कनाडाई उच्चायोग के प्रतिनिधि को किया गया तलब: ग्रह मंत्री अमित शाह के खिलाफ लगाए गए निराधार आरोपों को बताया बकवास, जानें क्या है पूरा मामला…
कनाडाई उच्चायोग के प्रतिनिधि को किया गया तलब

भारत सरकार के द्वारा कनाडा के मंत्री की तरफ से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ लगाए गए आरोपों को लेकर नाराजगी जताई गई है। जिसके बाद भारत के द्वारा कनाडाई अधिकारी को तलब किया गया है। आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल के द्वारा यह कहा गया है कि हमने कल कनाडाई उच्चायोग के प्रतिनिधि को तलब किया है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार के द्वारा कनाडा सरकार में मंत्री डेविड मॉरिसन की तरफ से समिति के समक्ष भारत के केंद्रीय गृह मंत्री के बारे में किए गए बेतुके तथा निराधार आरोपों का बेहद कड़े शब्दों में विरोध किया जाता है। 

उच्च कनाडाई अधिकारी जानबूझकर करते हैं भारत को बदनाम:

उन्होंने आगे कहा कि यह पहले ही साफ हो चुका है कि कनाडा के उच्च अधिकारी जानबूझकर भारत को बदनाम करने तथा अन्य देशों को प्रभावित करने की एक सोची समझी रणनीति के अंतर्गत अंतरराष्ट्रीय मीडिया को निराधार आरोप लीक करते रहे हैं। इससे उनका वह दृष्टिकोण भी सही साबित होता है, जो भारत सरकार के द्वारा वर्तमान कनाडाई सरकार के राजनीतिक एजेंडे तथा व्यवहार पैटर्न के बारे में लंबे समय से रखा गया है। इस प्रकार की गैरजिम्मेदाराना हरकतों की वजह से द्विपक्षीय संबंधों पर भी गंभीर परिणाम हो सकते हैं।

वाणिज्य दूतावास अधिकारियों की निगरानी पर भी उठाए सवाल:

इसके साथ ही रणधीर जायसवाल ने यह भी कहा कि हाल ही में हमारे कुछ वाणिज्य दूतावास अधिकारियों को कनाडा सरकार की तरफ से यह सूचित किया गया था कि वह अब भी ऑडियो तथा वीडियो के जरिए निगरानी में बने हुए हैं। साथ ही उनकी बातचीत पर भी अच्छे से नजर रखी जा रही है। हमने कनाडा सरकार के समक्ष औपचारिक रूप से इसका विरोध जताया है, क्योंकि हम ऐसे सभी कामों को प्रासंगिक राजनयिक तथा वाणिज्य दूतावास सम्मेलनों का घोर उल्लंघन मानते हैं। इसके लिए कनाडा सरकार तकनीकी पहलुओं का हवाला देकर इन तथ्यों को उचित नहीं ठहरा सकती है कि वह उत्पीड़न तथा धमकी में लिप्त है। हमारे राजनयिक तथा वाणिज्य दूतावास कर्मी तो पहले से ही अलगाववाद एवं हिंसा के माहौल में लगातार काम कर रहे हैं। कनाडा सरकार का यह कृत्य इस स्थिति को और भी खराब कर रहा है। यह स्थापित राजनयिक मानदंडों एवं प्रथाओं के साथ बिल्कुल असंगत है।

आइए जानते हैं क्या है पूरा मामला:

