Lung Cancer: जानें इसके मुख्य कारण और प्रमुख लक्षण जिनसे आप पता लगा सकते है कि आपके आस पास कोई इससे पीड़ित तो नहीं?
Lung Cancer

फेफड़ों का कैंसर एक जटिल और गंभीर रोग है, जो फेफड़ों में कोशिकाओं के अनियंत्रित रूप से बढ़ने और विभाजित होने के कारण होता है। इस बीमारी का पता लगाना और इसका उपचार करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, खासकर तब जब इसे शुरुआती चरणों में पहचानना मुश्किल हो। यह वैश्विक स्तर पर मृत्यु के प्रमुख कारणों में से एक है, और हर साल लाखों लोग इस बीमारी का शिकार होते हैं। आइए विस्तार से समझते हैं कि फेफड़ों का कैंसर क्या है, इसके प्रमुख कारण, लक्षण, और इससे बचाव के उपाय क्या हो सकते हैं।

क्या है फेफड़ों के कैंसर के प्रमुख कारण 

फेफड़ों का कैंसर कई कारणों से हो सकता है, जिनमें से कुछ को रोका जा सकता है जबकि कुछ अन्य के लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता होती है। सबसे प्रमुख कारणों में से एक धूम्रपान है। धूम्रपान में शामिल तम्बाकू के सेवन से निकोटीन और अन्य हानिकारक रसायनों का सेवन होता है, जो फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कैंसर का कारण बन सकते हैं। यह पाया गया है कि फेफड़ों के कैंसर से होने वाली लगभग 80% मौतें धूम्रपान से संबंधित होती हैं। इसके अलावा, सेकेंडहैंड स्मोकिंग, यानी दूसरों द्वारा छोड़े गए धुएं के संपर्क में आना, भी इस बीमारी का जोखिम बढ़ा सकता है।

अन्य जोखिम कारकों में वायु प्रदूषण, रेडॉन गैस, कोयला उत्पादों के धुएं और अन्य हानिकारक पदार्थों के संपर्क में आना शामिल हैं। रेडॉन एक प्राकृतिक रूप से उत्पन्न होने वाली रेडियोधर्मी गैस है जो जमीन में मौजूद होती है और इमारतों में प्रवेश कर सकती है। यह गैस अदृश्य और बिना गंध के होती है, जिससे इसे पहचानना मुश्किल हो सकता है। रेडिएशन थेरेपी, जो किसी अन्य बीमारी के इलाज के लिए उपयोग की जाती है, भी फेफड़ों के कैंसर का जोखिम बढ़ा सकती है, खासकर अगर इसे छाती क्षेत्र में उपयोग किया गया हो। इसके अलावा, अगर परिवार में किसी को फेफड़ों का कैंसर हुआ हो, तो जीन के माध्यम से इस बीमारी का जोखिम बढ़ सकता है।

इन लक्षणों से कर सकते हैं कैंसर की पहचान

फेफड़ों के कैंसर के लक्षण शुरुआती चरणों में सामान्यतः स्पष्ट नहीं होते हैं। यही कारण है कि इस बीमारी का पता अक्सर तब चलता है जब यह गंभीर हो जाती है। हालांकि, कुछ लक्षण ऐसे हैं जिनके माध्यम से इस बीमारी का संदेह किया जा सकता है। सबसे आम लक्षणों में लंबे समय तक रहने वाली खांसी शामिल है, जो सामान्य खांसी से अलग होती है और समय के साथ बिगड़ती जाती है। 

इसके अलावा, सीने में दर्द, खून वाली खांसी, सांस फूलना, और घरघराहट भी फेफड़ों के कैंसर के लक्षण हो सकते हैं। कुछ मामलों में, आवाज में बदलाव जैसे आवाज का भारी या कर्कश होना भी देखा गया है। अगर ये लक्षण लंबे समय तक बने रहते हैं और किसी सामान्य उपचार से ठीक नहीं होते हैं, तो डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी होता है।

फेफड़ों के कैंसर से बचाव के उपाय

फेफड़ों के कैंसर से बचने के लिए विभिन्न सावधानियों और उपायों को अपनाना महत्वपूर्ण है। यह कैंसर आमतौर पर धूम्रपान और प्रदूषण जैसे जोखिम कारकों से जुड़ा होता है, इसलिए इनसे बचाव करना विशेष महत्व रखता है। यहां कुछ प्रमुख उपाय दिए गए हैं जो फेफड़ों के कैंसर के जोखिम को कम कर सकते हैं:

