संयुक्त राष्ट्र में बोले मोदी: वैश्विक शांति के लिए संस्थाओं में सुधार है जरूरी, जाने संयुक्त राष्ट्र में प्रधानमंत्री के भाषण की महत्वपूर्ण बातें विस्तार से
संयुक्त राष्ट्र में बोले मोदी

विदेश:अपने अमेरिकी दौरे के तीसरे दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संयुक्त राष्ट्र में "समिट ऑफ़ द फ्यूचर" सम्मेलन में पहुंचे। अपने भाषण में प्रधानमंत्री मोदी ने विश्व के सुरक्षित भविष्य के मुद्दे पर भारत के पक्ष से विश्व को अवगत कराया। 

140 करोड़ जनता की तरफ से नमस्कार 

नमस्ते से भाषण की शुरुआत करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि "विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र और उसकी 140 करोड़ जनता की तरफ से आप सभी को नमस्कार। मानव इतिहास के सबसे बड़े चुनाव में जनता ने मुझे तीसरी बार सेवा का अवसर प्रदान किया है। मैं अपनी जनता की बात आपके सामने रखने आया हूं।"

वैश्विक भविष्य की जरूरत है मानवतावादी प्रयास 

प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त राष्ट्र सभा को संबोधित करते हुए कहा कि जब हम वैश्विक भविष्य के बारे में बात करते हैं, तब हमें मानवतावादी तरीकों की बात सबसे पहले करनी चाहिए। सतत विकास को ध्यान में रखते हुए हमें मानव मात्र के कल्याण, खाद्य और स्वास्थ्य सुरक्षा की ओर ध्यान देना चाहिए। भारत ने बीते कुछ वर्षों में ढाई सौ मिलियन से अधिक लोगों को गरीबी से बाहर निकाला है। भारत ने यह साबित कर दिया है कि "सस्टेनेबल कैन बी सक्सेसफुल" और भारत अपने इस सफल अनुभव को वैश्विक दक्षिण के साथ साझा करना चाहता है।

वैश्विक संस्थानों में हो सुधार

प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में वैश्विक संस्थानों में सुधार की बात करते हुए कहा कि "रिफॉर्म इस द की ऑफ रेलीवेंस" अर्थात सुधार इन वैश्विक संस्थाओं को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए आवश्यक है। यही कारण है कि नई दिल्ली में हुए G20 समिट के दौरान अफ्रीकन यूनियन को G20 का स्थायी सदस्य बनाने का महत्वपूर्ण कदम उठाया गया।

युद्ध नहीं सामूहिक शक्ति की है जरूरत 

आगे प्रधानमंत्री कहते हैं कि वैश्विक स्तर पर किए जाने वाले प्रयासों में वैश्विक महत्वाकांक्षाओं का भी समावेश होना चाहिए। सामूहिक प्रयास से ही मानवता की सफलता सुनिश्चित की जा सकती है, युद्ध के मैदान से नही। इसके लिए वैश्विक संस्थानों में सुधार आवश्यक है। G20 में अफ्रीकन यूनियन की स्थायी सदस्यता इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

ग्लोबल डिजिटल गवर्नेंस का हो प्रयास 

प्रधानमंत्री ने ऐसे वैश्विक डिजिटल गवर्नेंस पर जोर दिया, जिससे राष्ट्रों की संप्रभुता और अखंडता पर कोई आंच ना आए। प्रधानमंत्री के अनुसार डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर सेतु के रूप में कार्य करना चाहिए न कि किसी बाधा के रूप में। साथ ही प्रधानमंत्री ने विश्व को यह आश्वासन दिया कि भारत ग्लोबल गुड के लिए अपने डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर को विश्व से साझा करने के लिए तैयार है।

क्या है समिट ऑफ फ्यूचर? 

वर्ष 2021 में संयुक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने एक ऐसी बैठक बुलाने की मांग की थी, जिसमें विश्व के समक्ष मौजूद समस्याओं जैसे वैश्विक शांति, सतत विकास, पर्यावरण परिवर्तन, मानव अधिकार आदि मुद्दों पर चर्चा की जा सके। यह समिट 3 वर्षों बाद अब जाकर आयोजित किया जा सका है।

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