संयुक्त राज्य अमेरिका के द्वारा दिग्गज भारतीय कारोबारी गौतम अदाणी तथा उनके सहयोगियों के खिलाफ अमेरिकी अभियोजकों के द्वारा लगाए गए कई आरोपों पर प्रतिक्रिया दी गई है। दरअसल व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरीन जीन-पियरे से उनके एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह पूछा गया कि आखिर क्या इन आरोपों से भारत और अमेरिका देशों के संबंधों पर भी कोई असर पड़ेगा?
वहीं पूछे गए इस सवाल पर उन्होंने कहा कि हम इन आरोपों से अवगत हैं, लेकिन इसके बारे में और अधिक जानकारी के लिए आपको SEC यानि सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन तथा न्याय विभाग (DOJ) से ही संपर्क करना होगा।
मज़बूत नींव पर आधारित हैं दोनों देशों के संबंध:
इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि अमेरिका तथा भारत के संबंध एक बेहद मजबूत नींव पर आधारित हैं। जो इन दोनों देशों के लोगों के मध्य रिश्तों तथा वैश्विक मुद्दों पर भी सहयोग से ही स्थापित हुए हैं। हम यह मानते हैं तथा पूरी तरह से आश्वस्त भी हैं कि हम इस मुद्दे को जल्दी ही समाधान की दिशा में लेकर जाएंगे, जैसा कि हमने अन्य सभी मामलों में भी किया है।
आखिर क्या हैं अदाणी समूह पर आरोप:
दरअसल अदाणी समूह पर यह आरोप हैं कि उसके द्वारा कथित रूप से सौर उर्जा अनुबंधों के लिए करीब 250 मिलियन अमेरिकी डॉलर (लगभग 2,100 करोड़ भारतीय रुपये) की रिश्वत दी गई थी, जिसके पश्चात ही अमेरिकी अभियोजकों के द्वारा इसकी जांच शुरू की गई है।
हालांकि अमेरिका व्हाइट हाउस के द्वारा इस मुद्दे पर कोई भी अधिक विवरण देने से फिलहाल इनकार किया गया है तथा यह भी कहा गया है कि इस मामले के बारे में सभी सही जानकारी एसईसी एवं न्याय विभाग के द्वारा ही दी जा सकती है।
आरोपों से नहीं पड़ेगा द्विपक्षीय संबंधों पर कोई असर:
वहीं दूसरी तरफ जीन-पियरे के द्वार यह जोर देकर कहा गया है कि अदानी पर लगे इन आरोपों की सत्यता की जांच हो रही है। लेकिन फिलहाल अमेरिका तथा भारत के संबंधों पर उसका कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि दोनों देशों के संबंध बेहद मजबूत हैं। इसलिए इन आरोपों का दोनों देशों के द्विपक्षीय रिश्तों पर भी कोई असर नहीं पड़ेगा। हम एक दूसरे के साथ पहले जैसे रिश्ते ही बनाए हुए हैं।
नेतन्याहू के खिलाफ ICC के वारंट पर भी दी प्रतिक्रिया:
वहीं व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव के द्वारा इस्राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एवं पूर्व रक्षा मंत्री योआव गैलेंट के खिलाफ भी अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय (ICC) की तरफ से जारी गिरफ्तारी वारंट पर भी प्रतिक्रिया दी गई।
जिसमें जीन-पियरे के द्वारा यह कहा गया है कि हम इस अदालत के फैसले को हर तरीके से खारिज करते हैं। साथ ही हम जल्दबाजी में गिरफ्तारी वारंट जारी करने एवं फैसले तक पहुंचने में हुई किसी भी प्रकार की प्रक्रिया त्रुटियों को लेकर भी चिंतित हैं