पोस्टर-बैनर विरूद्ध ग्रेनों प्राधिकरण की बड़ी कार्यवाही: आचार संहिता के मद्देनजर बड़े पैमाने पर अवैध पोस्टर बैनर किए गए जब्त, जिले में 26 अप्रैल को होगा मतदान
पोस्टर-बैनर विरूद्ध ग्रेनों प्राधिकरण की बड़ी कार्यवाही

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शनिवार को लोकसभा चुनाव की घोषणा के मद्देनजर अवैध पोस्टर-बैनर के खिलाफ शहर भर में अभियान चलाया। प्राधिकरण की पांच टीमें शहर में जेसीबी और डंपर के साथ घूमीं और अवैध पोस्टर-बैनर को हटा कर उनको  जब्त कर लिया।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार के निर्देश पर चलाई गई इस अभियान में बड़े पैमाने पर अवैध पोस्टर बैनर जब्त किए गए। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने बताया कि ओएसडी विशु राजा के नेतृत्व में अर्बन सर्विसेज विभाग के अतिक्रमण हटाओ दस्ते की पांच टीमों ने सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट, आसपास के अन्य सरकारी दफ्तरों, सार्वजनिक स्थान, कासना , 130 मीटर रोड, ग्रेटर नोएडा वेस्ट के विभिन्न स्थानों पर यह कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि यह अभियान निरंतर जारी रहेगा। अवैध रूप से पोस्टर-बैनर लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस कार्रवाई में मैनेजर प्रशांत समाधिया, अजय शुक्ला, चंद्रदीप सिंह व अन्य सुपरवाइजर भी अपनी टीम के साथ शामिल रहे।


गौतमबुद्ध नगर में 26 अप्रैल को मतदान

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में सातों चरणों में लोकसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। गौतमबुद्ध नगर और गाजियाबाद में 26 अप्रैल को वोट डाले जाएंगे। वहीं मेरठ, बागपत, बुलंदशहर में भी दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होगा।

गौतमबुद्ध नगर में 26 लाख से अधिक मतदाता हैं। यहां पिछले दो चुनावों में भाजपा ने जीत दर्ज की है। गौतमबुद्धनगर में नोएडा, दादरी, जेवर, खुर्जा और सिकंद्राबाद विधानसभा शामिल है। इस सीट पर भाजपा और समाजवादी पार्टी ने अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं। भाजपा ने जहां चौथी बार महेश शर्मा को उम्मीदवार बनाया है, वहीं समाजवादी पार्टी ने डॉ. महेंद्र नागर को चुनावी मैदान में उतारा है।

वहीं, गाजियाबाद सीट के लिए 29 लाख मतदाता वोट करेंगे। 2019 के के मुकाबले इस बार यहां पौने दो लाख अधिक मतदाता हैं। मतदाता सूची में इस बार महिलाओं की संख्या पुरुषों से अधिक है। गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र में पांच विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं। सबसे अधिक मतदाता साहिबाबाद विधानसभा क्षेत्र में बढ़े हैं। गाजियाबाद सीट के लिए किसी बड़ी पार्टी ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

मेरठ- हापुड़: मेरठ-हापुड़ लोकसभा सीट पर 19.87 लाख से अधिक मतदाता अपना सांसद चुनेंगे। अभी तक भाजपा ने प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। वहीं, सपा से भानु प्रताप सिंह और बसपा से देवव्रत त्यागी के नाम फाइनल हो चुके हैं। भाजपा और अन्य दलों के प्रत्याशियों का इंतजार है।

बुलंदशहर : इस लोकसभा सीट पर 26.44 लाख से अधिक वोटर हैं। भाजपा ने दो बार से लगातार सांसद डा. भोला सिंह को तीसरी बार प्रत्याशी बनाया है। अन्य किसी दल ने अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। सपा- कांग्रेस के गठबंधन में यह सीट कांग्रेस के खाते में आई है।


लागू हुई आचार संहिता, हटाए गए बैनर और पोस्टर

ग्रेटर नोएडा। लोकसभा चुनाव के अधिसूचना जारी होने के साथ ही प्रशासन और प्राधिकरण ने पोस्टर और बैनर हटाने का अभियान शुरू कर दिया है। शनिवार शाम को नोएडा से लेकर ग्रेनो वेस्ट, ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण ने बैनर और पोस्टरों को हटाया। जबकि प्रशासन की टीम ने जेवर, दादरी समेत सभी नगर पंचायत क्षेत्र और अन्य जगह पर प्रचार प्रसार सामग्री को हटाया। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की पांच टीमों ने जेसीबी और डंपर के साथ शहर से प्रचार सामग्री हटाई। एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने बताया कि सूरजपुर स्थित कलेक्ट्रेट आसपास के अन्य सरकारी दफ्तरों सार्वजनिक स्थान, कासना 130 मीटर रोड, ग्रेनो वेस्ट के विभिन्न स्थानों से प्रचार प्रसार सामग्री को हटाया गया। उन्होंने कहा प्रचार सामग्री हटाने का अभियान जारी रहेगा। अवैध रूप से पोस्टर-बैनर लगाने वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उधर तीनों तहसील और नगर पालिका और नगर पंचायतों की टीम भी प्रचार- प्रसार सामग्री को हटाना शुरू कर दिया है। देर रात तक टीमें प्रचार-प्रसार सामग्री को हटाने में जुटी रहीं। प्रशासनिक अफसरों का कहना है कि सभी राजनीतिक पार्टी या नेता के बैनर व पोस्टर को हटाया जाएगा। अगर कोई बिना अनुमति के पोस्टर व बैनर लगाते है तो उन पर आदर्श आचार संहिता के तहत कार्रवाई की जाएगी। वहीं जेवर तहसील क्षेत्र में 200 से अधिक स्थानों पर अभियान चलाकर राजनीतिक पार्टियों की प्रचार सामग्री को हटा दिया गया।

