लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मंगलवार देर रात तबादलों की एक और बड़ी लहर देखने को मिली। योगी सरकार ने एक झटके में 15 आईपीएस अफसरों के स्थानांतरण का आदेश जारी कर दिया, जिसमें 7 जिलों के कप्तानों को बदल दिया गया। इस तबादले में सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है पत्रकार हत्याकांड से जुड़े सीतापुर के पुलिस अधीक्षक चक्रेश मिश्र को हटाए जाने की। उनकी जगह IPS अंकुर अग्रवाल को भेजा गया है, जिनकी कहानी किसी फिल्म से कम नहीं।
अमेरिका से लौटे थे देश सेवा करने - अब यूपी में कानून-व्यवस्था का जिम्मा
IPS अंकुर अग्रवाल मूल रूप से अंबाला, हरियाणा के निवासी हैं। उन्होंने इलेक्ट्रिक एंड इलेक्ट्रॉनिक्स ट्रेड से इंजीनियरिंग की और बेंगलुरु की एक बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी में लाखों के पैकेज पर नौकरी शुरू की। कंपनी ने उन्हें अमेरिका भेजा, लेकिन वहीं रहकर उन्होंने देश सेवा का संकल्प लिया और UPSC की तैयारी शुरू कर दी।
पहले ही प्रयास में IPS बन गए।
पत्नी भी हैं आईपीएस
दिलचस्प बात ये है कि IPS अरुण अग्रवाल की पत्नी वृंदा शुक्ला भी IPS हैं, दोनों ने अमेरिका में रहते हुए एक साथ परीक्षा की तैयारी की और अफसर बनकर लौटे। अब अंकुर अग्रवाल को पत्रकार हत्याकांड से जुड़े जिले सीतापुर की कमान सौंपी गई है।
क्या पत्रकार की हत्या ने बदली कप्तानों की किस्मत?
सीतापुर में हाल ही में एक पत्रकार की हत्या ने यूपी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर दिए थे। आरोप था कि समय रहते सुरक्षा नहीं दी गई और पुलिस की ढिलाई से पत्रकार की जान गई। ऐसे में चक्रेश मिश्रा को एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स भेजा गया और उनकी जगह अंकुर अग्रवाल को लाया गया। यह तबादला योगी सरकार का सीधा संदेश माना जा रहा है कि लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी
और कौन-कहां गया? ये रहे प्रमुख तबादले
पलाश बंसल: महोबा से हटाकर बांदा के नए एसपी बने
प्रबल प्रताप सिंह: लखनऊ पुलिस उपायुक्त से महोबा के एसपी बनाए गए
बीबीजीटीएस मूर्ति: कानपुर देहात से झांसी एसएसपी
अरविंद मिश्रा: यूपी पावर कॉर्पोरेशन से कानपुर देहात के एसपी
सुधा सिंह: झांसी एसएसपी से प्रमोट होकर लखनऊ रेलवे डीआईजी
पूजा यादव: मुरादाबाद से ट्रांसफर होकर अलीगढ़ पीएसी सेनानायक
अमित कुमार: अलीगढ़ से मुरादाबाद पीएसी में सेनानायक नियुक्त
सवाल उठते हैं… और जवाब अभी बाकी हैं!
अब सवाल ये उठता है कि क्या सीतापुर में पत्रकार की हत्या ने प्रशासन को सख्त कदम उठाने को मजबूर किया, वहीं सवाल ये भी है कि क्या अब पुलिस महकमे में और भी बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे?
उत्तर प्रदेश में सत्ता की निगाहें अब जिले-दर-जिले कानून व्यवस्था पर हैं। जहां लापरवाही होगी, वहाँ सख्त रुख अपनाया जाएगा इससे ये संदेश अब और साफ होता जा रहा है।