हरियाणा: पुलिस महानिदेशक (DGP) शत्रुजीत कपूर ने प्रदेश की लॉ एंड ऑर्डर की रिव्यू मीटिंग में अधिकारियों से कहा कि हरियाणा में अब सभी टोल प्लाजा पर पुलिस की तैनाती की जाए। डीजीपी ने कहा कि इससे लूट, डकैती, मर्डर जैसे अपराधों पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी। साथ ही हाईवे से भाग रहे अपराधियों को भी आसानी से ट्रैक किया जा सकेगा। डीजीपी ने सभी एसपी को निर्देशित करते हुए कहा कि वे अपराध नियंत्रण के लिए अपने जिलों में थानों और चैकियों में अच्छा काम करने वाले पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाते हुए उन्हें सम्मानित करें।
उन्होंने बताया कि लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों की जिम्मेदारी को स्पष्ट करना अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऐसा करने से पुलिसकर्मियों का आत्मविश्वास बढ़ता है और अपराध कम होने में मदद मिलती है। कपूर ने बैठक में बेल जंपर्स, प्रोक्लेमड ऑफेंडर तथा प्रोक्लेमड पर्सन की समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
मीटिंग में कपूर ने बताया कि जब गैंगस्टर सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हैं, तो युवाओं के मन में उनकी गलत छवि बनती है और वे गलत आदतों की ओर खिंच जाते हैं। हरियाणा पुलिस ऐसे युवाओं पर नजर रख रही है जो अपराधियों की पोस्ट को लाइक या कमेंट करते हैं। इन युवाओं और उनके परिवार के साथ काउंसलिंग की जा रही है ताकि वे सचेत रहें और अपराध से दूर रहें।
पुलिस महानिदेशक शत्रुजीत कपूर ने सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ वीसी के माध्यम से मीटिंग की, जिसका उद्देश्य प्रदेश को अपराध मुक्त बनाना और पुलिस की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाना था। इस मीटिंग में आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से निपटने और अपराध का सफाया करने के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की गई। मीटिंग में जिन अधिकारियों ने अपराध नियंत्रण को लेकर अच्छा काम किया है, उनको अपने विचार रखने का मौका दिया गया। वहीं, डीजीपी ने उन प्रैक्टिसों को अन्य जिलों में भी लागू करने के बारे में आदेश दिए।
डीजीपी कपूर ने कहा कि पुलिस अधीक्षकों को वर्तमान में प्रदेश में उपलब्ध मैनपावर का प्रभावी रूप से अपराध नियंत्रण में उपयोग करना चाहिए। सभी वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को अपने जिलों में डकैती, लूटपाट, छीनाझपटी, फिरौती जैसे गंभीर अपराधों में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई की मॉनिटरिंग स्वयं करनी चाहिए।
इसके अतिरिक्त, उन्होंने सुझाव दिया कि अधीक्षक ज्यादा से ज्यादा फील्ड में जाएं और अपने अधीनस्थ पुलिसकर्मियों के साथ सीधे संपर्क में रहें। उन्होंने बताया कि नाके और पीसीआर पुलिसिंग के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है और इसके लिए उनकी तैनाती पर विशेष ध्यान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्च पुलिस अधिकारियों का अधिक संपर्क अपने पुलिसकर्मियों के साथ होने से काम की गुणवत्ता भी बेहतर होती है।
रिव्यू मीटिंग में कपूर ने बताया कि वे पेट्रोल पंप संचालकों, व्यापार मंडलों, आभूषण विक्रेताओं, और बैंक शाखा प्रबंधकों के साथ नियमित रूप से बैठक करे। इससे लोगों का हरियाणा पुलिस पर विश्वास बढ़ेगा और भविष्य में कानून व्यवस्था संबंधी चुनौतियों का सामना करना आसान होगा। उसके अलावा, पुलिस अधीक्षक समय-समय पर शहर में लगे विभिन्न स्थानों पर सीसीटीवी कैमरों की समीक्षा करते हुए यह सुनिश्चित करेंगे कि वे सही तरीके से काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि पुलिस अधीक्षक सीलिंग प्लान की समीक्षा करते हुए उसे प्रभावी तरीके से लागू करेंगे।
मीटिंग में पुलिस अधीक्षकों ने अपने-अपने जिलों में किए गए कार्यों की रिपोर्ट भी प्रस्तुत की। कपूर ने उन्हें यह सुझाव दिया कि जब भी कोई अपराध आता है, तो उन्हें उसकी गहराई में जाकर काम करना चाहिए और उसके ईकोसिस्टम को खत्म करने का प्रयास करना चाहिए। इससे पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार होगा और निश्चित रूप से प्रदेश में अपराध को नियंत्रित करने में सहायता मिलेगी।