इजरायल और हमास युद्ध के बीच लेबनान में हुए सीरियल पेजर ब्लास्ट की पूरी दुनियाभर में चर्चा हो रही है। यह ब्लास्ट एक वॉकी-टॉकी डिवाइस के अंदर हुआ है, जिसकी वजह से तकरीबन14 लोगों की मौत हो गई। वहीं पर, सैकड़ों लोग घायल हो गए।
भले ही इजरायल ने आधिकारिक तौर पर हुए इस हमले की कोई जिम्मेदारी नहीं ली है, लेकिन पूरी दुनिया इस बारे में जानती है कि ऐसे खतरनाक हमलों को अंजाम देने का काम सिर्फ और सिर्फ मोसाद जैसी खुफिया एजेंसी ही कर सकती है।
'यूनिट 8200' ने दिया इस पेजर अटैक को अंजाम
बता दें कि कुछ दिनों पहले हिजबुल्लाह ने इजरायल पर मिसाइल से अटैक किया था, जिसके बाद इजरायल ने पूरी खुली धमकी दी थी कि हिजबुल्लाह को इसके लिए भारी कीमत चुकानी पड़ेगी। हालांकि लेबनान में हुए इस पेजर अटैक के पीछे मोसाद नहीं बल्कि 'यूनिट 8200' का हाथ बताया जा रहा है। यह एक प्रकार की सैन्य एजेंसी है।
गौरतलब है कि यह यूनिट 8200 खुफिया एजेंसी मोसाद से काफी अलग है। यह विभाग सीधे तौर पर मुल्क के प्रधानमंत्री कार्यालय को रिपोर्ट करती है। इसका मतलब यह है कि यूनिट 8200 जिन भी ऑपरेशन को अंजाम देती है, उसकी सीधे तौर पर जानकारी पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को दी जाती है। वहीं जानकारी के मुताबिक, हिजबुल्लाह के खिलाफ इस सैन्य ऑपरेशन की प्लानिंग करने में 'यूनिट 8200' को लगभग एक साल से ज्यादा का समय लग गया।
'यूनिट 8200' में सबसे बेहतरीन सैनिक होते हैं शामिल
इजराइल डिफेंस के सूत्रों के मुताबिक, यूनिट 8200 में इजरायली सेना के सबसे अच्छे और सबसे प्रतिभाशाली सैनिकों को शामिल किया जाता है। साथ ही बता दें कि पेजर अटैक के अगले ही दिन हिजबुल्लाह के खिलाफ इसी एजेंसी ने वॉकी-टाकी के अटैक को भी अंजाम दिया। इस हमले में लगभग 14 लोगों की मौत हो गई। अब मोसाद के बाद फिलहाल दुनियाभर में ‘यूनिट-8200’ की चर्चा हो रही है।
साइबर हमले करने में महारथी हैं 'यूनिट 8200'
इस यूनिट का गठन इजरायल की स्थापना होने के तुरंत बाद साल 1948 में किया गया था। शुरुआत में यूनिट 8200 का काम सिर्फ और सिर्फ कोडब्रेकिंग और खुफिया इकाइयों की निगरानी करना था। लेकिन धीरे -धीरे यह एजेंसी सिग्नल इंटेलिजेंस जैसी तमाम चीजों से लेकर डेटा माइनिंग और बाद में तकनीकी हमलों को अंजाम देने लगी।
हमास और हिजबुल्लाह से लड़ रहा है इजरायल
वहीं आपको बताते चलें की पिछले साल सात अक्टूबर को हमास ने इजरायल पर एक आतंकी हमले को अंजाम दिया था। जिसके बाद इजरायल ने फलस्तीन और खासकर गाजा में हमास के खिलाफ अपनी जंग छेड़ रखी है। और इस जंग में हिजबुल्लाह खुले तौर पर हमास का पूरा साथ दे रहा है। लेबनान से हिजबुल्लाह का पूरा का पूरा नेटवर्क चलता है। इसलिए हमास के साथ-साथ इजरायल हिजबुल्लाह के खिलाफ भी लड़ रहा है।