सूरजपुर कोर्ट हड़ताल के बीच बहस करने पहुंचे बीजेपी प्रवक्ता और स्थानीय अधिवक्ताओं के बीच धक्का- मुक्की का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट : सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने थमाया नोटिस, उक्त दोषी के खिलाफ़ हो शीघ्र कार्यवाही...
सूरजपुर कोर्ट हड़ताल के बीच बहस करने पहुंचे बीजेपी प्रवक्ता और स्थानीय अधिवक्ताओं के बीच धक्का- मुक्की का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

बीते बुधवार को सूरजपुर स्थित डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में सुप्रीम कोर्ट के वकील व BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया का जिले के अधिवक्ताओं से विवाद हो गया। देखते ही देखते दोनों तरफ से धक्का-मुक्की शुरू हो गई। जिसके बाद स्थानीय अधिवक्ताओं के द्वारा सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता के कॉलर बैंड पर हाथ फलत: मामला और ज्यादा उग्र होता चला गया। हालांकि थोड़ी देर बाद संबंधित अदालत के जज ने मामले को शांत कराया।

आपको बता दें कि जज की मौजूदगी में गौरव भाटिया का कॉलर बैंड खींचने वाले उक्त अधिवक्ता के खिलाफ़ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने भी स्वत: संज्ञान लिया है और इस बाबत गौतम बुद्ध नगर बार एसोसिएशन को नोटिस जारी कर उक्त अधिवक्ता की पहचान कर आवश्यक कार्यवाही करने की बात भी कही है। 

देश की सुप्रीम अदालत ने मामले की गंभीरता को संज्ञान में लेकर गौतमबुद्ध नगर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव को नोटिस जारी करते हुए जिला जज से भी सीसीटीवी की फुटेज को संरक्षित करते हुए आवश्यक रिपोर्ट भी मांगी गई है।

तो वही सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन ने उत्तर प्रदेश विधिक परिषद के अध्यक्ष को भी इस बाबत पत्र लिखकर दुर्व्यवहार करने वाले वकील के खिलाफ़ विधिसम्मत कार्यवाही करने का आग्रह भी किया है। एक अदालत के अंदर एक वकील द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के साथ ऐसा दुर्व्यवहार गैरपेशेवर और अवैध कृत्य हैं जोकि सभ्य समाज की श्रेणी में नही आता ऐसे व्यवहार की कड़ी निंदा भी बहुत जरुरी है।

गौरतलब हैं कि स्थानीय अधिवक्ताओं के द्वारा अपने एक साथी के पिता के ऊपर रिपोर्ट दर्ज होने की वजह से हड़ताल की घोषणा की गई थी। वहीं दूसरी ओर एक मुकदमे की पैरवी हेतु सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया वहां पहुंचे थे।

आइए समझते हैं क्या हैं पूरा मामला

दरअसल डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में अधिवक्ता मयूख भाटी के पिता के ऊपर थाना बीटा-2 में एक मुकदमा दर्ज हुआ है। इस मुकदमे को लेकर ही अधिवक्ताओं के बीच बैठक हुई थी। बैठक के समय ही उन्होंने पुलिस की इस कार्रवाई पर अपना विरोध जताया, इस बाबत बार अध्यक्ष उमेश भाटी एवं सचिव धीरेंद्र भाटी के द्वारा हड़ताल की घोषणा कर दी गई। इसी वक्त यह सूचना मिली कि कई अदालतों में अधिवक्ता अपने काॅलरबैंड को बांधकर काम कर रहे हैं। जिसे लेकर ही हड़ताली अधिवक्ता अदालतों में पहुंच कर अपने हड़ताल की सूचना दे रहे थे।

शीर्ष कोर्ट के अधिवक्ता तथा BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया भी किसी मामले की पैरवी करने के लिए इसी समय सूरजपुर कोर्ट पहुंचे। जहां उन्हें स्थानीय अधिवक्ताओं ने यह बताया कि उनके द्वारा आज हड़ताल की घोषणा की गई है तथा उन्होंने इसका कारण भी गौरव भाटिया को बताया। इस दौरान कोर्ट में मौजूद जिले के अधिवक्ताओं ने अपने कॉलर बैंड उतार दिया किंतु दिल्ली के अधिवक्ता की तरफ से ऐसा कुछ भी नहीं किया गया। 

