क्या है कानपुर अग्निकांड की पूरी सच्चाई: आलीशान मकान लेकिन नहीं था फायर अलार्म, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ बड़ा खुलासा, जानें क्या है आग लगने की मुख्य वजह…
क्या है कानपुर अग्निकांड की पूरी सच्चाई

उत्तर प्रदेश में कानपुर जिले के पांडुनगर इलाके में एक आलीशान कोठी में बने हुए लकड़ी के मंदिर में बीते गुरुवार के दिन देर रात को आग लगने से बिस्कुट कारोबारी समेत उनकी पत्नी तथा नौकरानी की जलकर मौत हो गई। आपको बता दें कि इस घटना के बाद पूरे इलाके में डर का माहौल बन गया है।

गैस चैंबर में तब्दील हो गया पूरा घर:

दरअसल वेंटिलेशन की व्यवस्था तथा फायर अलार्म सिस्टम नहीं होने की मुख्य वजह से घर में आग लगने का पता किसी को नहीं चल सका तथा बढ़ते धुएं की वजह से पूरा घर गैस चैंबर में तब्दील हो गया। वहीं कारोबारी का शव घर के मुख्य दरवाजे के पास मिला, जबकि पत्नी का शव बेडरूम की दहलीज पर मिला। इसके साथ ही घर के दूसरे कमरे में नौकरानी एवं पालतू बिल्ली भी मृत पाई गई। बता दें कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि इन तीनों की मौत दम घुटने की वजह से हुई हैं।

कर्मचारियों को गिफ्ट बांटकर लौटे थे घर:

दरअसल काकादेव के पांडुनगर H-वन ब्लॉक निवासी संजय श्याम दासानी (उम्र 48 वर्ष) के पास एक नामी बिस्कुट फैक्टरी की फ्रेंचाइजी भी है। बता दें कि उनके परिवार में उनकी पत्नी कनिका (उम्र 50 वर्ष) तथा उनका बेटा हर्ष है। परिजनों के द्वारा यह बताया गया है कि दीपावली के दिन संजय श्याम दासानी फैक्टरियों में पूजन करके तथा सभी कर्मचारियों को गिफ्ट बांटने के पश्चात शाम को ही अपने घर दीवाली मनाने के लिए लौटे थे। जिसके बाद यह घटना सामने आई है।

बेटा दीवाली पार्टी मानने गया था दोस्त के घर:

बता दें कि विदेश में पढ़ाई कर रहा कारोबारी संजय श्याम का बेटा हर्ष कुछ दिन पहले ही दीपावली के लिए अपने घर आया था। बीते गुरुवार को दीपावली की पूजा के पश्चात हर्ष कंपनीबाग चौराहे के समीप स्थित एमराल्ड अपार्टमेंट में रहने वाले अपने दोस्त के घर पर दिवाली पार्टी में शामिल होने के चला गया। हालांकि यह बात संजय तथा कनिका के अलावा कोई भी नहीं जानता था।

मंदिर की सूखी घास में आग लगने की जताई जा रही आशंका:

दरअसल 3 मंजिला मकान की दूसरी मंजिल पर रह रहे संजय तथा कनिका रात के करीब 2:30 बजे अपने बेडरूम में थे, जबकि नौकरानी छवि चौहान (उम्र 30 वर्ष) घर के दूसरे कमरे में जाकर सो गई। इस दौरान भी घर में लकड़ी से बने हुए मंदिर में दीपक जल रहा था। इसलिए ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि देर रात को करीब 3 बजे के पश्चात मंदिर में रखे हुए दीपक की गर्माहट से मंदिर में बिछी हुई सूखी घास में आग लगी होगी। जिससे धीरे-धीरे आग के द्वारा मंदिर में लगे हुए पर्दों तत्पश्चात लकड़ी के मंदिर को भी चपेट में ले लिया गया होगा। 

आंख खुलते ही मुख्य दरवाजे की तरफ भागे थे दंपत्ति:

