसलिए कोई शर्त नहीं है, हमें बगैर शर्त रिहा किया गया है। इसलिए आज धरना खत्म नहीं होगा।
किसानों में दिखी खुशी की लहर:
दरअसल रिहाई के चलते किसानों में खुशी की लहर भी दिख रही है। आपको बता दें कि सैंकड़ों किसान सड़कों पर उतर कर जीरो पाइंट पर जश्न भी मना रहे हैं। ऐसा बताया जा रहा है कि किसानों के द्वारा अब अफसरों से बातचीत भी शुरू की जा सकती है। वहीं बातचीत अगर सकारात्मक रही तो फिर देर शाम तक किसान अपना आंदोलन समाप्त कर सकते हैं।
राकेश टिकैत को पुलिस ने रोका लेकिन बेटा गौरव पहुंचा महापंचायत में:
बता दें कि बीते मंगलवार को 123 किसानों के जेल भेजे जाने के पश्चात से ही नोएडा पुलिस को लेकर सभी ग्रामीणों में काफी गुस्सा था। वहीं देर शाम राकेश टिकैत के द्वारा जीरो प्वाइंट पर पंचायत करने के ऐलान के पश्चात पुलिस के होश उड़ गए।
जिसके चलते बुधवार को टप्पल पुलिस के द्वारा राकेश टिकैत को जीरो प्वाइंट पहुंचने से पहले ही हिरासत में ले लिया गया। हालांकि उनका बेटा गौरव टिकैत महापंचायत के लिए जीरो पाइंट पर पहुंच गया। वहीं जीरो प्वाइंट पर किसानों की भीड़ को देखकर पुलिस तथा अधिकारियों के भी होश उड़ गए।
बैकफुट पर आई नोएडा की पुलिस:
पुलिस अधिकारियों के द्वारा गौरव से बात करने की कोशिश भी की गई। लेकिन उन्होंने कोई भी बात करने से इनकार कर दिया। साथ ही गौरव के द्वारा यह भी कहा गया कि जेल भेजे गए सभी किसानों की रिहाई के पश्चात ही उनसे बातचीत शुरू होगी। जिसके पश्चात पुलिस बैकफुट पर आ गई। पुलिस के द्वारा कागजी कार्रवाई के पास किसानों को जेल से रिहा कर दिया गया।
क्या हैं किसानों की मुख्य मांगें:
1)अधिग्रहित जमीन के एवज में किसानों को ज़मीन वापस दी जाए।
2) साल 1997 से लेकर साल 2002 के मध्य जमीन अधिग्रहण में कुल 64.7 प्रतिशत का अतिरिक्त मुआवजा सभी किसानों को दिया जाए।
3)इसके अतिरिक्त नए किसान कानूनों को लागू किया जाए। जिसके अंतर्गत सर्किल रेट का 4 गुना मुआवजा तथा 20 प्रतिशत लैंड दी जाए।
4)वहीं हाईपावर कमेटी के द्वारा जो भी किसानों के पक्ष में निर्णय लिए गए हैं, उसे तत्काल प्रभाव से लागू किया जाए।
5)भूमि अधिग्रहण 2013 कानून के अंतर्गत किसानों को लाभ दिए जाएं।
6)भूमिहीन किसानों को आवासीय भूखंड तथा बेरोजगार युवाओं को कंपनियों में नौकरी भी दी जाए।
7)स्थानीय स्कूलों तथा अस्पतालों में किसानों परिवारों को प्राथमिकता दी जाए।
आखिर क्या है आंदोलन की मुख्य वजह:
आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा लोकसभा चुनाव से पहले ही सभी किसानों की समस्याओं का समाधान करने के लिए एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया गया था।
इस समिति में राजस्व परिषद के अध्यक्ष तथा मेरठ मंडल के कमिश्नर समेत गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी भी शामिल थे। हालांकि, इस समिति के द्वारा किसानों की मुख्य माँगों को खारिज कर दिया गया था। इस वजह से आक्रोशित होकर सभी किसानों के द्वारा एक बार फिर से आंदोलन शुरू कर दिया गया है।