ग्रेटर नोएडा: YEIDA यानि यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के द्वारा मिंडा कारपोरेशन यमुना प्राधिकरण के क्षेत्र में करीब 644.16 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। साथ ही प्राधिकरण के द्वारा कंपनी को औद्योगिक इकाई लगाने हेतु सेक्टर 24 में लगभग 22 एकड़ जमीन भी आवंटित की गई है।
क्या कहना है प्राधिकरण के CEO अरुणवीर सिंह का:
यमुना प्राधिकरण सीईओ (CEO) डा. अरुणवीर सिंह के द्वारा बीते बृहस्पतिवार को यह कहा गया कि कंपनी के कारपोरेट मामलों के मुखिया अमित जालान को यह आवंटन पत्र सौंपा गया है। वहीं दिसंबर माह से कंपनी के द्वारा निर्माण कार्य शुरू कर दिया जायेगा। इसमें प्रत्यक्ष रूप से लगभग 2270 लोगों को रोजगार भी मिलेगा।
साथ ही डा. अरुणवीर सिंह का यह भी कहना है कि मिंडा कारपोरेशन भारतीय फॉर्च्यून 500 की कंपनी है। इसलिए प्रदेश सरकार की नीति के अंतर्गत भारतीय फॉर्च्यून 500 कंपनी को सीधे ही भूखंड आवंटन का प्रावधान किया गया है।
स्थापित होने वाली कंपनी बनाएंगी कई उपकरण:
आपको बता दें कि इसके अंतर्गत कंपनी को करीब 22 एकड़ जमीन का आवंटन किया गया है। वहीं दिसंबर माह कंपनी अपना कार्य भी शुरू कर देगी। उन्होंने बताया कि यीडा क्षेत्र में स्थापित होने वाली इन इकाई में इग्निशन स्विच समेत कम स्टीयरिंग लाक तथा मेकाट्रोनिक पुर्जे भी बनाए जाएंगे।
CEO ने बताया कि प्राधिकरण क्षेत्र में अब तक तमाम फॉर्च्यून 500 कंपनियों को भूखंड आवंटन किया जा चुका है। इसमें मुरुगप्पा समूह, सिफी तथा अमेरिकी फॉर्च्यून 500 कंपनी भी शामिल हैं। इसमें हजारों लोगों को प्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिलने की भी संभावना है।
मास्टर प्लान को लांघ कर खरीदी गई थी जमीन:
दरअसल मास्टर प्लान की सीमा के बाहर जाकर करीब 1 दशक पहले खरीदी गई इस जमीन पर यमुना प्राधिकरण के द्वारा अब सेक्टर विकसित किए जाएंगे। वहीं अब ऐसा अनुमान भी लगाया जा रहा है कि करोड़ों रुपये की यह जमीन अब प्राधिकरण के लिए सोना उगलेगी।
हालांकि अभी तक यह पूरी जमीन किसानों के कब्जे में ही है, लेकिन मास्टर प्लान 2041 में शामिल होने के पश्चात यह पर सेक्टरों के विकास का रास्ता बिल्कुल साफ हो गया है। वर्तमान में यह जमीन टुकड़ों में अलग-अलग जगह पर बटी है। वहीं इस पर सेक्टर विकसित करने हेतु प्राधिकरण को शेष जमीन भी क्रय करनी होगी।
खरीद ली थी 700 एकड़ जमीन, लेकिन नहीं आई प्राधिकरण के कोई काम:
बता दें कि यमुना प्राधिकरण के फेज 1 में गौतमबुद्ध नगर तथा बुलंदशहर के गांव भी अधिसूचित है। वहीं मास्टर प्लान 2021 में सिर्फ 96 गांवों को ही शामिल किया गया था।
हालांकि प्राधिकरण के तत्कालीन अफसरों के द्वारा मास्टर प्लान से बाहर जाक आकलपुर, दयानतपुर तथा बैलाना आदि गांव में करीब 700 एकड़ जमीन खरीद ली गई थी। लेकिन छोटे-छोटे टुकड़ों में यह जमीन अलग-अलग पर जगह खरीदी गई थी, जिस वजह से यह प्राधिकरण के किसी काम में नहीं आ सकी।
किसानों को वितरित कर दिया गया था अतिरिक्त मुआवजा:
आपको बता दें कि मास्टर प्लान से बाहर होने तथा अलग-अलग जगह टुकड़ों में इस जमीन के होने की वजह से प्राधिकरण के द्वारा आज तक इस जमीन पर कोई योजना नहीं निकाल पाई गई है।
हालांकि वर्तमान समय में भी जमीन पर किसानों का ही कब्जा बना हुआ है। जबकि प्राधिकरण की तरफ से जमीन का मूल मुआवजा एवं 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त मुआवजा भी सभी किसानों को वितरित कर दिया गया था।
वर्षों बाद प्राधिकरण अब इस जमीन को करेगा विकसित:
अब यमुना विकास प्राधिकरण के द्वार वर्षों बाद इस जमीन को विकसित किया जाएगा। बता दें कि पूर्व में क्रय की गई इस जमीन को प्राधिकरण के द्वार मास्टर प्लान 2041 में शामिल कर लिया गया है। वहीं अब इस पर नए सेक्टर नियोजित किए गए हैं।
साथ है जो भी जमीन अभी तक प्राधिकरण के द्वारा क्रय नहीं की गई है, उसे भी क्रय किया जाएगा, ताकि समेकित रूप से प्राधिकरण के द्वारा सेक्टर विकसित करने में कोई भी अड़चन नहीं आए।