रविवार 17 मार्च को नोएडा पुलिस ने यूट्यूबर एल्विश यादव को गिरफ्तार कर लिया। 17 मार्च को पुलिस एल्विश को लेकर शाम करीब 4 बजे ग्रेटर नोएडा की सूरजपुर कोर्ट पहुंची। इसके बाद कोर्ट ने (विशेष रिमांड मजिस्ट्रेट) ने एल्विश यादव 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। कोर्ट का फैसला सुनने के बाद एल्विश काफी दुःखी हो गया। जब वह कोर्ट से बाहर निकला, तो उसके चेहरे पर उदासी साफ तौर पर दिख रही थी। पुलिस एल्विश को ग्रेटर नोएडा की लुक्सर जेल ले गई।
एल्विश ने पेशी के दौरान दिल्ली से एक वकील बुलाने की मांग की। उसने कोर्ट से 20 मिनट का समय भी मांगा। लेकीन कोर्ट ने 10 मिनट ही दिए। एल्विश का दिल्ली से वकील भी नहीं पहुंचा, मगर उसके साथ एक वकील पहले से मौजूद था।एल्विश से इससे पहले लंबी पूछताछ की गई थी। नोएडा में पिछले दिनों सांप के जहर सप्लाई करने वाले गिरोह के पर्दाफाश के दौरान एल्विश का नाम सामने आया था। नोएडा में एल्विश के खिलाफ केस दर्ज किया गया था।
BJP सांसद मेनका गांधी की संस्था पीपल फॉर एनिमल के एनिमल वेलफेयर ऑफिसर गौरव गुप्ता ने इस मामले में शिकायत की थी। पुलिस ने उनकी शिकायत के आधार पर नोएडा के सेक्टर-49 इलाके में छापा मारा था। इस कार्रवाई के दौरान पांच आरोपियों को पकड़ा गया था। पुलिस ने इस दौरान मौके से 20 ML स्नेक वेनम और नौ जहरीले सांप बरामद किए थे। इनमें 5 कोबरा, 1 अजगर, 2 दोमुंहा सांप और 1 रेड स्नेक शामिल थे। एल्विश का नाम पूछताछ के दौरान ही सामने आया था। तब यह भी पता चला था कि वे लोग एल्विश की पार्टी में सांप और जहर की सप्लाई करते थे। उसके बाद ही थाना सेक्टर- 49 में एल्विश यादव के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। नोएडा पुलिस एल्विश से कई बार पूछताछ भी कर चुकी है।
• सांप का सिर पकड़कर अपने शरीर के इतने करीब लाते हैं, जहां से उसकी जुबान पहुंच जाए। इसके बाद उसके सिर पर हल्का सा टैप करते हैं। सांप सामने जगह पर जोर से डसता है और अपना जहर छोड़ देता है।
• सांप का नशा करने वालों के मुताबिक 10 से 40 सेकेंड तक तेज चुभन होती है। उसके बाद बेहद सुख की अनुभूति, मसल्स में दर्द और नींद आने लगती है।
• शुरुआत में हाथ की छोटी उंगली या पैर के अंगूठे में डसवाते हैं। उसके बाद होंठ, जुबान और कान के लोब्स में भी डसवाना शुरू करते हैं।
• कुछ लोग सांप को बोतल में बंद रखते हैं और उसके मुहाने पर उंगली या जीभ रखकर डसवाते हैं।
इसके अलावा नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अफसरों के अनुसार एक पाउडर होता है, जो सांप के जहर से बना होता है। इसे ड्रिंक्स के साथ मिलाकर पीया जाता है इस पाउडर को स्नेकबाइट पाउडर भी कहा जाता है। इसमें भी सबसे ज्यादा इस्तेमाल कोबरा के जहर का होता है। नारकोटिक्स अफसर बताते हैं कि इसका नशा कुछ घंटे से लेकर पूरे दिन तक भी हो सकता है। निर्भर करता है कि नशे के लिए जहर की मात्रा कितनी ली गई है।
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की रिपोर्ट के अनुसार भारत में नशेड़ी नशे में जिस सांप का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करते हैं, उसका नाम नाजा, नाजा यानी कोबरा, ओफियोड्रिस वर्नालिस यानी हरा सांप और बुंगारस कैर्यूलस यानी कॉमन क्रेट है।