बता दें कि घर में वेंटिलेशन की व्यवस्था नहीं होने के कारण से ही पूरा घर चैंबर में तब्दील हो गया, जिससे घर के अंदर तपिश तथा धुआं इतना अधिक हो गया कि घर के AC, पंखा समेत कमरे, टीवी, कांच की टेबल आदि सभी कुछ गलने लगे। वहीं जब संजय तथा कनिका की नींद खुली तब तक आज की लपटें तथा धुआं पूरे घर में फैल गया था। वहीं बचने के लिए दोनों घर मुख्य दरवाजे की तरफ भागे होंगे। लेकिन कनिका बेडरूम के बाहर आते ही गिर पड़ीं। जबकि संजय मुख्य दरवाजे तक पहुंच जरूर गए, लेकिन दरवाजे में लगा सेंसर वाला लॉक खुलने के पश्चात वह मुख्य दरवाजे को नहीं खोल सके और वहीं पर गिर गए। वहीं, उनकी नौकरानी छवि दूसरे कमरे से बाहर ही नहीं निकल सकी।

घर से धुआं निकलता देख भतीजी ने मचाया शोर:

परिजनों के अनुसार सुबह करीब 5:45 बजे सर्वोदयनगर में रहने वाले उनके नाना के घर से लौटी संजय श्याम की भतीजी प्रेरणा के द्वारा संजय के घर से धुआं निकलता हुआ देखकर शोर मचाया। बता दें कि प्रेरणा तथा उनके माता-पिता भी इसी घर की तीसरी मंजिल में ही रहते हैं। प्रेरणा की चिल्लाहट सुनकर पड़ोस में रहने वाले रिश्तेदार मुकेश भी वहां पहुंचे तथा दरवाजे के नजदीक ही पड़े संजय एवं कुछ दूर पर पड़ी कनिका को घर से बाहर निकाला तथा तुरंत रीजेंसी अस्पताल ले गए, जहां पर दोनों को डॉक्टरों के द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। आपको बता दें कि दमकलकर्मियों के द्वारा नौकरानी तथा बिल्ली को भी घर से बाहर निकाला गया। हालांकि, तब तक वह दोनों भी दम तोड़ चुके थे। फिलहाल फॉरेंसिक टीम के द्वारा घटनास्थल से साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं।

दमकल की 3 गाड़ियों ने आग पर पाया काबू:

घटना की सूचना मिलने पर करीब साढ़े 6 बजे फजलगंज फायर स्टेशन से दमकल की कुल 3 गाड़ियां मौके पर वहां पहुंचीं तथा करीब आधे घंटे की मशक्कत के पश्चात दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पाया। इस हादसे की सूचना पाकर पहुंचे DCP सेंट्रल दिनेश त्रिपाठी, ADCP महेश कुमार के द्वारा घटनास्थल का मुआयना किया गया। जिसके बाद शुरुआती जांच में यह सामने आया है कि घर में आग लगने की वजह से ही घर के दरवाजे लॉक हो गए थे। इस आलीशान घर में कहीं भी वेंटिलेशन की व्यवस्था नहीं की गई थी। इसके साथ ही सेंसर भी नहीं होने की वजह से घर में आग का पता नहीं लग पाया था।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में दम घुटने से ही गई तीनों की जान:

दरअसल बीते शुक्रवार को इन तीनों का पोस्टमॉर्टम हुआ था। जिसके बाद रिपोर्ट में संजय श्याम दसानी, उनकी पत्नी कनिका तथा नौकरानी छवि की मौत दम घुटने की वजह से ही हुई थी, इसकी भी पुष्टि की गई। वहीं आग लगने के दौरान कई जलती हुई चीज गिरने की वजह से संजय का हाथ झुलस गया था। जबकि बाकी किसी का शरीर कहीं पर भी नहीं झुलसा था।

बेटे के द्वार दी गई माता-पिता को मुखाग्नि:

बता दें कि कारोबारी संजय श्याम दसानी तथा उनकी पत्नी कनिका का शव बीते शुक्रवार को पोस्टमाॅर्टम के पश्चात उनके पांडुनगर स्थित घर पर के जाया गया। वहां पर कई राजनैतिक दलों के बड़े नेताओं समेत बड़ी संख्या में कारोबारियों के साथ ही परिजनों के द्वारा अंतिम दर्शन किए गए। वहीं भैरोघाट में उनके इकलौते बेटे हर्ष के द्वार अपने माता-पिता को मुखाग्नि दी गई। जबकि पांडुनगर में ही रहने वाली छवि का भी अंतिम संस्कार भैरोघाट पर ही हुआ।

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