नई दिल्ली: दिल्ली में वायु प्रदूषण बेहद गंभीर स्तर पर पहुंच गया है जिससे राष्ट्रीय राजधानी में रहने वाले लोगों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के अनुसार दिल्ली का औसत 24 घंटे का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 493 दर्ज किया गया है जो "गंभीर" श्रेणी में आता है। बढ़ते प्रदूषण के कारण दिल्ली में सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया है और कक्षाओं को ऑनलाइन माध्यम में स्थानांतरित कर दिया गया है। इसके अलावा अधिकारियों द्वारा विभिन्न आपातकालीन उपाय किए जा रहे हैं लेकिन स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है।
मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को वायु प्रदूषण की गंभीरता को लेकर कड़ी फटकार लगाई और इस समस्या से निपटने के लिए प्रभावी उपाय न किए जाने पर नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आम नागरिकों को राहत प्रदान करने के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाने की जरूरत है। बढ़ती समस्याओं को देखते हुए विभिन्न राजनीतिक और सामाजिक हस्तियां भी इस मुद्दे पर अपनी चिंता व्यक्त कर रही हैं।
क्या नई दिल्ली देश की राजधानी बने रहने के लायक है?: शशि थरूर
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने वायु प्रदूषण की भयावह स्थिति को लेकर अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट लिखते हुए कहा, "दिल्ली अब आधिकारिक तौर पर दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर बन गया है। यहां प्रदूषण का स्तर खतरनाक सीमा से चार गुना अधिक है और दूसरे सबसे प्रदूषित शहर ढाका से लगभग पांच गुना ज्यादा खराब है। यह स्थिति बेहद खतरनाक और अमानवीय है।"
थरूर ने यह भी कहा कि सरकार इस गंभीर संकट को लंबे समय से देख रही है लेकिन कोई प्रभावी कदम नहीं उठा रही है। उन्होंने उल्लेख किया कि 2015 से वे विभिन्न विशेषज्ञों, हितधारकों और सांसदों के साथ वायु गुणवत्ता पर गोलमेज चर्चा का आयोजन करते रहे हैं लेकिन पिछले साल उन्होंने इसे बंद कर दिया। उनका मानना है कि इतने प्रयासों के बावजूद जब कोई सुधार नहीं हुआ और किसी को इसकी परवाह नहीं थी तो ऐसी चर्चाएं व्यर्थ हो गईं। उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली शहर, विशेष रूप से नवंबर से जनवरी के महीनों के दौरान "लगभग निर्जन" जैसा हो जाता है जबकि साल के बाकी समय में भी यहां रहना मुश्किल होता है। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसी स्थिति में क्या यह शहर देश की राजधानी बने रहने के लायक है?
दिल्ली में AQI का खतरनाक स्तर
दिल्ली में AQI कई इलाकों में 1000 के पार पहुंच गया है, जो "बेहद खराब" श्रेणी से भी अधिक गंभीर स्थिति को दर्शाता है। बढ़ते प्रदूषण और धुंध के कारण दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में दृश्यता भी बहुत कम हो गई है, जिससे परिवहन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। कोहरे और स्मॉग के कारण दिल्ली में आने-जाने वाली कई ट्रेनें लगातार देरी से चल रही हैं। इसी प्रकार, हवाई अड्डों पर भी दृश्यता के स्तर में भारी गिरावट आई है, जिसके चलते उड़ानों को डायवर्ट करना पड़ रहा है।
आज सुबह (7 बजे) दिल्ली के इलाकों का AQI
1. जहांगीरपुरी, दिल्ली - AQI 1036 (बेहद खराब)
2. अलीपुर, दिल्ली - AQI 1019 (बेहद खराब)
3. नरेला, नई दिल्ली - AQI 918 (बेहद खराब)
4. पंजाबी बाग, दिल्ली - AQI 840 (बेहद खराब)
5. आईटीआई शारदा, दिल्ली - AQI 878 (बेहद खराब)
6. सोनिया विहार, दिल्ली - AQI 721 (बेहद खराब)
7. लोनी, नई दिल्ली - AQI 629 (बेहद खराब)
8. नोएडा सेक्टर-1 - AQI 247 (खराब)
दृश्यता का स्तर बेहद कम
कोहरे और स्मॉग की वजह से इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय (IGI) हवाई अड्डे पर सुबह 7 बजे दृश्यता का स्तर मात्र 100 मीटर रह गया था जबकि सफदरजंग पर 7:30 बजे दृश्यता 150 मीटर तक ही थी। यह स्थिति यात्रियों और परिवहन सेवाओं के लिए बड़ी चुनौती बन गई है जिससे आवागमन बाधित हो रहा है।
अस्पतालों में बढ़ रही मरीजों की संख्या
वायु प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण दिल्ली के अस्पतालों में भी मरीजों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। सोमवार से दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रेप) के तहत चौथा चरण लागू कर दिया गया है। यमुनापार स्थित दिलशाद गार्डन में जीटीबी और स्वामी दयानंद अस्पताल जैसे स्वास्थ्य केंद्रों में प्रदूषण से प्रभावित मरीज बड़ी संख्या में उपचार के लिए आ रहे हैं।
डॉक्टरों ने दी घर के अंदर मास्क लगाकर रहने की सलाह
स्वामी दयानंद अस्पताल के एक वरिष्ठ चिकित्सक ने बताया कि सांस लेने में तकलीफ, आंखों में जलन और छाती में जकड़न की समस्याओं से जूझ रहे मरीजों की संख्या में लगभग 30 प्रतिशत तक वृद्धि हुई है। चिकित्सकों ने लोगों को घर के अंदर रहने और मास्क पहनने जैसी एहतियाती कदम उठाने की सलाह दी है।