आखिर कौन है: रेजा सेराज जिसकी मौत पर इजरायल होगा खुश? विदेशों में ईरान के दुश्मनों का चुन चुन कर करता था खात्मा, जानिए पूरी खबर...
आखिर कौन है

ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के पूर्व विदेशी खुफिया प्रमुख रेजा सेराज की मौत की खबर सामने आ रही है। रेजा सेराज ने ईरान की विदेश में हत्या की साजिशों में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और उसके दुश्मनों का चुन चुन कर खात्मा किया था। जिसके बाद अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने उनको मानवाधिकारों के हनन करने का भी आरोपी बना रखा था।

ब्रेन ट्यूमर से रेजा की मौत की खबर आ रही है सामने

बता दें कि रेजा की मौत बीते दिन ब्रेन ट्यूमर की एक सर्जरी के बाद हुई है। ईरान के खुफिया तंत्र में रेजा सेराज का बहुत ज्यादा बोलबाला था, जो दशकों तक फैला रहा।
और इसकी शुरुआत साल 1990 के दशक में हुई, जब रेजा ने "अलवी" जैसे एक सरनेम के तहत एक एजेंट के रूप में काम करना शुरू किया था।
रेजा यातना देकर राजनीतिक और कॉलेज के छात्र कार्यकर्ताओं से जबरन कबूलनामा निकलवाने के लिए काफी कुख्यात थे।

रिवोल्यूशनरी गार्ड के कई सारे खुफिया अभियान में रहा इनका हाथ

बता दें कि विदेश में IRGC के गुप्त अभियानों को संचालित करने में रेजा सेराज सबसे ज्यादा प्रमुख व्यक्ति था। जिसके चलते पिछले साल, अमेरिकी ट्रेजरी विभाग ने विदेश में हत्या करने के प्रयासों और ईरान में कई तरह के मानवाधिकार उल्लंघनों में उसकी संलिप्तता के लिए उसपर बैन तक भी लगा दिया था।

साइप्रस में की थी एक इजरायली की हत्या

इसके साथ ही रेजा के सबसे ज्यादा बड़े और विवादास्पद खुफिया कार्यों में से एक IRGC के एक विशेष खुफिया निदेशालय यूनिट 4000 का नेतृत्व करना था। जहां पर उन्होंने साइप्रस में एक इजरायली की हत्या की साजिश रची। हालांकि, इसके बाद इसे वहां से हटा दिया गया और सीरिया से निष्कासित किए गए एक व्यक्ति जिसका नाम जावेद गफरी ने सेराज की बर्खास्तगी के बाद इस यूनिट को संभाला। 

क्रूरता के लिए रेजा सेराज ने पाई हुई है ख्याति

अपने पूरे जीवनकाल में रेजा सेराज ने क्रूरता के लिए एक ख्याति पाई हुई है। उसने राजनेता अली अफशारी के साथ साथ कई सारे कार्यकर्ताओं को प्रभावित किया। हाल ही में हुए एक साक्षात्कार में अफशारी ने सेराज को साल 2000 में हुई अपनी गिरफ्तारी के दौरान एक बहुत ही ज्यादा भयानक पीड़ा देने के लिए जिम्मेदार बताया, जो की पूछताछ करने के दौरान अपना क्रूर रवैया अपनाता था।

खुफिया तंत्र से भी बाहर तक फैला हुआ था रेजा सेराज का प्रभाव

वहीं पर इसके साथ ही पत्रकार अहमद बटेबी ने भी अपने साथ हुए एक दुर्व्यवहार में सेराज की भूमिका की ओर इशारा करते हुए, उन्होंने उस यातना का विवरण दिया, जिसके परिणामस्वरूप कई सारे झूठे बयानों को राज्य टेलीविजन पर प्रसारित किया गया। रेजा सेराज का प्रभाव इतना ज्यादा था कि वो ईरान के खुफिया तंत्र से भी परे तक फैला हुआ था। 

एक कैदी को तीन साल की जगह दी गई थी फांसी की सजा

वहीं रेजा सेराज का कई सारी हिंसक घटनाओं में भी नाम आया था, जिसमें साल 2014 में एविन जेल में राजनीतिक कैदियों पर हुआ एक हमला भी शामिल है, जिसे "ब्लैक थर्सडे" के रूप में भी जाना जाता है। इसके अलावा रेजा राजनीतिक कैदी घोलमरेजा खोसरावी सवादजानी को मिली गति सजा को तीन साल से बढ़ाने के बाद फांसी पर चढ़ाने के लिए भी जिम्मेदार था। हमले होने के दो महीने से भी कम समय बाद जून 2014 में खोसरावी को फांसी पर लटका दिया गया था।

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