नई दिल्ली/श्रीनगर: 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए भीषण आतंकी हमले के बाद भारत की सैन्य और राजनीतिक गतिविधियों ने साफ संकेत दे दिया है—सरकार अब 'सिर्फ निंदा' के रास्ते पर नहीं, बल्कि एक्शन मोड में आ चुकी है। हमला ऐसे वक्त हुआ जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की आधिकारिक यात्रा पर थे, और उन्होंने यात्रा बीच में छोड़ भारत लौटकर यह स्पष्ट कर दिया—अब कुछ बड़ा होगा!
पहलगाम आतंकी हमले से पूरा देश स्तब्ध
विदित है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया। 26 निर्दोष लोगों की मौत ने न केवल भारत को हिला दिया बल्कि सरकार के फैसलों और सेना की तैयारियों से अब दुनिया भर में हलचल मच गई है।
72 घंटे में भारत ने जो किया, वो सामान्य नहीं था:
आपको बता दे कि हमले के 72 घण्टे के बाद भारत के किये गए कार्य, असामान्य थे जो किसी होने वाले बड़ी घटना की ओर इशारा कर रहे...
हमले के 7 घंटे बाद: गृहमंत्री अमित शाह श्रीनगर पहुंच गए।
22 घंटे बाद: CCS की बैठक में 5 बड़े फैसले, जिनमें सिंधु जल संधि स्थगन और अटारी-वाघा बॉर्डर सील करना शामिल था।
50 घंटे बाद: 'ऑपरेशन आक्रमण' नाम से भारतीय वायुसेना ने सैन्य अभ्यास शुरू किया, जिसमें राफेल और सुखोई जैसे लड़ाकू विमान शामिल रहे।
52 घंटे बाद: शाह और जयशंकर ने राष्ट्रपति मुर्मू से की गुप्त मुलाकात।
54 घंटे बाद: सर्वदलीय बैठक में विपक्ष ने भी सरकार को 'फ्री हैंड' देने का वादा किया।
मीटिंग में 5 बड़े फैसले, जिनमें 'जंग' की आहट!
गौरतलब है कि PM की अध्यक्षता में हुई CCS मीटिंग में लिए गए फैसले:
सिंधु जल संधि को सस्पेंड करना
अटारी-वाघा बॉर्डर बंद
SAARC वीजा छूट योजना निलंबित
सैन्य तैयारी तेज करने के आदेश
पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोर्चाबंदी
बावजूद पाकिस्तान ने कहा कि “अगर भारत सिंधु जल रोकेगा तो ये ऐक्ट ऑफ वॉर में आएगा।”
मध्यस्थता की कोशिशें शुरू
सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान ने भारत और पाकिस्तान दोनों से बात की है।
ईरान के विदेश मंत्री सैयद अब्बास अगरची ने सांस्कृतिक भाईचारे की बात कहकर मध्यस्थता की पेशकश की है।
अमेरिका और रूस भी बैकचैनल से दोनों देशों के संपर्क में हैं।
रूसी मीडिया का दावा—"कुछ बड़ा होने वाला है"
गौरतलब है कि रूस की सरकारी मीडिया RT ने लिखा है कि "दो न्यूक्लियर पॉवर्स आमने-सामने खड़ी हैं और अब सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कोई भी घटना पूरे दक्षिण एशिया को उबाल सकती है।"
तो क्या भारत करेगा सर्जिकल स्ट्राइक या फिर?, जानें भारत के पास क्या क्या विकल्प हैं मौजूद
1. सीमित सैन्य कार्रवाई: भारत सीमित सैन्य कार्यवाही कर सकता जैसे बालाकोट एयरस्ट्राइक की गयी थी, उसी तरह आतंकी ठिकानों पर निशाना बनाया जा सकता है।
2. डिप्लोमैटिक आइसोलेशन: भारत पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अलग-थलग करके उसकी छवि को नुकसान पहुचा सकता है, जिससे वो अपने देश के आतंकी गतिविधियों पर लगाम लगाए।
3. सिंधु जल संधि को स्थायी रूप से समाप्त करना: भारत ने सिंधु जल सन्धि को निलंबित कर दिया है, वो इस संधि से पूरी तरह बाहर आकर उसके ऊपर दबाव बना सकता है क्योंकि अकेली सिंधु नदी के जल से उसके पंजाब प्रांत के 60% लोगो की जीवन और कृषि चलता है।
क्या है सरकार की आगामी रणनीति?
सूत्रों के अनुसार, सरकार पहले पार्लियामेंट्री और इंटरनेशनल कंसेंसस तैयार कर रही है, ताकि किसी भी कार्रवाई को 'राष्ट्रहित में ठोस जवाब' कहा जा सके। सर्वदलीय बैठक इसी दिशा में पहला कदम है।
पहलगाम में बहे निर्दोषों के खून की गूंज सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि वैश्विक राजनीति में सुनाई दे रही है। अब सबकी निगाहें पीएम मोदी और भारतीय सेना की अगली चाल पर टिकी हैं। क्या ये सिर्फ चेतावनी या फिर जंग की शुरुआत?