ग्रेटर वेस्ट के गांव शाहबेरी में शत्रु संपत्ति पर बनी हुई कई अपराधियों को गिरफ्तार करने वाले प्रशासन मंगलेश दुबे और दादरी अंकित अनुज नेहरा सहित कई अन्य अधिकारियों की नियुक्ति की प्रक्रिया जिला प्रशासन में शुरू की गई है। बता दें कि आज पूर्व निर्धारित योजना 28 अगस्त को जिले में प्रशासन के बुलडोजर द्वारा अवैध रूप से बंद की गई व्यवस्था को बहाल करना शुरू कर दिया गया है और इस दौरान भारी संख्या में पुलिस बल की भी तैनाती की गई है।
प्रशासन द्वारा सबसे पहले दिया गया था अल्टीमेटम:
बता दें कि सरकारी अधिकारियों की बात अलग है तो शत्रु संपत्ति को खाली करने में अभी कई दिन लग जाएंगे। रिलेटेड शत्रु संपत्ति पर बनी इन गोदामों को खाली करने के लिए प्रशासन द्वारा सबसे पहले अल्टीमेटम दिया गया था।
करीब 11 हजार वर्ग मीटर जमीन पर करीब 150 टुकड़े बने हुए हैं
असल में करीब 11 हजार वर्ग मीटर जमीन पर 148 से अधिक अवशेष बने हुए हैं। वहीं कुछ महीने पहले प्रशासन के द्वारा बंदिशों को सील भी कर दिया गया था। प्रशासन ने सुझाव दिया कि अल्टीमेटम देने और सील करने के बावजूद भी कुछ महीने पहले प्रशासन के द्वारा बंदिशों की सील को फिर से शुरू कर दिया गया था।
शाहबेरी गांव छाबनी में हुआ नजारा:
बता दें कि विरोध की संभावना को देखते हुए ही सुबह से ही शाहबेरी गांव की छावनी में नकल कर दी गई थी। साथ ही कार्रवाई के दौरान किसी भी तरह की विरोधाभासी स्थिति पैदा नहीं हुई, सभी को देखते हुए एसीपी दो सेंट्रल राजीव गुप्ता ने कहा कि 2 कंपनी पीएसी के साथ हैं। इस दौरान वहां पर स्थानीय पुलिस की भी कार्रवाई जारी रही। साथ ही शत्रु संपत्ति से कब्जे हटाने के लिए यह अभियान कई दिनों तक जारी रहेगा।
आइए जानते हैं आखिर क्या है शत्रु संपत्ति:
जिन लोगों के द्वारा भारत की नागरिकता समाप्त कर दी गई है या पाकिस्तान की नागरिकता हासिल कर ली गई है, तो उनके द्वारा पीछे छोड़ी गई संपत्ति को ही "शत्रु संपत्ति अर्थात शत्रु संपत्ति" के रूप में जाना जाता है। बता दें कि शत्रु संपत्ति अधिनियम, 1968 के अंतर्गत ही सभी संपत्तियों को नियंत्रित किया जाता है। शत्रु शत्रु हमला अधिनियम, 1968 भारतीय संसद द्वारा एक अधिनियम पारित किया गया है, जिसके अनुसार शत्रु शत्रु पर पूरा अधिकार भारत सरकार का होगा। साथ ही यह अधिनियम गृह मंत्रालय द्वारा लागू किया जाता है।