नोएडा के डूब क्षेत्र में प्रशासन का अलर्ट: यमुना तथा हिंडन नदी का बढ़ सकता है जल स्तर, प्रशासन करवा रहा है जागरूकता अनाउंसमेंट…
नोएडा के डूब क्षेत्र में प्रशासन का अलर्ट

उत्तर प्रदेश में नोएडा का लगभग 5 हजार हेक्टेयर क्षेत्र यमुना नदी का डूब क्षेत्र है। यह बाढ़ से प्रभावित क्षेत्र है। वर्ष 2023 के अगस्त माह में यहां पर भीषण बाढ़ की वजह से करीब 2000 से भी अधिक लोगों को बचाया गया था।

NDRF, अग्निशमन टीम, प्राधिकरण, पुलिस तथा जिला प्रशासन के पूरे महकमे के द्वारा लगभग 15 से 20 दिन तक सिर्फ यहां लोगों की जान बचाई गई थी। अब यह स्थिति दोबारा न हो इसके लिए जिला प्रशासन, प्राधिकरण तथा पुलिस महकमा तीनों अलर्ट हो गए हैं।

अधिकारियों के द्वारा किया जा रहा है अनाउंसमेंट:

आपको बता दें कि डूब क्षेत्र में पुलिस प्रशासन के कई आला अधिकारियों की तरफ से यहां पर अनाउंसमैंट कराया जा रहा है। इसके अंतर्गत यहां पर रहने वाले सभी लोग अपना ज़रुरी सामान तथा मवेशियों को लेकर जल्द से जल्द ऊपर के स्थानों पर शिफ्ट हो जाए। 

अनाउंसमेंट में बताया जा रहा है कि पहाड़ों पर बारिश होने की वजह से यमुना नदी का जल स्तर तेजी से बढ़ने लगा है। इसलिए यहां पर बाढ़ जैसी हालत बन सकती है। इसलिए इससे पहले ही यहां के लोग बाहर निकल जाए। इसी प्रकार का अनाउंसमेंट हिंडन नदी के आसपास भी किया जा रहा है। ताकि सभी लोगों को वहां से सुरक्षित निकला जा सके।

एडिशनल DCP मनीष मिश्र भी पहुंचे:

आपको बात दें कि ADCP मनीष मिश्र भी अपनी टीम के साथ सेक्टर-135 के नगली बाजिदपुर वाले एरिया में पहुंचे। यहां पर उन्होंने लोगों को समझाया कि यमुना का जल स्तर तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में जल्द ही सभी लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंच जाए।

वहीं दूसरी ओर जिला प्रशासन के द्वारा लगातार यमुना नदी के जल स्तर पर भी अपनी नजर बनाई गई है। ताकि वहां पर इस बार पिछले साल जैसे हालत न हो पाएं। क्योंकि उत्तराखंड में पहाड़ों पर अधिक बारिश होने के चलते हिंडन नदी का भी जल स्तर बढ़ने की उम्मीद लगाई गई है।

पिछले साथ रातों-रात ही आ गई थी बाढ़:

दरअसल विगत वर्ष हरियाणा के हथनी कुंड बैराज से पानी छोड़ा गया था। जिसके बाद महज 24 घंटे से भी कम समय में ही पानी यहां पर पहुंच गया था। जिस बाद यहां का आलम यह था कि रातों रात ही पूरा 5 हजार हेक्टेयर का एरिया यमुना में डूब गया था। 

जिसमे हजारों की संख्या में लोग तथा मवेशी यहां पर फंस गए थे। जिनको निकालने के लिए NDRF, अग्निशमन, प्राधिकरण तथा जिला प्रशासन के द्वारा मिलकर एक रेस्क्यू आपरेशन चलाया गया था। जिसमे 2000 से अधिक लोगों तथा मवेशियों को बचाया गया था। वहीं सैकड़ों मवेशी बाढ़ में बह गए थे।

पक्के निर्माण पर लगाई गई है रोक:

बता दें कि यमुना के इस डूब एरिया में पक्के निर्माण पर रोक लगाई गई है। इसके बावजूद यहां पर हजारों की संख्या में फार्म हाउस, स्विमिंग पूल तथा स्टेडियम तक बने हुए है। जिनका कॉमर्शियल प्रयोग भी किया जाता है। इसके अतिरिक्त यहां रेव पार्टी तक ऑर्गेनाइज होती हैं, जिनको कई बार पकड़ा भी गया है। 

प्राधिकरण के द्वारा यहां पर पक्का निर्माण करने पर रोक वाले कई बोर्ड भी लगाए गए है। लेकिन इससे कोई भी फर्क नहीं पड़ता है। ऐसे में सभीबलोगों को इसके बारे में आगाह करना ही अब एक मात्र उपाय है। वहीं जिला प्रशासन की तरफ से यहां पर बाढ़ चौकियां बनाने का काम भी किया जा रहा है। बता दें कि यहां पर प्राधिकरण की एक बड़ी गोशाला भी मौजूद है।

200 से अधिक फॉर्म हाउस को किया गया था ध्वस्त:

दरअसल डूब क्षेत्र का यह एरिया प्राधिकरण के अधिसूचित क्षेत्र में आता है। वहीं इसकी निगरानी का कार्य नोएडा प्राधिकरण का है। बता दें कि विगत वर्षों में बड़े स्तर पर यहां पर अभियान चलाया गया था। जिसके बाद लगभग 200 से अधिक फॉर्म हाउस को ध्वस्त भी किया गया था। इसके बाद अभी भी यहां पर करीब 1000 से अधिक फॉर्म हाउस बने हुए हैं।

जिसके बाद यह मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट में चला गया। जहां पर यह मामला फिलहाल विचाराधीन है। ऐसे में प्राधिकरण तथा जिला प्रशासन दोनों के द्वारा कोर्ट के आदेश के इंतजार की। जरा है। हालांकि बीच में जिला प्रशासन तथा प्राधिकरण दोनों के द्वारा संयुक्त सर्वे कराने की बात की जा रही थी।

आइए जानते हैं प्रभावित एरिया:

नोएडा की बात करें तो यह पर सेक्टर-94 , 124 , 125, 127 , 128 , 131 , 133 , 134 , 135 , 168 के अतिरिक्त 150 से होकर यमुना नदी निकलती है। इसी प्रकार हिंडन नदी छिजारसी से प्रवेश करके के बाद सेक्टर-63A, शहदरा, बेहलोलपुर, गढ़ी चौखंड़ी, सुथियाना तथा सेक्टर-123 , 115 , 118 , 143 , 148 तथा 150 से होते हुए मोमनाथल के पास ही यमुना नदी में जाकर मिलती है। 

आपको बता दें कि यह दोनों ही नदिया यमुना तथा हिंडन, पूरे नोएडा शहर को चारों तरफ से घेरे हुए हैं तथा इस नदियों के किनारे वाली जमीन को ही डूब क्षेत्र कहा जाता है। फिलहाल इस क्षेत्र में खरीद-फ़रोख़्त पर प्रतिबंध लगाया गया है।

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