आपको बता दें कि खालिस्तानी आंतकियों तथा कट्टरपंथियों के मुद्दे को लेकर कनाडा के द्वारा भारत के साथ अपने रिश्ते खराब करने की कोशिश की जा रही है। बता दें कि इस बार कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो के विदेश उप मंत्री डेविड मॉरिसन के द्वारा भारत के गृह मंत्री अमित शाह पर हमला किया गया है।दरअसल डेविड मॉरिसन का यह आरोप है कि ग्रह मंत्री अमित शाह कनाडा में खालिस्तानी आतंकवादियों को निशाना बनाने की साजिश में भी शामिल थे। दरअसल, कनाडा तथा भारत के बीच बढ़ते इस तनाव की मुख्य वजह खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर है। बता दें कि पिछले साल 18 जून 2023 की शाम को कनाडा के ही एक गुरुद्वारे से निकलते वक्त उसकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। जिसके बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के द्वारा पिछले वर्ष भारत सरकार पर आतंकी निज्जर की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया गया था। हालांकि भारत सरकार के द्वारा इन सभी आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया गया था। वहीं डेविड मॉरिसन के द्वारा इस बार भी लगाए गए आरोपों को भारत ने खारिज करते हुए जबरदस्त पलटवार के साथ इसे 'बेहद कमजोर' तथा 'बकवास' बताया है। वहीं भारत सरकार ने कनाडा हाई कमीशन के प्रतिनिधि को तलब भी किया है।

दिवाली समारोह के रद्द होने वाली खबरों पर भी कही यह बात:

इसके साथ ही कनाडा के पार्लियामेंट हिल में दीपावली समारोह के रद्द होने वाली खबरों पर भी विदेश मंत्रालय के द्वारा यह कहा गया है कि हमने इस संबंध में कुछ रिपोर्ट भी देखी हैं और यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि कनाडा में  आत्मान माहौल असहिष्णुता तथा उग्रवाद के उच्च स्तर पर पहुंच गया है। कनाडा सरकार के द्वारा वीजा की संख्या में कटौती करने पर भी रणधीर जायसवाल के द्वारा यह कहा गया कि हम कनाडा में काम कर रहे अपने सभी छात्रों एवं पेशेवरों की भलाई पर लगातार नजर रख रहे हैं। उनकी सुरक्षा तथा संरक्षा के लिए हमारी चिंता भी बनी हुई है।

भारतीय कंपनियों को लेकर अमेरिकी प्रतिबंधों पर भी कही यह बात:

वहीं कुछ भारतीय कंपनियों को लेकर अमेरिकी प्रतिबंधों पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता के द्वारा यह कहा गया कि हमने एक अमेरिकी रिपोर्ट देखी हैं जिसमें 19 भारतीय कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया गया है। भारत के पास रणनीतिक व्यापार पर एक बेहद मजबूत कानूनी तथा नियामक ढांचा मौजूद है। हम 3 प्रमुख बहुपक्षीय अप्रसार निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं वासिनार व्यवस्था समेत ऑस्ट्रेलिया समूह तथा मिसाइल प्रौद्योगिकी नियंत्रण व्यवस्था के वर्तमान सदस्य भी हैं। अप्रसार पर प्रासंगिक यूएनएससी(UNSC) प्रतिबंधों तथा यूएनएससी संकल्प 1540 को भी प्रभावी ढंग से लागू कर रहे हैं। 

हम भारतीय कंपनियों को निर्यात नियंत्रण प्रावधानों के बारे में जागरूक कर रहे हैं:

उन्होंने आगे कहा कि हमारी समझ यह भी है कि प्रतिबंध, लेन-देन एवं कंपनियां भारतीय कानूनों का बिल्कुल उल्लंघन नहीं करती हैं। लेकिन फिर भी भारत की स्थापित अप्रसार साख को ध्यान में रखते हुए ही हम इन सभी प्रासंगिक भारतीय विभागों एवं एजेंसियों के साथ मिलकर लागतार काम कर रहे हैं। हम सभी भारतीय कंपनियों को लागू निर्यात नियंत्रण प्रावधानों के बारे में भी जागरूक करने तथा उनको लागू किए जा रहे ऐसे सभी नए उपायों के बारे में भी बताने के लिए निरंतर काम कर रहे हैं, जो कुछ परिस्थितियों में हमारी भारतीय कंपनियों को प्रभावित भी कर सकते हैं।

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