यूपी मेट्रो इन्फ्रास्ट्रक्चर: 'साकार होते सपने...उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) का ये मूलमंत्र राज्य में सार्थक होता दिख रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के नेतृत्व में यूपी विकास की नई इबारत लिख रहा है। यूपी की इस विकास यात्रा में अब एक अध्याय और जुड़ गया है। जिसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश सर्वाधिक शहरों में मेट्रो संचालित करने वाला पहला राज्य बन गया है। राज्य में चल रहीं औद्योगिक इकाइयां और उभरते उद्योग इस बात के साक्षी हैं कि उत्तर प्रदेश अब विकसित और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में अग्रसर है। कानून व्यवस्था से लेकर यातायात व्यवस्था तक प्रत्येक क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हो रहा है। ट्रांसपोर्टेशन की बात करें तो प्रदेश में एयर कनेक्टिविटी बेहतर करने के लिए एयरपोर्ट, रोड कनेक्टिविटी के लिए एक्सप्रेस-वे और दैनिक आवाजाही के स्तर को सुधारने के लिए शहरों में मेट्रो नेटवर्क का जाल बिछाया गया है। इसी क्रम में up ने मेट्रो कनेक्टिविटी के क्षेत्र में अद्भुत रिकॉर्ड बनाया है।
वर्तमान में राजधानी लखनऊ के अलावा गाजियाबाद, कानपुर, नोएडा, ग्रेटर नोएडा में मेट्रो का सफलतापूर्वक संचालन हो रहा है। UPMRC मेरठ मेट्रो व आगरा मेट्रो का भी निर्माण कर रहा है। साथ ही वाराणसी मेट्रो, प्रयागराज मेट्रो, गोरखपुर मेट्रो और बरेली मेट्रो पर भी विचार चल रहा है। बता दें कि, नोएडा मेट्रो का संचालन यूपीएमआरसी के पास न होकर नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (NMRC) के पास है। ठीक इसी प्रकार, मेरठ मेट्रो और दिल्ली-मेरठ RRTS का संचालन भी UPMRC के पास न होकर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र परिवहन निगम (NCRTC) के पास है।
सबसे बड़े मेट्रो संचालन नेटवर्क में की जाती है। इस निर्माण भी दो चरणों में किया गया है। पहला चरण (डेल्टा-1 से सेक्टर 51 तक) और दूसरा चरण सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क-5 तक जाता है। एशिया के सबसे बड़े जेवर एयरपोर्ट से ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो (greater Noida west metro) को जोड़ने की योजना भी बनाई गई है। ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट को जोड़ते हुए जेवर एयरपोर्ट तक नमो भारत ट्रेन (रैपिड रेल) चलाने की योजना है, जिसे दिल्ली- मेरठ RRTS से जोड़ा जाएगा। लोगों की सहूलियत को देखते हुए रूट को लेकर अभी चर्चा चल रही है।
लखनऊ, कानपुर, आगरा, नोएडा, गाजियाबाद व ग्रेटर नोएडा में मेट्रो चल रही है। गोरखपुर में लाइट मेट्रो ट्रेन चलने की दिशा में काम शुरू हो चुका है।
इसके अलावा वाराणसी में रोपये पर काम शुरू ही चुका है।
यूपी में चलने वाली नोएडा मेट्रो की गिनती भी सबसे बड़े मेट्रो संचालन नेटवर्क में की जाती है। इस निर्माण भी दो चरणों में किया गया है। पहला चरण (डेल्टा-1 से सेक्टर 51 तक) और दूसरा चरण (सेक्टर-51 से नॉलेज पार्क-5 तक) जाता है।
एशिया के सबसे बड़े एयरपोर्ट जेवर से ग्रेटर नोएडा वेस्ट मेट्रो (greater Noida west metro) को जोड़ने की योजना भी बनाई गई है। बता दें कि, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट को जोड़ते हुए जेवर एयरपोर्ट तक नमो भारत ट्रेन (टैपिड रेल) चलाने की योजना है, जिसे दिल्ली- मेरठ RRTS से जोड़ा जाएगा। लोगों की सहूलियत को देखते हुए रूट को लेकर अभी चर्चा चल रही है।
(RRTS) रीजनल रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के गाजियाबाद स्टेशन से नोएडा में बन रहे जेवर एयरपोर्ट को कनेक्टिविटी प्रदान करने की योजना बन रही है। लोकल कनेक्टीविटी (local connectivity) को ध्यान में रखते हुए अब इस रूट पर मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (MRTS) के तहत मेट्रो चलाई जाएगी। नोएडा एयरपोर्ट से गाजियाबाद तक बनने वाले इस 72.2 किमी. लंबे ट्रैक पर पहले महज 12 स्टेशन प्रस्तावित थे, लेकिन अब इन्हें बढ़ाकर 25 कर दिया गया है। ध्यान देने वाली बात ये है कि, मेट्रो सभी पच्चीस स्टेशन पर रुकेगी और रैपिड रेल केवल ग्यारह स्टेशन पर रुकेगी।
