ग्रेटर नोएडा:: अवैध कालोनियों के खिलाफ भूमि माफियों की जांच करेगी एसटीएफ
ग्रेटर नोएडा:

अवैध कालोनियों के खिलाफ भूमि माफियों की जांच करेगी एसटीएफ

ग्रेटर नोएडा वेस्ट के बिसरख एवं हिंडन डूब क्षेत्र में कॉलोनाइजर तथा भूमि माफियाओं द्वारा करोड़ो रुपए की प्राधिकरण की भूमि पर कब्जा करके बेचने के मामले में अब शासन ने एसटीएफ यानी स्पेशल टास्क फोर्स को जांच सौंप दी है। जांच के बाद प्राधिकरण तथा विभाग के जिन अधिकारियों की इसमें संलिप्तता पाई जायेगी उनके खिलाफ भी सख्त कार्यवाही की जायेगी। 
वहीं दूसरी ओर प्राधिकरण ने भूमि पर कालोनी काटने वाले भूमि माफियाओं खिलाफ बिसरख कोतवाली में भी तहरीर दी गई है। साथ ही कार्यवाही करते हुए प्राधिकरण के सर्कल अधिकारी को भी तत्काल रूप से हटा दिया गया है।

समझते हैं क्या है पूरा विवरण:

दरअसल, ग्रेटर नोएडा में हिंडन का डूब क्षेत्र तथा बिसरख की ग्राम समाज सहित आस पास के गावों की भी जमीन पर वहा के भूमि माफियाओं ने जम कर कालोनी काटी फिर उन पर विला बना कर उन्हे बेच दिया। जबकि यह जमीन प्राधिकरण की तरफ से अधिसूचित भूमि थी और किसानों ने कुछ जमीन पर अपना मुआवजा भी उठा लिया था।

बिसरख में एक स्पेशल खसरा नंबर पर मौजूद 90 बीघा जमीन में से करीब 20 बीघा भूमि आबादी के रूप में शेष बची हुई थी। बाकी जमीन को प्राधिकरण द्वारा अधिकृत कर लिया गया था। इसके बावजूद भी कॉलोनाइजर तथा भूमि माफियाओं ने भूमि पर प्लॉटिंग करके उसे लोगों को बेच दिया। इससे न केवल प्राधिकरण को करोड़ों रुपयों का भरी नुकसान हुआ है बल्कि साथ ही डूब क्षेत्र में आम जनता को वहां बसाकर उनकी जान से साथ भी खिलवाड़ किया गया है।

गांव के लोगों ने ही की थी शिकायत:

बता दें कि इस सम्पूर्ण मामले की शिकायत बिसरख गांव के लोगों द्वारा ही जिला प्रशासन से लेकर सीएम तक की गई थी। शिकायत मिलने के बाद जब जांच हुई तो मामला एकदम सही पाया गया। किंतु कोई ठोस सबूत न मिलने की वजह से कोई कार्यवाही नहीं की गई। जमीन पर यह बंदरबांट पिछले करीब 7 से 8 वर्षों में सबसे अधिक हुई है। प्राधिकरण की टीम द्वारा जब भी अवैध निर्माण को हटाने के लिए वहा पहुंचा गया तो बिना किसी कार्यवाही के ही वापस लौटना पड़ा। 

प्राधिकरण के अधिकारियों की मिली भगत आई सामने:

बिसरख तथा हिंडन के डूब क्षेत्र में अवैध रूप से अनेक कालोनी काटने तथा वहां विला बना कर बेचने के मामले में प्राधिकरण के ही अधिकारियों की मिली भगत सामने आ गई है। इसमें अवैध निर्माण को अनदेखा कर कई अधिकारियों ने भी होने वाली इस बंदरबांट में खूब मलाई खाई है। 
मगर अब बिसरख एवं डूब क्षेत्र की स्थिति को देख कर तीन आला अधिकारियों को तत्काल रूप से हटा दिया गया है। जिसमे एक वरिष्ठ प्रबंधक मनोज कुमार भी शामिल थे। 

तत्काल रूप से बिजली कनेक्शन पर लगाई गई रोंक:

प्राधिकरण ने मामले को गंभीरता से लेते हुए बिसरख तथा डूब क्षेत्र के अवैध कालोनी काटने वाले एरिया में नोएडा पावर कंपनी को एक पत्र लिख कर तत्काल रूप से बिजली कनेक्शन देने पर रोक लगा दी है।

पिछले सप्ताह ही डेढ़ सौ करोड़ की भूमि को कराया गया था अतिक्रमण मुक्त:प्राधिकरण द्वारा हाल ही में चलाए गए एक अभियान के तहत करीब डेढ़ सौ करोड़ से अधिक की भूमि को अतिक्रमण मुक्त किया गया था। लेकिन वर्तमान समय में भी कई अरबों रुपयों की ग्रेनो वेस्ट में जमीन पड़ी हुई है। 
प्राधिकरण द्वारा जिला प्रशासन को एक पत्र लिख कर बिसरख तथा हिंडन के डूब क्षेत्र के कुछ विशेष खसरा और कई अन्य गावों के खसरा पर रजिस्ट्री के लिए तत्काल रोक लगाने को कहा है।

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