भारत ने फिर मालदीव को भेजी आर्थिक सहायता: आखिर क्यों भारत विरोधी मुइज्जू सरकार को सहायता पहुंचा रहा है भारत? पूरी खबर विस्तार से...
भारत ने फिर मालदीव को भेजी आर्थिक सहायता

इंडिया आउट का कैंपेन चला कर और भारत विरोधी नारों के बल पर मालदीव की सत्ता प्राप्त करने वाले मुइज्जू की मदद के लिए एक बार फिर भारत सामने आया है। भारत सरकार ने मालदीव की सहायता के लिए 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल को एक और साल के लिए आगे बढ़ाने की अनुमति प्रदान कर दी है।

भारत ने की वित्तीय मदद 

भारतीय उच्चायोग के अनुसार भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने मालदीव सरकार के साथ हुए 50 मिलियन अमेरिकी डॉलर के ट्रेजरी बिल को पिछली सदस्यता समाप्त होने के बाद एक और साल के लिए बढ़ा दिया है। सदस्यता में यह वृद्धि मालदीव सरकार के विशेष अनुरोध पर किया गया है। यह वित्तीय सहायता आपातकालीन वित्तीय सहायता के रूप में कार्य करेगी।

मालदीव ने प्रकट किया आभार 

मालदीव सरकार की ओर से भारतीय वित्तीय सहायता पर आभार व्यक्त करते हुए मालदीव के पर्यटन मंत्री अहमद अदीब ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अपनी प्रतिक्रिया दी। अपनी पोस्ट में उन्होंने लिखा कि यह वित्तीय सहायता दोनो देशों के बीच संबंध मजबूत बनाने में सहायक होगा और आर्थिक स्थिरता एवं विकास को सुनिश्चित करेगा।

क्यों बिगड़े थे भारत मालदीव संबंध?

➡️ मालदीव के वर्तमान राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जु ने इंडिया आउट का नारा देकर चुनाव जीता था। वे मालदीव की राजनीति में भारत विरोधी और चीन समर्थक माने जाते है। 

➡️ मुइज्जू ने सत्ता में आते ही मालदीव में मौजूद भारतीय सैनिकों को देश छोड़ने के लिए कह दिया। उल्लेखनीय है कि ये सैनिक भारत द्वारा मालदीव को दिए गए विमानों के संबंध में प्रशिक्षण देने गए थे। ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि अब प्रशिक्षण के लिए मुइज्जु चीन की मदद ले सकते है।

➡️ जनवरी 2024 में प्रधानमंत्री ने लक्षद्वीप की यात्रा की और यहां की तस्वीर सोशल मीडिया पर पोस्ट की। इस तस्वीर के बाद आम जनता ने पर्यटन हेतु मालदीव की जगह लक्षद्वीप को तरजीह देने की बात कही। इसी दौरान मालदीव के कुछ मंत्रियों ने भारत विरोधी टिप्पणियां भी की। परिणामस्वरूप बॉयकॉट मालदीव कैंपेन सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा। अंततः मालदीव सरकार ने आपत्तिजनक बयान देने वाले मंत्री का इस्तीफा लेकर मामले को ठंडा किया।

भारत विरोधी सरकार को मदद क्यों? 

➡️ मालदीव भारतीय तटीय सीमा के बेहद समीप होने की वजह से रणनीति महत्व रखता है। मालदीव में राजनीतिक एवं आर्थिक स्थिरता भारतीय सुरक्षा के लिए आवश्यक है।

➡️ मालदीव में बढ़ती भारत विरोधी भावना पर नियंत्रण लगाने और चीन के प्रभाव को कम करने के लिए यह सहायता आवश्यक थी।

➡️ यह वित्तीय सहायता भारतीय विदेश नीति की SAGAR (सिक्योरिटी एंड ग्रोथ फॉर ऑल इन द रीजन) रणनीति और "पड़ोसी पहले" की नीति को सफल बनाने के लिए जरूरी थी।

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