प्रदेश के चौथे सबसे बड़े शहर आगरा में भी जल्द मेट्रो सेवा शुरु होने वाली है। आगरा मेट्रो निर्माणाधीन रैपिड ट्रांजिट नेटवर्क है जिसकी डीपीआर 2014 में प्रस्तुत की गई थी और 2015 में उत्तर प्रदेश कैबिनेट द्वारा मंजूरी दे दी गई थी। आगरा मेट्रो में दो मेट्रो लाइनें शामिल की गई हैं, जिनकी कुल लंबाई 29.65 किलोमीटर (18.42 मील) है। पहले फेज में सिकंदरा से ताज ईस्ट गेट तक येलो लाइन पर 14 मेट्रो स्टेशन होंगे और दूसरे फेज में आगरा कैंट से कालिंदी विहार तक ब्लू लाइन पर लगभग 15 मेट्रो स्टेशन होंगे। हाल ही में सीएम योगी सरकार ने आम बजट में आगरा मेट्रो परियोजना के लिए रूपए 346 करोड़ के बजट की घोषणा की थी।
यूपी के बड़े औद्योगिक शहर कानपुर में मेट्रो का पहला चरण तो शुरू हो चुका है, लेकिन दूसरे चरण में निर्माण का कुछ काम अभी बाकी है। कानपुर मेट्रो का 28 दिसंबर 2021 को उद्घाटन हुआ। यहां पर 2 चरणों में मेट्रो दौड़ाने की दिशा में काम होता जा रहा है। जिसमें से पहले चरण में 23 और दूसरे चरण में 8 स्टेशन हैं। कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट की लागत 13,721 करोड़ रुपये है।
लखनऊ मेट्रो भारत में सातवां सबसे लंबा मेट्रो परिचालन नेटवर्क है। लखनऊ मेट्रो 22 स्टेशनों के साथ 22.87 किमी की दूरी तय करती है। इसी वर्ष की शुरुआत में प्रदेश सरकार ने लोगों की सुविधा के लिए लखनऊ मेट्रो के विस्तार का निर्णय लिया। बताया गया कि, चारबाग से चौक होते हुए बसंतकुंज तक नया चरण होगा। इसके अलावा वर्तमान फेज का (IIM) और (PGI) तक मेट्रो विस्तार का होगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दूसरे कार्यकाल को मिलाकर देखा जाए तो सरकार के सात साल पूरे हो रहे हैं। यूपी में इन सात सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में बहुत सारे काम हुए। अपना यूपी सात शहरों में मेट्रो ट्रेन चलाने बाला देश का पहला प्रदेश बना तो सर्वाधिक एक्सप्रेस-वे बनाने का कीर्तिमान भी अपने नाम किया। शहरों को स्मार्ट सिटी बनाने के साथ ही सर्वाधिक मेट्रो व एक्सप्रेसवे वाला राज्य, यूपी आज देश का पहला ऐसा राज्य बन चुका है जहां सर्वाधिक छह शहरों में मेट्रो ट्रेन चल रही और छह एक्सप्रेस-वे हैं।
सभी जिलों को फोर लेन से जोड़कर विकास की नींव रखी गई। अब अपना यूपी बीमारू नहीं, विकसित प्रदेश बन चुका है लेकिन स्मार्ट सिटी का काम तय समय सीमा में पूरा करना अभी भी चुनौती बना हुआ है। सात साल में सुविधाएं तो भरपूर मिलीं लेकिन अभी भी कई चुनौतियां है। ये चुनौतियां हैं, बड़े शहरों की तरह छोटे शहरों में लाइट मेट्रो रेल की सुविधा देने की और सड़कों को पूरी तरह से चकाचक करने की।
• ऑनलाइन नक्शा पास करने की व्यवस्था लागू की गई
• ऑनलाइन अब तक 20 हजार भवनों का नक्शा पास किया जा चुका है
•प्रदेश में 100 नई आवासीय टाउनशिप विकसित की जाएंगी
• गोरखपुर, चित्रकूट, अलीगढ़, बुलंदशहर, आगरा, झांसी व बरेली को अब तक 1000 करोड़ दिए गए
•अयोध्या, मेरठ, आगरा, आवास विकास परिषद, मुरादाबाद, वाराणसी और कानपुर को 1580 करोड़ दिए गए।
आज छह एक्सप्रेस-वे चालू हो गए हैं आगरा, त्रिशुल (बरेली) गोरखपुर, और सातवें का काम चल रहा है। सर्वाधिक एयरपोर्ट यूपी जल्द ही देश का पहला ऐसा राज्य होगा, जहां एक-दो नहीं बल्कि पांच-पांच अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट चालू हो जाएंगे। प्रदेश में अब तक 15 एयरपोर्ट हिडन (गाजियाबाद), प्रयागराज, कानपुर, अलीगढ़, आजमगढ़, मुरादाबाद, आवस्ती और चित्रकूट में घरेलू, जबकि लखनऊ, वाराणसी, कुशीनगर और अयोध्या में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट चल रहे हैं।
•शहरों में तय समय पर सुविधाएं विकसित करनी होगी
• लाइट मेट्रो रेल का काम जल्द शुरू कराना होगा
•सड़कों के चौड़ीकरण में अवैध निर्माण हटाना होगा
• जरूरतमंदों को आवासीय सुविधाएं उपलब्ध करानी होगी
• सड़कों को गड्ढा मुक्त बनाए रखना होगा
•वेडिंग जोन और नॉन चेंडिग जोन बनाकर शहर को सुंदर बनाना होगा।