लखनऊ: लखनऊ में विधानभवन के घेराव के दौरान हुई झड़प के बाद यूथ कांग्रेस के पूर्व पदाधिकारी प्रभात पांडेय की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत के मामले में पुलिस ने जांच तेज कर दी है। घटना के बाद गुरुवार रात पुलिस ने फॉरेंसिक टीम और श्वान दस्ते की मदद से माल एवेन्यू स्थित कांग्रेस मुख्यालय के उस कमरे को सील कर दिया जहां प्रभात बेसुध पाए गए थे। यह कमरा अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के चेयरमैन शाह नवाज आलम के नाम आवंटित था।
इस मामले में पुलिस ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय समेत 20 लोगों को नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। पुलिस ने घटना के समय मुख्यालय में मौजूद कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों से भी सवाल-जवाब किए। इसके साथ ही कांग्रेस मुख्यालय और सिविल अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज और डीवीआर पुलिस ने कब्जे में ले लिए हैं। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि घटना के समय कौन-कौन मुख्यालय में मौजूद था और प्रभात ने आखिरी बार किनसे संपर्क किया था।
झड़प के दौरान मौत का आरोप?
बुधवार को कांग्रेस के विधानभवन घेराव प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष अजय राय कर रहे थे। प्रदर्शन में शामिल होने गोरखपुर से आए प्रभात पांडेय कांग्रेस कार्यालय के अंदर गए जहां कुछ समय बाद उनकी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि प्रभात की मौत पुलिस की झड़प के दौरान हुई। इस आरोप के विरोध में कार्यकर्ताओं ने पुलिस के खिलाफ पुतला फूंककर प्रदर्शन किया।
चाचा ने दर्ज कराई हत्या की एफआईआर
प्रभात के चाचा मनीष पांडेय ने इस घटना को लेकर हुसैनगंज थाने में अज्ञात के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदर्शन के दौरान किसी के फोन पर बुलाने पर प्रभात मुख्यालय गए थे। इसके बाद उन्हें बेहोशी की हालत में पाया गया। मनीष ने यह भी कहा कि अगर समय पर प्रभात को उचित इलाज मिल जाता तो उनकी जान बचाई जा सकती थी।
फॉरेंसिक जांच में सामने आई गड़बड़ी
फॉरेंसिक टीम ने कमरे की जांच के दौरान कई सुराग जुटाए। टीम को इस बात के संकेत मिले हैं कि कमरे से गद्दे और कुर्सी समेत कुछ सामान हटाए गए हैं। पुलिस इस पहलू की भी जांच कर रही है कि कमरे में क्या हुआ और मौत के कारण क्या हो सकते हैं।
प्रमुख लोगों से पूछताछ
पुलिस ने पूछताछ के लिए जिन 20 लोगों को नोटिस जारी किया है,
उनमें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय, पूर्व अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, एनएसयूआई के महासचिव आरएन मिश्रा, नगर अध्यक्ष (दक्षिणी) शहजाद आलम, कार्यालय के कर्मचारी विकास रावत और प्रभात को अस्पताल ले जाने वाले चालक गयास समेत कई अन्य शामिल हैं। इसके अतिरिक्त सीसीटीवी फुटेज में दिखने वाले लगभग 200 अन्य लोगों से भी पूछताछ की जाएगी।
घटना की जांच के विभिन्न पहलू
पुलिस और फॉरेंसिक टीमें घटना से संबंधित हर पहलू की बारीकी से जांच कर रही हैं। यह देखा जा रहा है कि प्रदर्शन के दौरान कौन-कौन लोग मुख्यालय में मौजूद थे और घटना के बाद किन-किन लोगों ने प्रभात से संपर्क किया। पुलिस यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि प्रभात की मौत कैसे हुई और इसके पीछे क्या कारण हो सकते हैं।
यह मामला राजनीतिक हलकों में गंभीर चर्चा का विषय बन गया है। कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता इसे राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा मान रहे हैं जबकि पुलिस सभी संभावित पहलुओं की जांच कर रही है।