Gold vs Bitcoin: गोल्ड या बिटकॉइन…क्या होगा आपके लिए बेहतर, कौन बनाकर देगा आपको अच्छे रिटर्न्स जाने एक्सपर्ट की सलाह?
Gold vs Bitcoin

नई दिल्ली: सोने को दुनिया की सबसे पुरानी और भरोसेमंद मुद्रा माना जाता है इसका उपयोग वैश्विक स्तर पर लेन-देन और निवेश के लिए सदियों से किया जा रहा है। वहीं बिटकॉइन आधुनिक डिजिटल युग की क्रांति के रूप में उभरते हुए दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बन चुकी है। पिछले कुछ समय में दोनों ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। लेकिन सवाल यह उठता है कि निवेश के लिहाज से इन दोनों विकल्पों में कौन-सा बेहतर है? आइए दोनों के प्रदर्शन, संभावनाओं और जोखिमों पर विस्तार से चर्चा करें।

बिटकॉइन की मौजूदा स्थिति

डोनाल्ड ट्रंप के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के बाद बिटकॉइन की कीमतों में अप्रत्याशित तेजी देखी गई है। यह पहली बार हुआ जब यह 94,000 डॉलर के स्तर तक पहुंच गया। जो इसका अब तक का सर्वाधिक मूल्य है। पिछले एक महीने में ही बिटकॉइन ने 35% का रिटर्न दिया है। जो किसी भी निवेश के लिए शानदार माना जाता है। इतना ही नहीं, पिछले एक साल में इसने 146% से अधिक का मल्टीबैगर रिटर्न देकर निवेशकों को मालामाल कर दिया है। फिलहाल बिटकॉइन 92,530 डॉलर पर ट्रेड कर रहा है।

बिटकॉइन की तेजी का प्रमुख कारण ट्रंप का यह वादा है कि अमेरिका को क्रिप्टोकरेंसी का वैश्विक केंद्र बनाया जाएगा। इसके अलावा वैश्विक स्तर पर क्रिप्टोकरेंसी को अपनाने की बढ़ती प्रवृत्ति भी इसकी कीमतों को ऊपर ले जा रही है। हालांकि इसमें जोखिम भी बहुत ज्यादा है खासकर भारत जैसे देशों में जहां क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नीतियां और नियम अभी स्पष्ट नहीं हैं।

सोने का प्रदर्शन

दूसरी ओर सोने ने भी पिछले एक साल में अच्छा प्रदर्शन किया है। एक साल पहले सोने की कीमत 62,650 रुपये प्रति 10 ग्राम थी जो अब 78,080 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई है। इस तरह एक साल में सोने ने लगभग 25% का रिटर्न दिया। हालांकि हाल के दिनों में इसकी कीमत अपने उच्चतम स्तर 82,000 रुपये प्रति 10 ग्राम से लगभग 5,000 रुपये कम हो चुकी है।

सोने की यह गिरावट अमेरिकी डॉलर के मजबूत होने और बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी के कारण हुई है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक अस्थिरता जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध और आर्थिक अनिश्चितता के चलते सोने की कीमतों में फिर से तेजी आ सकती है।

भविष्य की संभावनाएं: सोना बनाम बिटकॉइन

सोना: एक भरोसेमंद विकल्प

सोने को सदियों से "सुरक्षित निवेश" के रूप में देखा जाता रहा है। यह एक ऐसी संपत्ति है जो वैश्विक संकटों के समय स्थिरता प्रदान करती है। रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा परमाणु हमले की धमकी जैसी घटनाएं सोने की कीमतों को ऊपर ले जा सकती हैं।

गोल्डमैन सैक्स और अन्य वित्तीय विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में सोना निवेशकों को स्थिर और सुरक्षित रिटर्न देता रहेगा। विशेष रूप से मध्यम और दीर्घकालिक निवेश के लिए यह एक आदर्श विकल्प है।

बिटकॉइन: तेजी और जोखिम का मेल

बिटकॉइन ने खुद को दुनिया की सबसे तेजी से उभरती हुई असेट क्लास के रूप में स्थापित किया है। मार्केट कैप के लिहाज से इसने चांदी को पीछे छोड़ते हुए सातवें स्थान पर कब्जा कर लिया है। लेकिन बिटकॉइन का उतार-चढ़ाव इसे जोखिम भरा बनाता है।

ट्रंप की जीत और अमेरिका में क्रिप्टो फ्रेंडली नीतियों के चलते इसकी कीमतें और ऊपर जा सकती हैं। हालांकि भारत में बिटकॉइन को लेकर स्थिति बहुत स्पष्ट नहीं है। क्रिप्टोकरेंसी से होने वाले लाभ पर 30% का भारी टैक्स और 1% टीडीएस लगाया जाता है। इसके अलावा भारतीय निवेशकों के लिए इसके सुरक्षा उपाय भी सीमित हैं।

दोनों निवेशों की तुलना

पैरामीटर सोना बिटकॉइन
वृद्धि दर (1 वर्ष) लगभग 25% 146% से अधिक
जोखिम बहुत कम बहुत ज्यादा
नियम-कानून वैश्विक मान्यता प्राप्त भारत में स्पष्टता नहीं
लिक्विडिटी उच्च उच्च पर अस्थिर
कराधान अपेक्षाकृत कम 30 टैक्स और 1% टीडीएस

 


निवेश के लिए कौन सा विकल्प है सही?

सोना: यदि आप एक स्थिर, सुरक्षित और लंबे समय तक टिकाऊ निवेश विकल्प की तलाश कर रहे हैं तो सोना आपके लिए बेहतर है। यह वैश्विक अस्थिरता के समय भी भरोसेमंद साबित होता है। सोने में दीर्घकालिक निवेश आपको स्थिर रिटर्न दे सकता है।

बिटकॉइन: यदि आप जोखिम उठाने की क्षमता रखते हैं और तेजी से मुनाफा कमाना चाहते हैं तो बिटकॉइन आपके लिए सही विकल्प हो सकता है। हालांकि इसमें अस्थिरता बहुत ज्यादा है और भारत में इसकी नियामकीय स्थिति स्पष्ट नहीं है। निवेश से पहले जोखिमों का आकलन करना बेहद जरूरी है।

अंततः निवेश का फैसला आपकी जोखिम उठाने की क्षमता, लक्ष्य और निवेश की अवधि पर निर्भर करता है।

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