लखनऊ: दरअसल उत्तर प्रदेश के 9 जिलों में विधानसभा उपचुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई है। चुनाव आयोग द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, इन सीटों के लिए 18 अक्तूबर को अधिसूचना जारी की जाएगी।
अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी चंद्रशेखर ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मुजफ्फरनगर, मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, मैनपुरी, कानपुर नगर, प्रयागराज, अंबेडकरनगर और मिर्जापुर जिलों में आदर्श आचार संहिता के प्रावधान लागू कर दिए गए हैं। यह आचार संहिता चुनाव संपन्न होने तक प्रभावी रहेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि अगर विधानसभा चुनाव किसी नगर निगम क्षेत्र में होते हैं, तो आचार संहिता केवल उस क्षेत्र में लागू होती है, लेकिन यदि उपचुनाव अन्य क्षेत्रों में होते हैं, तो आचार संहिता पूरे जिले में प्रभावी होती है।
इन 10 विधानसभा सीटों पर होने है उपचुनाव?
यूपी में इस समय 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, लेकिन मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर मामला न्यायालय में लंबित होने के कारण अभी उपचुनाव नहीं हो रहे हैं। शेष नौ सीटों पर निर्वाचन आयोग ने उपचुनाव की अधिसूचना जारी कर दी है। इन सीटों पर 13 नवंबर को मतदान होगा और 23 नवंबर को मतगणना होगी। जिन सीटों पर उपचुनाव होना है उनमें करहल (मैनपुरी), सीसामऊ (कानपुर), कटेहरी (अंबेडकरनगर), कुंदरकी (मुरादाबाद), खैर (अलीगढ़), गाजियाबाद, फूलपुर (प्रयागराज), मझवा (मिर्जापुर) और मीरापुर (मुजफ्फरनगर) शामिल हैं। इनमें से सीसामऊ सीट सपा विधायक इरफान सोलंकी को सजा होने के कारण रिक्त हुई है, जबकि बाकी 9 विधायक लोकसभा सदस्य बन चुके हैं, जिसके कारण इन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं।
क्यों मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर बना हुआ है संशय?
मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर 2022 के चुनावों में सपा उम्मीदवार अवधेश प्रसाद ने भाजपा उम्मीदवार गोरखनाथ बाबा को 13,000 से अधिक वोटों के अंतर से हराया था। लेकिन इसके बाद भाजपा उम्मीदवार गोरखनाथ बाबा ने इस चुनाव को चुनौती देते हुए इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दाखिल की। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा उम्मीदवार द्वारा चुनावी दस्तावेजों में गलत जानकारी दी गई थी, जिससे उनके निर्वाचन की वैधता पर सवाल उठता है। इस मामले को लेकर अभी भी न्यायालय में सुनवाई चल रही है, और इसलिए निर्वाचन आयोग ने मिल्कीपुर में उपचुनाव की घोषणा नहीं की है। इस याचिका में गोरखनाथ बाबा ने अदालत से निवेदन किया है कि सपा उम्मीदवार का निर्वाचन रद्द कर उन्हें विजयी घोषित किया जाए। अगर अदालत भाजपा उम्मीदवार के तर्कों से सहमत होती है और सपा उम्मीदवार का निर्वाचन रद्द करती है, तो गोरखनाथ बाबा को विजयी घोषित किया जा सकता है।
देश में ऐसे कई उदाहरण हैं जहां अदालत ने दूसरे स्थान पर रहे उम्मीदवार को विजेता घोषित किया है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अपर सॉलिसिटर जनरल केसी कौशिक ने इस प्रकार के मामलों की कानूनी प्रक्रियाओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अदालत अगर वादी के तर्कों को सही पाती है तो दूसरे स्थान पर रहे याचिकाकर्ता को विजयी घोषित करने का आदेश दे सकती है।
इस प्रकार, यूपी में इन विधानसभा उपचुनावों की प्रक्रिया के दौरान आचार संहिता लागू रहने से विभिन्न राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को चुनावी गतिविधियों में आचार संहिता के नियमों का पालन करना अनिवार्य होगा।