नशे के लिए सांप के जहर के इस्तेमाल की ज्यादा चर्चा होती नहीं है। लेकीन इसके केस पहले भी आते रहे हैं। विशेषज्ञ का मानना हैं कि इसका इस्तेमाल वो लोग करते हैं जो लगातार नशीले पदार्थ जैसे मॉर्फीन और कोकीन से ऊब जाते हैं। जर्नल ऑफ साइकोलॉजिक मेडिसिन के अनुसार सांप के जहर का थोड़ा अमाउंट लिया जाए, तो इसका साइकोएक्टिव इफेक्ट होता है।
मतलब ये इंसान के नर्व सिस्टम को धीमा कर देता है। कुछ अध्ययन में ये भी सामने आ चुका है कि कोबरा के जहर में मॉर्फीन ड्रग जैसा नशा होता है। जब शरीर में सांप का जहर जाता है, तब खून में सक्रिय मेटाबोलाइट्स यानी खाना पचने के बाद बनने वाला पदार्थ रिलीज होता है। इसमें पेप्टाइड्स, सेरोटोनिन, ब्रैडीकिनिन, प्रोस्टाग्लैंडिंस और दूसरे इसी तरह के पदार्थ शामिल हैं।
October 2023 की बात है। BJP नेता मेनका गांधी की संस्था पीपल्स फॉर एनिमल्स की ओर से नोएडा पुलिस को एल्विश यादव के खिलाफ शिकायत की गई थी। FIR में लिखा था कि जिंदा सांपों के साथ एल्विश दिल्ली NCR के फार्म हाउस में वीडियो शूट कराता है।
रेव पार्टियों में विदेशी लड़कियों के शामिल होने की बात भी सामने आई। गैरकानूनी रूप से रेव पार्टियों में इन सापों और उनके जहर का इस्तेमाल होता है। आरोप लगा था कि इन पार्टियों में स्नेक वेनम और दूसरे ड्रग्स का सेवन किया जाता था। केस में गिरफ्तार आरोपी राहुल यादव का एक ऑडियो क्लिप सामने आया था, जिसमें उसने PFA मेंबर को बताया था कि उसने एल्विश की पार्टी में ड्रग्स पहुंचाई गई थी।
पुलिस को राहुल के पास से 20ml जहर मिला था। वन विभाग ने 12 सांपों को मेडिकल परीक्षण और FSL जांच के लिए भेजा था। इसमें खुलासा हुआ था कि पांच कोबरा की विष ग्रंथि निकाली गई थी।
22 साल का मुस्लिम युवक जिसने 8वीं के बाद पढ़ाई छोड़ दी। एक प्राइवेट(private) अस्पताल में वार्ड बॉय का काम करता था। उसे ब्राउन शुगर(brown sugar) की लत लग गई। शुरुआत में वह रोजाना(daily) दो सैशे ब्राउन शुगर इस्तेमाल करता था। धीरे-धीरे वह दिन में चार से पांच सैशे लेने लगा। नशे के लिए उसने कफ सिरफ का भी यूज करना शुरू कर दिया। लेकीन इसके बावजूद उसे अधिक नशे की जरूरत महसूस होती रही।
वर्ष भर के अंदर उसने नशे के लिए स्नेक बाइट का यूज शुरू कर दिया। उसने बताया कि हरे रंग का सांप एक बोतल में होता था। सांप के सिर पर टैप करने पर वो अंगूठे या जीभ में काट लेता था। 2500 रुपए एक स्नेक बाइट के लगते थे।
सांप से कटवाने के बाद उसे धुंधला दिखने लगता था, बेहोशी छाने लगती थी और उत्तेजना बढ़ जाती थी। इसके बाद 18 से 20 घंटे के लिए वो गहरी नींद में जाता था। धीरे-धीरे सांप से कटवाने के बावजूद इसका असर घटने लगा और नींद का समय 10 से 12 घंटे तक सिमट गया।
22 साल का एक मुस्लिम लड़का 10वीं पास और व्यवसाय से स्वीपर। ब्राउन शुगर की लत की वजह से हॉस्पिटल में भर्ती किया गया। वो चार साल से ब्राउन शुगर(brown sugar) ले रहा था। धीरे-धीरे उसका कंजप्शन बढ़कर 5 सैशे प्रतिदिन हो गया था।
अपने दोस्तों के साथ एक बार वह मुंबई की एक रेव पार्टी में गया। वहां सभी ब्राउन शुगर(brown sugar) लेने के बाद सांप से कटवा रहे थे, उसने भी ऐसा किया। एक बॉक्स में सांप था, जिसके होल में जीभ रखनी होती थी। सांप उस पर काट लेता था। ब्राउन शुगर लेने के बाद शख्स ने होल में जीभ रखा और सांप ने डस दिया। इस स्नेक बाइट के बाद वह अगले बारह से चौदह घंटे तक सोता रहा। उसे सांप से कटवाने की आदत इसके बाद लग गई और ज्यादातर वह इस तरह की पार्टी में शामिल होने लगा।
