ग्रेटर नोएडा: उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में 12 से भी अधिक किसान संगठनों के द्वारा संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में अपनी मांगों को लेकर एक महापंचायत आयोजित की गई। बता दें कि जिले के कई गांवों से सुबह से ही हजारों किसान ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के कार्यालय पर पहुंचने लगे थे।
वहीं किसानों के इस पूरे आंदोलन को देखते हुए पुलिस तथा जिला प्रशासन के अधिकारी और भी सतर्क हो गए, जिससे प्राधिकरण के कार्यालय को पूरी तरह से एक पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।
सुबह से ही सिटी पार्क पर जमा हुए थे सभी किसान:
दरअसल किसान सुबह से ही सिटी पार्क पर जमा हुए थे। यहां से वह पैदल चलकर प्राधिकरण को पहुंचे। उसके पश्चात उन्होंने महापंचायत शुरू की। पुलिस के द्वारा करीब 3000 किसानों को ही महापंचायत में शामिल होने के लिए परमिशन दी गई थी, लेकिन किसान नेताओं के द्वारा लगभग 10000 से ज्भी अधिक किसानों के पहुंचने की बात कही गई है।
बता दें कि किसान नेताओं के द्वारा यह स्पष्ट किया गया है कि यह आंदोलन अभी बिल्कुल खत्म नहीं होगा। बल्कि आंदोलन को और अधिक तेज करने के लिए 28 नवंबर से लेकर 1 दिसंबर तक यमुना प्राधिकरण पर ही यह प्रदर्शन जारी रहेगा। इसके पश्चात 2 दिसंबर से सभी किसान दिल्ली की तरफ कूच करेंगे।
राकेश टिकैत समेत कई बड़े किसान नेता पहुंचे:
दरअसल संयुक्त किसान मोर्चा के नेतृत्व में ही ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसान महापंचायत कर रहे हैं। वहीं अब इस महापंचायत में भाकियू अर्थात् भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत समेत वरिष्ठ किसान नेता हन्नान मौला तथा लगभग 3 हजार किसान शामिल हुए हैं। राकेश टिकैत के द्वारा यह कहा गया कि प्राधिकरण किसानों की बात सुनने को बिल्कुल भी तैयार नहीं है।
किसानों को दिखानी चाहिए अपनी ताकत:
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि किसान संगठनों को अलग थलग कर दिया गया था लेकिन अब दोबारा सभी संगठन एक हो चुके हैं। यदि प्राधिकरण तथा सरकार किसानों की ताकत को देखना चाहती हैं तो सभी किसानों की अपनी ताकत उनको दिखानी होगी।
उन्होंने आगे यह भी कहा कि जब तक यहां पर सभी किसान डटें नहीं रहेंगे, तब तक उनकी मांगों को प्राधिकरण के लोगों के द्वारा नहीं सुना जाएगा। इसलिए सभी किसानों को यहीं पर डटना होगा, तभी उनकी कोई भी सुनवाई होगी।
2 दिसंबर को दिल्ली की तरफ करेंगे कूच:
वहीं किसान नेता रूपेश वर्मा के द्वारा यह कहा गया कि सभी किसान नेताओं का यह कहना है कि ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर आए हुए किसानों का आंदोलन अब बिल्कुल निर्णायक चरण में पहुंच गया है। आज होने वाली इस किसान महापंचायत के पश्चात अनिश्चितकालीन आंदोलन भी शुरू किया जाएगा।
वहीं यह महापड़ाव आने वाली 27 नवंबर तक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर जारी रहेगा। इसके पश्चात 28 नवंबर से लेकर 1 दिसंबर तक यह यमुना प्राधिकरण के पास जारी किया जाएगा। वहीं आंदोलन का तीसरा तथा अंतिम चरण संसद सत्र के दौरान 2 दिसंबर को राजधानी दिल्ली कूच के रूप में संपन्न किया जाएगा।
जानते हैं कि आखिर महापंचायत में किन मांगों पर हुई है चर्चा:
1 - सबसे पहले पुराने भूमि अधिग्रहण कानून के अंतर्गत प्रभावित सभी किसानों को 10% प्लॉट तथा 64.7% का बढ़ा हुआ मुआवजा दिया जाए।
2- वहीं 1 जनवरी 2014 के पश्चात अधिग्रहित भूमि पर वर्तमान बाजार दर का 4 गुना मुआवजा तथा 20% प्लॉट भी दिया जाए।
3 - इसके अतिरिक्त भूमिहीन किसानों के सभी बच्चों को रोजगार तथा पुनर्वास का लाभ भी दिया जाए।
4- साथ ही हाई पावर कमेटी के द्वारा पास किए गए सभी मुद्दों पर सरकारी आदेश तत्काल रूप से जारी किया जाए।
5- वहीं। अंतिम रूप से आबादी क्षेत्र का उचित निस्तारण भी किया जाना चाहिए।
राकेश टिकैत ने दिया “बंटोगे तो लुटोगे” का स्पष्ट संदेश:
भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत के द्वारा किसानों को संबोधित करते हुए यह कहा गया कि पिछले 30 सालों से अधिकारियों के द्वारा किए गए सभी वादों को आज तक पूरा नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यह लड़ाई अब आर-पार की होगी तथा नोएडा के किसान यदि हारते हैं, तो यह पूरे भारत देश के किसानों की हार होगी।
राकेश टिकैत के द्वारा आगे सभी किसानों से एकता बनाए रखने तथा अपनी कमेटी पर पूरा विश्वास करने का आग्रह भी किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का नारा है कि “बंटोगे तो कटोगे” जबकि हम सभी किसानों का नारा है कि “बंटोगे तो लुटोगे”।
पुलिस की तगड़ी रही सुरक्षा व्यवस्था:
वहीं दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा आंदोलन की घोषणा के पश्चात पुलिस के द्वारा भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की ओर आने वाले सभी रास्तों को पुलिस के द्वारा बंद कर दिया गया था।
इसके साथ यह प्राधिकरण के दोनों गेटों पर भी बैरीकेटिंग की गई थी। वहीं प्राधिकरण के अधिकारी एवं कर्मचारी जो भी सुबह कार्यालय पहुंचे थे, वह फिलहाल कार्यालय में ही कैद रहे। बता दें कि पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी लगातार इस पूरी स्थिति पर अपनी नजर बनाए हुए थे।
किसानों के द्वारा एसीईओ (ACEO) को लौटाया:
आपको बता दें कि कल शाम को लगभग साढ़े 5 बजे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ (ACEO) आशुतोष तथा अन्य अधिकारी किसानों से वार्ता करने बाहर पहुंचे थे। लेकिन जब अधिकारियों के द्वारा जमीन पर बैठकर किसानों से वार्ता करने से मना कर दिया गया।
इस वजह से सभी किसान संगठन के नेता अधिकारियों से नाराज हो गए तथा उन्होंने अधिकारियों को वापस भी लौटा दिया। कुछ समय पश्चात अधिकारी दोबारा आए तथा जमीन पर ही बैठकर वार्ता की, जिससे सभी किसानों में थोड़ी राहत भी आई है।