मेरठ/गाजियाबाद: नए वित्तीय वर्ष में हाईवे पर टोल वसूली की बढ़ी हुई दरें चुनाव आचार संहिता के चलते फिलहाल लागू नहीं होंगी। इससे हाईवे पर सफर करने वालों को बड़ी राहत मिली है। अब आचार संहिता हटने के बाद ही टोल की दरों में बदलाव के आसार हैं।
दरअसल, प्रस्तावित बढ़ी दरें एक अप्रैल से लागू करने की पूरी तैयारी की थी, लेकिन आचार संहिता लागू होने के कारण फिलहाल पुरानी टोल दरें ही वसूली जाएंगी। राष्ट्रीय राजमार्ग 709ए यानी मेरठ करनाल हाईवे पर पर भूनी टोल पर भी दरों में पांच प्रतिशत तक इजाफा तय था।
टोल प्रबंधक रवि पटेल ने बताया कि 31 मार्च की आधी रात से पांच प्रतिशत टोल टैक्स बढ़ाने के लिए सूची जारी की गई थी, लेकिन आचार संहिता के चलते फिलहाल इस पर ब्रेक लग गया है। परिवहन मंत्रालय की ओर से आगे जो भी आदेश प्राप्त होंगे, उसी आधार पर टोल वसूली की जाएगी।
समझते हैं कहां हुआ है परिवर्तन:
बता दें कि सिर्फ भारी निर्माण वाहनों और ओवरसाइज वाहनों के टोल में ही 15 से 25 रुपये की वृद्धि की गई है। इस संबंध में यूपीडा ने संशोधित दरें जारी कर दी हैं। एक्सप्रेस वे पर टोल टैक्स की दरें तय करने को लेकर कंसलटेंसी एजेंसी की राय ली गई थी। रिपोर्ट के बाद तय किया गया कि वर्ष 24-25 में तीनों एक्सप्रेस वे पर हल्के और भारी वाहनों का टोलटैक्स पूर्ववत रहेगा। केवल भारी निर्माण वाहन और ओवरसाइज वाहनों के टोल में मामली बढ़ोतरी की गई है।
बढ़े टोल के बाद एक्सप्रेसवे पर सफर होगा महंगा, निर्धारित की गईं दरें:
उत्तर प्रदेश के 3 एक्सप्रेस वे पर आने वाले वित्त वर्ष में वाहन चालकों के उपर टोल टैक्स का बोझ अब नहीं बढ़ेगा। बता दें कि आगरा लखनऊ एक्सप्रेस-वे, पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे तथा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे पर चलने वाले 2 पहिया, कार तथा बसों का टोल नहीं बढ़ाया गया है।
वहीं 1 अप्रैल से ईस्टर्न पेरिफेरल तथा दिल्ली - ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का सफर करना अब वाहन मालिकों के लिए महंगा हो जाएगा। NHAI (नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया) 1 अप्रैल से टोल शुल्क में 5 फीसदी की बढ़ोतरी का फैसला किया है। बृहस्पतिवार को एनएचएआई के दिल्ली स्थित मुख्यालय में हुई बैठक में टोल की नई दरों को मंजूरी मिल गई है।
हालांकि छोटी दूरी के सफर के लिए छोटे प्राइवेट वाहनों की टोल दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है, लेकिन व्यावसायिक वाहनों की दरों को कम या ज्यादा सभी दूरी के लिए बढ़ा दिया गया है। एनएचएआई ने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे व दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे समेत अन्य एक्सप्रेसवे पर टोल शुल्क की वसूली की जिम्मेदारी प्राइवेट कंपनियों को दिया हुआ है।
अनुबंध के मुताबिक हर साल टोल शुल्क में बढ़ोतरी किए जाने का प्रावधान किया गया है, लेकिन टोल की दरें प्राइवेट कंपनियां नहीं बल्कि एनएचएआई तय करता है। अधिकारियों ने कहा कि संशोधित दरों का प्रस्ताव तैयार करके मुख्यालय भेज दिया गया था, बृहस्पतिवार को हुई उच्चाधिकारियों की बैठक में मंथन के बाद इन्हें स्वीकृति मिल गई है।
समझते हैं ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस का टोल:
कार (पहले/अब):
मवीकलां से दुहाई : 60 / 60
मवीकलां से रसूलपुर : 70 / 70
मवीकलां से डासना : 75 / 75
मवीकलां से बील अकबरपुर : 115 / 115
मवीकलां से फतेहपुर-रामपुर : 135 / 140
मवीकलां से मौजपुर : 190 / 195
छज्जू नगर : 245 / 250
हल्के व्यावसायिक वाहन (पहले/अब):
मवीकलां से दुहाई : 95 / 95
मवीकलां से रसूलपुर : 110 / 115
मवीकलां से डासना : 120 / 125
मवीकलां से बील अकबरपुर : 185 / 190
मवीकलां से फतेहपुर-रामपुर : 215 / 220
मवीकलां से मौजपुर : 310 / 315
छज्जू नगर :395 / 405
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे का टोल:
सराय काले खां से रसूलपुर : 105 / 110
सराय काले खां से भोजपुर : 135 / 140
सराय काले खां से मेरठ : 160 / 165
इंदिरापुरम से रसूलपुर : 55 / 55
इंदिरापुरम से भोजपुर : 85 / 85
इंदिरापुरम से मेरठ : 110 / 110
डूंडाहेड़ा से रसूलपुर : 35 / 35
डूंडाहेड़ा से भोजपुर : 60 / 65
डूंडाहेड़ा से मेरठ : 85 / 90
वाणिज्यिक वाहन (पहले / अब):
सराय काले खां से रसूलपुर : 175 / 180
सराय काले खां से भोजपुर : 220 / 225
सराय काले खां से मेरठ : 260 / 265
इंदिरापुरम से रसूलपुर : 90 / 90
इंदिरापुरम से भोजपुर : 135 / 140
इंदिरापुरम से मेरठ : 175 / 180
डूंडाहेड़ा से रसूलपुर : 55 / 55
डूंडाहेड़ा से भोजपुर : 100 / 100
डूंडाहेड़ा से मेरठ : 140 / 145