69 हजार शिक्षक भर्ती विवाद के समाधान को लेकर हो सकता है बड़ा फैसला: आज यूपी कैबिनेट की बड़ी बैठक….15 से ज्यादा मुद्दों को मिल सकती है हरी झंडी, बैठक से पहले पीएम से मिलकर आए है योगी?
69 हजार शिक्षक भर्ती विवाद के समाधान को लेकर हो सकता है बड़ा फैसला

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को सुबह 11 बजे कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। इस बैठक में उद्योग, नगर विकास, कुंभ मेला जैसे कई प्रमुख क्षेत्रों से जुड़े 15 से अधिक प्रस्तावों पर चर्चा होने की संभावना है। इन प्रस्तावों पर मुहर लगने के बाद राज्य में निवेश को तेजी मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, जिससे राज्य के विकास में एक नई गति आ सकती है।

सीएम योगी ने की प्रधानमंत्री से मुलाकात

रविवार को सीएम योगी अचानक दिल्ली पहुंचे, जहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। यह बैठक प्रधानमंत्री आवास, 7 लोककल्याण मार्ग पर करीब एक घंटे तक चली। इस दौरान आगामी विधानसभा उपचुनावों में पार्टी की रणनीति, महाकुंभ मेला 2025 की तैयारियां और राज्य के कई संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा की गई। सीएम योगी ने प्रधानमंत्री मोदी को महाकुंभ में आने का औपचारिक निमंत्रण भी दिया।

69 हजार शिक्षक भर्ती पर हुई गंभीरता से बात

सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में उत्तर प्रदेश में चल रहे 69 हजार शिक्षक भर्ती विवाद को सुलझाने के तरीकों पर भी विचार हुआ। यह मामला लंबे समय से विवाद का विषय बना हुआ है, और इसे सुलझाने के लिए संभावित उपायों पर गंभीरता से चर्चा की गई। माना जा रहा है कि यदि सब कुछ सही दिशा में रहा तो उपचुनाव से पहले इस विवाद का समाधान किया जा सकता है, जिससे सरकार को ओबीसी वर्ग का समर्थन हासिल करने में मदद मिलेगी।


सीएम योगी ने भाजपा अध्यक्ष से भी की मुलाकात

प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद सीएम योगी ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से उनके आवास पर मुलाकात की। बाद में, देर रात उनकी गृह मंत्री अमित शाह के साथ भी बैठक हुई। इन मुलाकातों को आगामी विधानसभा उपचुनावों की तैयारियों के लिहाज से बेहद अहम माना जा रहा है, क्योंकि पार्टी के लिए यह उपचुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुके हैं। लोकसभा चुनाव के बाद यह सीएम योगी और पीएम मोदी के बीच पहली एकांत बैठक थी, जिससे राजनीतिक हलकों में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं।


ओबीसी समुदाय पार्टी को दिलाएगा मजबूती

सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान विधानसभा उपचुनाव की रणनीति पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया गया। लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने आरक्षण और संविधान से जुड़े मुद्दों पर जो धारणा बनाई थी, उससे हुए सियासी नुकसान की भरपाई के लिए भाजपा ने अपनी तैयारियों को और मजबूत करने की योजना बनाई। दोनों नेताओं के बीच ओबीसी समुदाय को सकारात्मक संदेश देने के उद्देश्य से 69 हजार शिक्षक भर्ती विवाद के समाधान के राजनीतिक पहलुओं पर भी चर्चा हुई। अगर इस विवाद का समाधान निकला, तो उपचुनाव से पहले पार्टी को इसका लाभ मिल सकता है।


महाकुंभ को लेकर हुई चर्चा

महाकुंभ के माध्यम से हिंदू समाज में एकता का संदेश देने के विषय पर भी बैठक में विस्तार से चर्चा हुई। कुछ समय पहले सीएम योगी की संघ प्रमुख मोहन भागवत के साथ भी इस मुद्दे पर बातचीत हुई थी, जिसमें उन्होंने महाकुंभ में लिंगायत समेत सनातन धर्म से जुड़े विभिन्न संप्रदायों को आमंत्रित करने की योजना प्रस्तुत की थी। संघ ने इस योजना का समर्थन किया था, जिससे हिंदू एकजुटता का संदेश देने में मदद मिलेगी।


“बटेंगे तो कटेंगे” के बाद "एक हैं तो सेफ हैं”

बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों के संदर्भ में सीएम योगी ने "बटेंगे तो कटेंगे" का नारा दिया था, जिसे संघ का समर्थन भी मिला। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने इसकी अगली कड़ी में "एक हैं तो सेफ हैं" का नारा दिया, जो झारखंड और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव प्रचार में चर्चा का विषय बन चुका है। इन नारों के जरिए भाजपा ने हिंदू एकजुटता का संदेश दिया है, जो पार्टी की रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है।

इस तरह, इस बैठक के जरिए न केवल उपचुनाव और महाकुंभ की तैयारियों पर चर्चा की गई, बल्कि राज्य के संवेदनशील मुद्दों के हल और समाज में एकता के संदेश को मजबूती देने की भी कोशिश की गई है।

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