कुछ स्थानीय अधिवक्ताओं के द्वारा उनसे कॉलरबैंड उतारने के लिए भी कहा गया लेकिन सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता तथा भाजपा के नेता ने अपना कॉलर बैंड नहीं उतारा। जिसके बाद एक स्थानीय अधिवक्ता ने खींचकर उनका कॉलर बैंड उतार दिया। इसी बात को लेकर दोनों तरफ से अधिवक्ताओं के बीच कहासुनी शुरू हो गई तथा थोड़ी देर बाद ही धक्का-मुक्की भी होने लगी।

जैसे ही घटना की जानकारी स्थानीय पुलिस को मिली वह भी मौके पर पहुंच गई। हालांकि तब तक दोनों तरफ के पक्षों के बीच का मामला शांत हो चुका था। सूरजपुर पुलिस के द्वारा संबंधित अधिवक्ता को पूरी सुरक्षा के साथ ग्रेटर नोएडा बॉर्डर को पार कराया गया। 

घटना के बाद एडीसीपी सेंट्रल हृदय कटारिया ने बताया कि जिला अदालत परिसर में उन्हे अधिवक्ताओं के बीच नोकझोंक होने की सूचना मिली थी। जिसके बाद पुलिस वहां मौके पर पहुंची हालांकि तब तक दोनों पक्ष एकदम शांत हो चुके थे। उन्होंने बताया कि किसी भी पक्ष की तरफ से पुलिस को कोई भी लिखित शिकायत नहीं दी गई है।

वकीलों को लगा कि एल्विश के लिए आए हैं

शीर्ष न्यायालय के अधिवक्ता जब बीते बुधवार को सूरजपुर कोर्ट में पहुंचे थे तब स्थानीय अधिवक्ताओं को यह लगा कि वह लोग एल्विश यादव के मामले में वकील हैं तथा इसलिए ही वह सभी हड़ताल में काम करने पर काफी जोर दे रहे हैं। हालांकि धक्का-मुक्की होने के बाद जब तस्वीर साफ हुई तब पता चला कि गौरव भाटिया एल्विश यादव वाले प्रकरण में कोर्ट नहीं आए थे बल्कि किसी और मामले की पैरवी के लिए कोर्ट पहुंचे थे।

अधिवक्ताओं ने डीसीपी कार्यालय का किया घेराव:

साथी अधिवक्ता के पिता के खिलाफ दर्ज हुए मुकदमें का विरोध करते हुए बीते बुधवार को अधिवक्ताओं के द्वारा डीसीपी साद मियां खान के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया। अधिवक्ताओं की उनसे यह मांग की कि वकील के पिता पर दर्ज हुए मुकदमे को तुरंत रद्द किया जाए। 
जिला बार एसोसिएशन की एक बैठक उमेश भाटी की अध्यक्षता में हुई थी। जिसमे यह कहा गया था कि पी-4 में रहने वाले साथी अधिवक्ता मयूख भाटी के पिता के उपर थाना बीटा-2 में जो मुकदमा दर्ज किया गया है वह बिल्कुल गलत है। बार एसोसिएशन के सचिव श्री धीरेंद्र भाटी ने यह बताया कि बैठक में ही बुधवार को हड़ताल होना तय किया गया था। इसी सिलसिले में विरोध करने हेतु सारे अधिवक्ता डीसीपी कार्यालय पहुंचे थे। जिसके बाद डीसीपी के द्वारा मामले की जांच कर कार्यवाही करने का आश्वासन दिया गया है। 

गौतमबुद्ध नगर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष उमेश भाटी ने बताया कि जिला न्यायालय के परिसर में शीर्ष कोर्ट के अधिवक्ता तथा BJP के राष्ट्रीय प्रवक्ता गौरव भाटिया के साथ किसी प्रकार की मारपीट तथा अभद्रता जैसी कोई भी घटना नहीं हुई है। इसलिए जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं वह सरासर गलत और निराधार है। 

उन्होंने कहा कि यदि उनके सम्मान को किसी भी तरह की ठेस पहुंची है तो बार एसोसिएशन हमेशा उनके साथ है। गौरव भाटिया काफी बड़े अधिवक्ता तथा नेता हैं। कुछ लोगों के द्वारा इसका लाभ उठाते हुए सिर्फ उनको बदनाम करने के लिए ही यह सारी अफवाह फैला रहे हैं। अध्यक्ष तथा सचिव हमेशा उनके साथ हैं।

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