उपजिलाधिकारी जेवर अभय कुमार सिंह के निर्देश पर स्थानीय निकाय के कर्मचारियों की टीम व पुलिस ने मिलकर राजनीतिक दलों के बैनर पोस्ट व वॉल पेटिंग को हटाने का काम शुरू करा दिया। जेवर कस्बे के अलावा एयरपोर्ट विस्थापन टॉउनशिप, व आसपास के गांव के अलावा जहांगीरपुर व रबूपुरा क्षेत्र सहित यीडा क्षेत्र में भी जेसीबी और हाईड्रोलिक क्रेन की मदद से साइन बोर्ड से बैनर हटाने का काम किया गया। यमुना एक्सप्रेसवे के किनारे लगे बडे-बडे होर्डिंग से रविवार सुबह को बैनरों को हटाया जाएगा।


आचार संहिता लगने से अटक गयी कई परियोजनाएं

चुनाव आचार संहिता लागू होने से नोएडा की कई विकास परियोजनाएं अटक गई हैं। शासन और प्राधिकरण स्तर पर इन परियोजनाओं को शुरू कराने पर फैसला बाकी था। अब इन परियोजनाओं का काम करीब ढाई माह तक नहीं हो पाएगा। नोएडा प्राधिकरण के बोर्ड के माध्यम से दादरी- नोएडा गाजियाबाद निवेश क्षेत्र यानी न्यू नोएडा की फाइल शासन को भेजी गई है। शासन को न्यू नोएडा के मास्टर प्लान को मंजूरी देनी है। इसके बाद ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। इसकी फाइल शासन के पास लंबित है।
इसी तरह से जिले की मेट्रो परियोजनाओं के काम में भी देरी होगी। इसमें ग्रेनो वेस्ट मेट्रो, सेक्टर- 142 बॉटेनिकल गार्डन और बोड़ाकी तक का कॉरिडोर शामिल है। इन परियोजनाओं की फाइल राज्य और केंद्र के स्तर पर लंबित है। इनकी ओर से परियोजनाओं को हरी झंडी देने के बाद काम शुरू करने के लिए टेंडर निकालना है। इसके
बाद एजेंसी चयन होने पर काम शुरू हो सकता है। प्राधिकरण की गोल्फ कोर्स परियोजना में फंडिंग पैटर्न में बदलाव के लिए बोर्ड के सदस्यों से मंजूरी लेनी है।
प्राधिकरण की पहले की पॉलिसी के तहत गोल्फ कोर्स का काम सदस्यता के पैसे से करना था। लेकिन अब पैसे की कमी की वजह से काम बंद हो गया। प्राधिकरण इस परियोजना में फंडिंग नहीं कर सकता है। लिहाजा अब इस पैटर्न को बदलने के लिए बोर्ड के माध्यम से मंजूरी लेना है। इसी तरह से चिल्ला रेगुलेटर से महामाया फ्लाईओवर तक प्रस्तावित एलिवेटेड रोड के लिए दूसरी बार टेंडर निकाला गया है। पहली बार के टेंडर में बेस प्राइज से ज्यादा की बोली लगाने की वजह से टेंडर निरस्त हो चुका है। अब सेत निगम ने दसरी बार टेंडर निकाला है।


प्राधिकरण द्वारा नहीं की जाएगी बोर्ड बैठक

नोएडा प्राधिकरण नए वित्तीय वर्ष के लिए करीब सात हजार करोड़ के बजट प्रस्तावों की घोषणा करने वाला था। लेकिन अब प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि बोर्ड बैठक नहीं हो पाएगी। बोर्ड बैठक नहीं होने से कई
परियोजनाओं पर फैसला भी नहीं हो पाएगा। हालांकि बजट के लिए किसी और विकल्प पर विचार किया जाएगा। प्राधिकरण के कार्य प्रभावित न हों इस पर मंथन करने की बात की गई है।

केवल चल रहे कार्यों की होगी समीक्षा 

सीईओ लोकेश एम का कहना है कि चुनाव आचार संहिता लगने के बाद नए कार्य नहीं हो पाएंगे। लिहाजा पहले से चल रहे कार्यों की रोजाना समीक्षा होगी। कार्यों को गुणवत्तापूर्ण तरीके से कराने पर जोर दिया जाएगा। सभी परियोजनाओं की रफ्तार तेज की जाएगी।

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