धूम्रपान से बचें: धूम्रपान फेफड़ों के कैंसर का सबसे बड़ा कारण है। अगर आप धूम्रपान करते हैं, तो इसे छोड़ना आपके स्वास्थ्य के लिए सबसे प्रभावी कदम हो सकता है। धूम्रपान के हानिकारक प्रभावों से खुद को बचाने के लिए, तम्बाकू उत्पादों से पूरी तरह दूर रहना चाहिए। इसके अलावा, सेकेंडहैंड स्मोकिंग (दूसरों द्वारा धूम्रपान करने से उत्पन्न धुआं) भी हानिकारक होता है। इसलिए, धूम्रपान करने वाले लोगों से दूरी बनाए रखें और धुएं के संपर्क से बचने की कोशिश करें।

स्वस्थ जीवनशैली अपनाएं: स्वस्थ जीवनशैली फेफड़ों के कैंसर से बचाव के लिए अत्यंत आवश्यक है। इसके अंतर्गत एक संतुलित और पोषक तत्वों से भरपूर आहार शामिल है। अपने आहार में विभिन्न प्रकार के फल और सब्जियों को शामिल करें। विशेष रूप से बीटा कैरोटीन युक्त खाद्य पदार्थ जैसे गाजर, शकरकंद, पालक और अन्य हरी पत्तेदार सब्जियां फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में सहायक हो सकती हैं। ये खाद्य पदार्थ एंटीऑक्सीडेंट्स से भरपूर होते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान से बचाते हैं और कैंसर के जोखिम को कम करने में मदद करते हैं।

वायु प्रदूषण से बचाव: वायु प्रदूषण भी फेफड़ों के कैंसर के जोखिम को बढ़ा सकता है। इसके लिए, उच्च गुणवत्ता वाले मास्क का उपयोग करें, खासकर उन क्षेत्रों में जहां वायु प्रदूषण का स्तर अधिक होता है। जब वायु की गुणवत्ता खराब हो, तो घर के अंदर रहना और वायु शोधक (air purifiers) का उपयोग करना भी फायदेमंद हो सकता है। 

रेडॉन गैस के संपर्क में आने से बचे: रेडॉन एक प्राकृतिक रूप से उत्पन्न रेडियोधर्मी गैस है जो फेफड़ों के कैंसर का एक प्रमुख कारण हो सकती है। यह गैस अक्सर जमीन में छिपी होती है और घरों में प्रवेश कर सकती है। अपने घर में रेडॉन गैस के स्तर की नियमित जांच करवाएं। यदि रेडॉन का स्तर उच्च पाया जाए, तो इसके स्तर को कम करने के लिए आवश्यक उपाय करें, जैसे कि वेंटिलेशन सिस्टम को ठीक करना या रेडॉन कम करने वाले उत्पादों का उपयोग करना।

जहरीले रसायनों या प्रदूषकों के संपर्क में आने से बचे: यदि आपका काम जहरीले रसायनों या प्रदूषकों के संपर्क में आता है, तो सुरक्षा के उपाय अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों (PPE) का उपयोग करें, जैसे कि मास्क, दस्ताने, और अन्य सुरक्षा गियर, ताकि रसायनों या अन्य हानिकारक पदार्थों के संपर्क को न्यूनतम किया जा सके। इसके साथ ही, कार्यस्थल पर उचित वेंटिलेशन सुनिश्चित करें और रसायनों के सुरक्षित उपयोग के दिशानिर्देशों का पालन करें।

स्वास्थ्य जांच और स्क्रीनिंग: स्वास्थ्य की नियमित जांच और स्क्रीनिंग भी फेफड़ों के कैंसर से बचाव के लिए महत्वपूर्ण है। यदि आपके परिवार में फेफड़ों का कैंसर होने का इतिहास है या यदि आप उच्च जोखिम वाले कारकों के संपर्क में हैं, तो अपने डॉक्टर से नियमित जांच और स्क्रीनिंग करवाएं। यह जल्दी निदान और उपचार में मदद कर सकता है।


1 अगस्त को मनाया जाता विश्व फेफड़ों कैंसर दिवस

हर साल 1 अगस्त को विश्व फेफड़ों कैंसर दिवस मनाया जाता है, ताकि लोगों को इस बीमारी के बारे में जागरूक किया जा सके और इसके बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी जा सके। समय पर जांच और उचित उपचार से इस बीमारी के प्रभाव को कम किया जा सकता है और जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाया जा सकता है।

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