रांची का रहने वाला 28 वर्षीय एक सपेरा रोजाना शराब पीता था। कई बार कोशिश करने के बावजूद 15 साल पुरानी लत छूट नहीं रही थी। एक बार उसने सांप से डसवा लिया। इसका नशा उसे 6 से 7 दिनों तक रहा। धीरे-धीरे उसकी शराब की लत छूटने लगी, लेकिन सांप से डसवाने की लत बढ़ती गई।
एक खबर के मुताबिक कोबरा के एक ग्राम जहर की कीमत 4 हजार रुपए से लेकर 26 हजार रुपए तक है। इन कीमतों के तय होने का मानक है कि कोबरा कितना जहरीला है। जिस कोबरा का जहर जितना ज्यादा जहरीला होगा, उसकी कीमत उतनी ज्यादा होगी।
अंतराष्ट्रीय बाजार में यह कीमतें और भी बढ़ जाती हैं। उदाहरण के लिए सांप का एक ग्राम जहर 150 डॉलर यानी करीब 10 हजार रुपए से भी ज्यादा दाम में बिकता है। वहीं किंग कोबरा के एक गैलन जहर की कीमत करीब 1 लाख 53 हजार डॉलर है। ये सारी कीमतें अवैध रूप से तस्करी की जाने वाले सांप के जहर की हैं।
दुनियाभर में सांपों के जहर का कारोबार वैध और अवैध दोनों रूप से चलता है। कानूनी रूप से सांप के जहर का इस्तेमाल दवाओं को बनाने में होता है।
चीन में तो सांपों की खेती और कारोबार किया जाता है। यहां जिसिकियाओ नाम का एक गांव है जहां इन्हें पाला जाता है। इनके जहर को फिर फार्मास्यूकिकल इंडस्ट्री को बेच दिया जाता है।
चीन के अलावा भारत, मलेशिया और इंडोनेशिया जैसे देशों में सांपों के जहर का बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार होता है।
•भारत में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972
• विदेशी व्यापार (विकास और विनियम) अधिनियम 1992
एल्विश यादव के खिलाफ भी नोएडा पुलिस ने वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम 1972 की धारा 9, 39, 48 ए, 49, 50, 51 और IPC की धारा 120 बी के तहत FIR दर्ज की है।
असल में पीपुल फॉर एनिमल यानी PFA नाम की संस्था ने स्टिंग कर एल्विश के सांप कनेक्शन का खुलासा किया है।
PFA ऑर्गेनाइजेशन(organisation) के गौरव गुप्ता के अनुसार उन्हें सूचना मिली थी कि एल्विश यादव स्नेक वेनम और जिंदा सांपों के साथ नोएडा और दिल्ली NCR के फार्म हाउस में रेव पार्टी करते हैं। इन पार्टियों में विदेशी लड़कियों को बुलाकर स्नेक वेनम और नशे का सेवन किया जाता है।
संस्था ने स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर इस पूरे मामले में एक स्टिंग करने का फैसला किया। पूरी प्लानिंग के जरिए एल्विश से संपर्क कर उसे नोएडा में एक रेव पार्टी में कोबरा वेनम का इंतजाम करने के लिए कहा गया। एल्विश PFA के मकसद को भांप नहीं पाए और उसके जाल में फंस गए।
एल्विश ने इस काम के लिए अपने एजेंट राहुल से मिलने की बात कहकर उसका मोबाइल नंबर दे दिया। उसने कहा कि इससे मेरा नाम लेकर बात कर लो।
2 नवंबर को गौरव गुप्ता ने राहुल से बात करके सेक्टर-51 स्थित सेवरोन बैंक्विट हॉल में रेव पार्टी का वेन्यू तय किया। इसकी सूचना नोएडा फॉरेस्ट टीम को पहले ही दे दी गई थी। जब तय समय पर तस्कर सांपों के साथ वहां पहुंचे तो स्थानीय पुलिस और वन विभाग की टीम ने नौ जिंदा सांपों के साथ पांच लोगों को हिरासत में ले लिया।