ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सराहनीय पहल: भूमाफियाओं की गिरफ्त से बचाने और अवैध प्लॉट, विला जैसी जमीन की पूरी जानकारी देने आ रहा हैं भूलेख सेल
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सराहनीय पहल

भूमाफियाओं तथा कोलोनाइजरों के द्वारा ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में अब लोगों को ठगना आसान नहीं होगा। दरअसल ठगी से बचने के लिए ग्रेनो प्राधिकरण के द्वारा भूलेख सेल बनाने की तैयारी की जा रही है।

कही भी प्लॉट, विला आदि खरीदने से पहले आप इस सेल के अंतर्गत आवेदन करके जमीन, प्लॉट तथा विला सहित कई अन्य संबंधित जानकारीयां प्राप्त कर सकेंगे।

यदि किसी खसरा संख्या अथवा प्लॉट संख्या को लेकर कोई भी विवाद होता है तो लोगों को उसकी पूरी जानकारी यहां पर मिल सकेगी। इसमें यह भी प्रावधान किया गया है कि अगर भूलेख विभाग से कोई भी गलत सूचना मिलती है तो इसके लिए नोडल अधिकारी को जिम्मेदार माना जायेगा। बताया जा रहा है कि इसी साल के अप्रैल माह तक इसकी शुरुआत कर दी जाएगी।

अंततः जनता को भुगतना पड़ता है खमियाजा:

दरअसल आए दिन ऐसी शिकायते बढ़ती जा रही है अर्थात् ग्रेटर नोएडा तथा ग्रेटर नोएडा वेस्ट में काॅलोनाइजर तथा भूमाफियाओ के द्वारा हिंडन के डूब क्षेत्र एवं ग्रेनो प्राधिकरण की अधिगृहीत भूमि पर भी कालोनी काटकर उन्हे बेच दिया जाता हैं जिसके बाद प्राधिकरण को इसके बारे में पता चलता है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है, जिसका अंततः खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है खासकर उनको जिनकी जीवन भर की कमाई दाव पर लग जाती है और कॉलोनाइजर अवैध प्लॉटिंग करके निकल जाते हैं।

अब भूलेख विभाग के अंतर्गत बनने वाली इस प्रस्तावित भू लेख सेल से लोगों को काफी हद तक निजात मिल सकेंगी और वे समय रहते इनके जाल में आने से बच सकेंगे। आपको बता दे कि प्रस्तावित सेल को अमल में लाने के लिए प्राधिकरण द्वारा इसकी जिम्मेदारी अधीनस्थ अधिकारियों को दे दी गई है और द्रुत गति से प्रोजेक्ट पूर्ण हो ऐसे निर्देश भी जारी किए गए हैं।

आइए समझते हैं कैसे काम करेगी यह भूलेख विभाग अधीन भूलेख सेल:

भूलेख सेल के अन्तर्गत क्षेत्र के समस्त गांवों का लेखा-जोखा रखा जाएगा। जिसमे किन-किन गांवों के अंदर कौन-कौन से खसरा संख्या में प्राधिकरण तथा किसानों के बीच विवाद है तथा इसके साथ ही इसमें कितना प्राधिकरण के पास मौजूद है, इन सबकी जानकारी भी मिल सकेगी।

इसके अलावा सेल में यह भी जानकारी दी जाएगी की किस खसरे में अभी कॉलोनाइजर सक्रिय हैं तथा गांवों के जिन खसरा नंबरों की भूमि को प्राधिकरण के द्वारा अधिगृहीत कर लिया है, उनकी जानकारी भी यहां मिलेगी। किसी के द्वारा जानकारी हासिल करने हेतु एक लिखित रूप आवेदन करना होगा।

क्यों उठाना पड़ा प्राधिकरण को ऐसा कदम:

दरअसल बिसरख गांव के खाता संख्या 773 पर करीब 40 हजार वर्गमीटर भूमि को प्राधिकरण द्वारा अधिगृहीत कर लिया गया था। जिसके बाद भूमाफिया तथा कॉलोनाइजर के द्वारा इस भूमि पर कब्जा करते हुए उसे अपना बताया गया तथा 150 से भी अधिक लोगों को इसे अवैध रूप से बेच भी दिया गया। जिसके बाद लोगों ने इस जमीन पर अपने घर बना लिए। इन सब मामलों की शिकायत जब बिसरख के ग्रामीणों के द्वारा मुख्यमंत्री जी से की गई तब इस पूरे प्रकरण का खुलासा हुआ। जिसमे ज्ञात हुआ कि काफी ज्यादा भूमि पर कॉलोनाइजर के द्वारा कॉलोनी काटी जा चुकी है।

ग्रेनो प्राधिकरण के एसीईओ अन्नपूर्णा गर्ग ने कहा कि ग्रेटर नोएडा में आए दिन यह देखा गया है कि भूमाफिया तथा काॅलोनजाइर अवैध तरीके से प्लॉट काटकर जनता को बेच देते हैं। इस समस्या के बेहतर समाधान के लिए ही प्राधिकरण के द्वारा यह योजना बनाई जा रही है। इससे लोगों को यह पता चल सकेगा कि उनके द्वारा किसी जगह प्लॉट लेना सही होगा अथवा गलत।

उन्होंने कहा की भूलेख सेल के माध्यम से आम लोगों को यह पता चल सकेगा कि उनके द्वारा ली जा रही भूमि डूब क्षेत्र की है अथवा ग्रेनो प्राधिकरण की। इन सबकी जानकारी सेल में आवेदन करके ली जा सकेगी। इसके साथ ही प्रत्येक गांव की भी सूची इसकी वेबसाइट पर अपलोड कराई जाएगी।

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