नई दिल्ली: रेल पटरियों और चलती ट्रेनों में रील बनाने वालों को अब सतर्क हो जाना चाहिए। रेलवे बोर्ड ने निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी क्योंकि रील बनाते समय सुरक्षा को खतरा हो सकता है। रेलवे बोर्ड ने अपने सभी जोनों को निर्देश देते हुए कहा है कि रील बनाने वाले अगर सुरक्षित रेल परिचालन में बाधा डालते हैं या रेल परिसर में यात्रियों को असुविधा पहुँचाते हैं तो उनके खिलाफ तुरंत प्राथमिकी दर्ज की जाए।
रील बनाने के लिए लोग पार कर देते है सारी हदें
हाल के दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जिसमें खासतौर पर युवाओं ने रेल पटरियों और चलती ट्रेनों पर खतरनाक स्टंट करते हुए वीडियो बनाए हैं। ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के उद्देश्य से बनाए गए थे लेकिन इससे रेल सुरक्षा को गंभीर खतरा पैदा हुआ। रेलवे बोर्ड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि “रील बनाने के लिए लोग सारी हदें पार कर चुके हैं। वे न केवल अपनी जान को जोखिम में डालते हैं बल्कि रेल पटरियों पर वस्तुएं रखकर या वाहन चलाकर सैकड़ों यात्रियों की सुरक्षा को भी खतरे में डालते हैं।”
सेल्फी और वीडियो की वजह से गई कई जाने
अधिकारी ने यह भी बताया कि कई घटनाओं में लोग सेल्फी लेते समय ट्रेन के करीब पहुँच जाते हैं जिससे हादसे हो जाते हैं। ऐसी घटनाओं में कई लोगों की ट्रेन की चपेट में आकर जान भी जा चुकी है। रेलवे के अनुसार इन घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे नियमों का उल्लंघन करने वालों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाएँ।
उन्नत स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली कवच 4.0 को किया जा रहा है लागू
भारतीय रेलवे ने रेल सुरक्षा को मजबूत करने के लिए कवच 4.0 नामक उन्नत स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली को तेज़ी से लागू करने की योजना बनाई है। रेलवे ने देशभर में 10 हजार रेल इंजनों और 14,375 किलोमीटर रूट पर कवच प्रणाली की स्थापना की घोषणा की है। इस प्रणाली को 2030 तक सभी प्रमुख मार्गों पर लागू करने का लक्ष्य रखा गया है। असम के मालीगांव में मुख्य जनसंपर्क अधिकारी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया कि कवच प्रणाली की स्थापना के लिए निविदाएं पहले ही आमंत्रित की जा चुकी हैं।
निविदाएं खोलने की प्रक्रिया जारी
विज्ञप्ति में कहा गया कि कुल 14,735 किलोमीटर रूट में से 1,105 किलोमीटर पर कवच प्रणाली की स्थापना के लिए निविदाएं खोली जा चुकी हैं और शेष बोलियां नवंबर 2024 के अंत तक खोली जाएंगी। भारतीय रेलवे ने 10 हजार रेल इंजनों पर कवच प्रणाली लगाने के लिए भी निविदाएं जारी की हैं जिनका मूल्यांकन किया जा रहा है। सभी पुराने इंजनों में मौजूद कवच के पुराने संस्करणों को नवीनतम कवच 4.0 प्रणाली में अपग्रेड किया जाएगा। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे क्षेत्र में मालदा टाउन से डिब्रूगढ़ तक 1,966 किलोमीटर रूट कवच प्रणाली के कार्यान्वयन के लिए चिह्नित किया गया है।
रेल सुरक्षा को किया जा रहा है मजबूत
भारतीय रेलवे ने हाल के वर्षों में रेल दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। कवच 4.0 प्रणाली का कार्यान्वयन इन प्रयासों का प्रमुख हिस्सा है। यह प्रणाली न केवल रेल सुरक्षा को बढ़ाएगी बल्कि यात्रियों के लिए यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाएगी। रेलवे नेटवर्क को मजबूत करने और सुरक्षा उपायों को और अधिक प्रभावी बनाने की यह योजना रेलवे की व्यापक रणनीति का हिस्सा है।