'जीवन लंबा होने के बजाए महान होना चाहिए': संविधान निर्माता बाबा साहब आंबेडकर की 69वीं पुण्यतिथि पर आइए जानिए उनके विचार जो हर किसी को देते हैं प्रेरणा!
'जीवन लंबा होने के बजाए महान होना चाहिए'

हमारे देश के संविधान के निर्माता बाबा साहेब भीम राव अंबेडकर की आज 69वीं पुण्यतिथि है। इस दिन पूरे देश भर में महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धांजलि दी जाती है। भारत में जब-जब भी संविधान और लोकतंत्र की बात होती है तो ऐसे में बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर का नाम बहुत ही प्रमुखता से लिया जाता है। यही वो दि‍न है जब भारत के संविधान के निर्माता, समाज सुधारक और तमाम दलितों के मसीहा कहे जाने वाले अंबेडकर का साल 1956 में निधन हुआ था। डा. अंबेडकर की महान आत्मा की शांति और साथ ही उनकी अमूल्य सेवा को सम्मानित करने के लिए उनकी याद में महापरिनिर्वाण दिवस मनाया जाता है।

बता दें कि डॉ. अंबेडकर का जीवन केवल एक ही व्यक्ति का नहीं, बल्कि पूरे ही भारतीय समाज के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। बाबा साहेब आंबेडकर के इस दुनिया से चले जाने के बाद भी उनके विचार और उनके कथन लोगों के ल‍िए प्रेरणा से कम नहीं हैं। चलिए आइए जानते हैं उनके जीवन से जुड़ी हुई कुछ उनके द्वारा दिए गए प्रेरणादायक और अनमोल विचारों के बारे में-

मध्‍य प्रदेश में हुआ था बाबा साहेब आंबेडकर का जन्‍म

जानकारी के लिए बता दें क‍ि दलितों के ये मसीहा कहे जाने वाले बाबा साहेब अंबेडकर का जन्म दिनांक 14 अप्रैल 1891 को मध्य प्रदेश के अंदर महू में हुआ था। वह महार जाति से संबंध रखते थे। इस जात‍ि के लोगों को उस वक्त में बहुत ही अछूत माना जाता था। उन्‍हाेंने अपने जीवन के शुरुआती वक्त में जातिगत भेदभाव और साथ ही सामाजिक असमानता का सामना बहुत ज्यादा किया था। उनके ही कठिन प्रयासों से भारत में दलितों के अधिकारों को संवैधानिक सुरक्षा भी मिली। इसके साथ ही भारत रत्न से सम्मानित किए गए बाबासाहेब अंबेडकर के अनमोल विचार पूरे ही मानव जाति को बेहद ही अच्छे ढंग से प्रेरित करते हैं।

आइए जानिए बाबा साहेब के अनमोल व‍िचार

  • * सफलता और कामयाबी कभी भी पक्की नहीं होती है, असफलता कभी भी अंतिम नहीं होती है, अपनी कोशिश को आप तब तक जारी रखो, जब तक आपकी जीत एक इतिहास ना बन जाए।
  • * हमारे अंदर अगर गलत चीज को गलत कहने की क्षमता नहीं है तो ऐसे में हम सभी की प्रतिभा एकदम व्यर्थ है, इसलिए शिक्षित बनो, संगठित रहो और संघर्ष करो।
  • * मैं किसी भी समुदाय की प्रगति को उस डिग्री से मापता हूं जो कि वहां की महिलाओं ने हासिल की हुई है।
  • * कानून और साथ ही व्यवस्था, राजनीतिक शरीर की एक प्रकार की दवा है, जब राजनीतिक शरीर बीमार पड़ने लगे तो दवा ज़रूर दी जानी चाहिए।
  • * जो व्यक्ति अपनी मौत को हर वक्त याद रखता है, वह हमेशा हर वक्त अच्छे कार्य में लगा रहता है।
  • * हम सभी का जीवन लंबा होने के बजाए महान होना चाहिए।
  • * उदासीनता एक प्रकार की ऐसी बीमारी है ,जो किसी को भी प्रभावित कर सकती है।
  • * बुद्धि का विकास इंसान के अस्तित्व का एक अंतिम लक्ष्य होना चाहिए।
  • * समानता एक प्रकार की कल्पना हो सकती है, लेकिन उसके बाद भी इसे एक गवर्निंग सिद्धांत के रूप में स्वीकार करना होगा।
  • * शिक्षा जितनी ही मर्दों के लिए आवश्यक है, उतनी ही महिलाओं के लिए भी जरूरी है।
  • * जो लोग स्वतंत्र आजाद होते हैं, उन्हें अपने अधिकारों के लिए लड़ना पड़ता है।
  • * जीवन का सारा सार उसमें होता है, जो लोग अपने आप को एकदम आज़ाद रखते हैं।
  • * जो लोग सबसे ज्यादा काम करने वाले होते हैं, वे हमेशा सबसे कम पैसे कमाते हैं।
  • * समानता के बिना न्याय एकदम असंभव है।

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