झांसी: झांसी जिले के धमनापायक गांव में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है जिसमें ग्राम प्रधान कृपेंद्र पटेल ने स्कूल में घुसकर बच्चों के सामने प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार पटेल के साथ मारपीट की। प्रधान ने न केवल प्रधानाध्यापक का कॉलर पकड़कर उन्हें जूतों से पीटा बल्कि स्कूल के प्रबंध समिति रजिस्टर और उपस्थिति रजिस्टर को भी फाड़ डाला साथ ही घटना का वीडियो बनाने की कोशिश कर रही एक महिला शिक्षिका को जान से मारने की धमकी दी गई।
क्या है पूरा मामला?
ग्राम प्रधान इस बात से नाराज थे कि स्कूल की प्रबंध समिति का चुनाव बिना उनकी मर्जी के संपन्न कर दिया गया। प्रधान चाहते थे कि उनके समर्थकों को समिति में शामिल किया जाए लेकिन प्रधानाध्यापक ने दबाव को अनदेखा करते हुए चुनाव प्रक्रिया पूरी की। गुरुवार को आयोजित इस चुनाव में मानवेंद्र पटेल को अध्यक्ष और रामकुमारी को उपाध्यक्ष चुना गया। यह निर्णय ग्राम प्रधान को नागवार गुजरा और उन्होंने स्कूल में आकर प्रधानाध्यापक पर हमला कर दिया।
प्रधान ने प्रधानाध्यापक को पकड़कर जूते से पीटा
प्रबंध समिति के गठन के कुछ ही घंटे बाद प्रधान स्कूल पहुंचे और गाली-गलौज करने लगे। उन्होंने पहले प्रबंध समिति और उपस्थिति रजिस्टर फाड़े फिर प्रधानाध्यापक को पकड़कर जूते से पीटने लगे। घटना से घबराए प्रधानाध्यापक स्कूल के बाहर भागे लेकिन प्रधान ने उनका पीछा कर फिर से हमला किया। बच्चों के सामने हुए इस हमले से स्कूल में दहशत फैल गई।
वीडियो बनाने पर शिक्षिका को जान से मारने की धमकी
स्कूल की अनुदेशिका रीना ने घटना का वीडियो बनाने की कोशिश की लेकिन ग्राम प्रधान ने उन्हें धमकाते हुए उनका मोबाइल छीनने की कोशिश की। इसके बाद प्रधान ने पूरे स्टाफ को जान से मारने की धमकी दी और मौके से फरार हो गए।
स्कूल में है डर का माहौल
इस हिंसक घटना से बच्चे और स्कूल का स्टाफ बुरी तरह डर गए। घटना के बाद स्टाफ ने पुलिस को सूचित किया। प्रधानाध्यापक ने डर
के कारण रविवार तक की छुट्टी ले ली है। स्कूल में पढ़ने वाले 144 बच्चों और उनके माता-पिता में भी इस घटना को लेकर गहरी चिंता है।
स्टाफ ने विरोध में स्कूल किया बंद
घटना के बाद स्कूल के शिक्षकों ने सख्त कदम उठाने की मांग की है। अनुदेशिका रीना ने स्पष्ट कहा कि जब तक आरोपी ग्राम प्रधान को जेल नहीं भेजा जाता वे स्कूल नहीं खोलेंगे। लहचूरा थाना प्रभारी पंकज मिश्रा ने बताया कि प्रधान के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस को घटना का वीडियो भी सौंपा गया है और मामले की जांच जारी है।
यह घटना शिक्षा प्रणाली में दबंगई और हस्तक्षेप का एक चिंताजनक उदाहरण है। प्रबंध समिति जैसी संस्थाएं बच्चों की शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए काम करती हैं लेकिन इस प्रकार के दबाव और हिंसा से उनका उद्देश्य प्रभावित हो रहा है। अब सभी की नजरें प्रशासन पर हैं कि वह किस तरह मामले में न्याय सुनिश्चित करता है