Meerut: दअरसल मेरठ से एक दर्दनाक घटना सामने आई है जहां एनसीआर मेडिकल कॉलेज में प्रोफेसर डॉक्टर एसपी सिंह और उनकी पत्नी डॉक्टर ऊषा सिंह की बड़ी बेटी अनुष्का सिंह ने घर में आत्महत्या कर ली। अनुष्का लाला लाजपत राय मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस के फाइनल ईयर की पढ़ाई कर रही थीं। घर पर ही पढ़ाई करते हुए उन्होंने जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जान दे दी।
"मैं डॉक्टर बनने के लायक नहीं हूं।"
गुरुवार रात अनुष्का रोज की तरह अपने माता-पिता से बातचीत करने के बाद स्टडी रूम में चली गई थीं। शुक्रवार सुबह जब उनकी मां उन्हें जगाने गईं तो अनुष्का का शव बेड पर पड़ा मिला। पास ही एक गिलास और जहरीले पदार्थ की बोतल रखी थी। घटनास्थल से पुलिस ने एक सुसाइड नोट बरामद किया जिसमें अनुष्का ने लिखा था, "मैं डॉक्टर बनने के लायक नहीं हूं।"
मानसिक तनाव से जूझ रही थी अनुष्का
पुलिस की प्रारंभिक जांच में पता चला कि अनुष्का पिछले चार साल से मानसिक तनाव का सामना कर रही थी। डॉक्टर ऊषा सिंह ने बताया कि 2020 में नर्सिंग होम में एक विवाद हुआ था जिसने अनुष्का को गहरे तनाव में डाल दिया। उस समय ही उन्होंने एमबीबीएस में दाखिला लिया था। धीरे-धीरे वह इससे उबर रही थीं और पिछले एक साल से उनकी स्थिति सामान्य लग रही थी।
तीन वर्षों में कई बार की आत्महत्या करने की कोशिश
परिवार के अनुसार अनुष्का ने पिछले तीन वर्षों में कई बार आत्महत्या करने का प्रयास किया था। उन्होंने एक बार चाकू से अपने हाथ की नस भी काटी थी जिसके निशान अभी भी उनके हाथों पर मौजूद थे। हालांकि पिछले एक साल में वह सामान्य व्यवहार कर रही थीं जिससे परिवार को उम्मीद थी कि वह अपनी जिंदगी को लेकर सकारात्मक हो रही हैं।
ऑनलाइन खरीदा था जहरीला पदार्थ
अनुष्का ने आत्महत्या के लिए जहरीला पदार्थ ऑनलाइन पार्सल के माध्यम से मंगवाया था। पुलिस ने जहरीले पदार्थ की बोतल और गिलास अपने कब्जे में ले लिया है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि यह पदार्थ कहां से खरीदा गया और इसकी प्रकृति क्या है।
घटना स्थल का मंजर
अनुष्का के स्टडी रूम में उल्टी के निशान मिले हैं जिससे यह स्पष्ट होता है कि जहर खाने के बाद उन्होंने बचने का प्रयास किया। हालांकि वह सफल नहीं हो सकीं। उनके कपड़ों और कमरे में उल्टी के दाग थे। शव के पास टेबल पर रखा सुसाइड नोट जिसमें अंग्रेजी में उनके आखिरी शब्द लिखे थे वो उनकी मानसिक स्थिति को दर्शाता है।
परिवार ने कानूनी कार्रवाई से किया इनकार
पुलिस ने बताया कि परिवार इस घटना से पूरी तरह टूट गया है और उन्होंने किसी भी कानूनी कार्रवाई से इनकार कर दिया है। अनुष्का की छोटी बहन देवांशी, जो फिरोजाबाद में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही हैं उनके अंतिम संस्कार के लिए घर लौटीं। एसपी देहात डॉक्टर राकेश मिश्रा ने कहा कि यह आत्महत्या मानसिक तनाव के कारण हुई है।
2020 में नर्सिंग होम में हुआ था विवाद
एसआई रूबी उपाध्याय ने बताया कि 2020 में नर्सिंग होम में हुए विवाद के कारण अनुष्का मानसिक रूप से कमजोर हो गई थीं। तीन साल तक इस तनाव से जूझने के बाद भी वह सामान्य जीवन जीने की कोशिश कर रही थीं। परिवार को यह समझ नहीं आ रहा कि अचानक उन्होंने आत्महत्या का कदम क्यों उठाया।
पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि अनुष्का ने जो जहरीला पदार्थ मंगवाया था वह कहां से खरीदा गया। इसके अलावा सुसाइड नोट और परिवार से बातचीत के आधार पर यह जानने का प्रयास हो रहा है कि क्या इस कदम के पीछे कोई और वजह थी।
मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने की आवश्यकता
इस घटना ने एक बार फिर मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता की आवश्यकता को उजागर किया है। एक होनहार मेडिकल छात्रा जो अपने जीवन को बेहतर बनाने की कोशिश कर रही थी अंततः मानसिक तनाव के आगे हार गई। परिवार और समाज को इस तरह की स्थितियों में समर्थन और समझ की भूमिका को और अधिक गंभीरता से लेना होगा।